दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए महिला सैन्य अधिकारियों को सेना में स्थाई कमिशन देने पर मुहर लगा दी है। सुप्रीम क ोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी ने खंडपीठ ने कहा कि अब मानसकिता बदलनी होगी।
खंडपीठ ने मोदी सरकार को अगले तीन महीने के भीतर अदालत के आदेशों की पालना के आदेश दिए और कहा कि लैंगिक आधर पर भेदभाव नहीं किया जा सकता । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थाई कमिशन तमाम सैन्य महिलाओं पर लागू होगा चाहे उनका सेवा काल कितना ही क्यों न हो। न्यायमूर्ति चंद्रचूड् ने कहा कि अदालत इस याचिका का निपटारा करती है।
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के दस साल पहले के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। जिसे आज अदालत ने निपटा दिया और सैन्य महिला अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुना दिया।
खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार की दलीलें परेशान करने वाली है जबकि महिलाएं पुरूषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम करती है। खडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार मानसकिता व अपने नजरिए में बदलाव लाएं। महिला सैन्य अधिकारियों ने देश का गौरव बढ़ाया है।
खंडपीठ ने साफ किया कि महिला सैन्य अधिकारियों को कमांड पोस्टिंग से इंकार करना सही नहीं है । इस पोस्टिंग पर पाबंदी को कानून में बनाया नहीं रखा जा सकता ।
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