शिमला। प्रदेश में युवाओं के कौशल विकास के लिए तीन योजनाएं लागू की जा रही है व इन सभी योजनाओं के तहत प्रदेश के एक लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार प्राप्त करने के योग्य बनाया जाएगा।
सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक इस समय प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, एशियन विकास बैंक के सहयोग से कौशल विकास योजना व दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य विकास योजना चलाई जा रही है। कौशल विकास निगम द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 22 प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण देने का कार्य सौंपा गया। 22 हजार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 2340 प्रशिक्षुओं की ओर से प्रशिक्षण पूरा किया गया, 341 प्रशिक्षुओं को रोजगार प्राप्त हुआ है।
कौशल विकास निगम के सहयोग से उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से स्नातक स्तर पर वोकेशनल शिक्षा का कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें शैक्षणिक सत्र 2017-18 में 824 व 2018-19 सत्र में 1010 विद्यार्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया है।
कौशल विकास निगम द्वारा चयनित महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ग्रेजुएट एड-आॅन कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसमें इस सत्र में 750 विद्यार्थी शामिल हुए। 28 मार्च, 2018 को एशियन विकास बैंक के साथ 650 करोड़ रुपये की 5 वर्षीय कौशल विकास परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
प्रवक्ता के ने कहा कि इस परियोजना के तहत 53 हजार से ज्यादा युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा, 50 आई.टी.आई. स्तरोन्नत की जाएगी, 6 शहरी आजीविका केन्द्र व 7 ग्रामीण आजीविका केन्द्र खोले जाएंगे। एशियन विकास बैंक के सहयोग से चलाए जा रहे कौशल विकास कार्यक्रम के तहत तीन प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को अल्प अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए सूचीबद्ध किया गया। इस कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में 7 हजार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
एशियन विकास बैंक की इस परियोजना के तहत निगम द्वारा आदर्श कैरियर केन्द्र, हमीरपुर, राजकीय महिला तकनीकी महाविद्यालय, कांगड़ा, शहरी आजीविका केन्द्र, शमशी, शहरी आजीविका केन्द्र, सुन्दरनगर वा शहरी आजीविका केन्द्र, नाहन के निर्माण कार्य शुरू किए।मंडी जिले में ग्रामीण आजीविका केन्द्र, सदयाना, शिमला जिला के ग्रामीण आजीविका केन्द्र, चौपाल तथा प्रगतिनगर के निर्माण कार्य शुरू किए गए।
77 करोड़ रुपए की लागत से दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना लागू की गई। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 21.56 करोड़ रुपये की पहली किश्त प्राप्त हो चूकी है। इससे 50,000 युवाओं को रोजगार सम्बन्धी कौशल प्रदान किया जाएगा। तमाम रोजगार केन्द्रों को कौशल पहचान केन्द्रों और आदर्श कैरियर परामर्श केन्द्रों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया। इससे युवाओं के लिए परामर्श के माध्यम से रोजगार एवं प्लेसमेंट के अवसर बढ़ेंगे।
ग्रामीण महिलाओं को पंचायत स्तर पर संगठित करके अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक कराना, उनके उत्थान के लिए चलाई जा रही कई योजनाओं के बारे उन्हें अवगत करवाने तथा कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नई सशक्त महिला योजना शुरू की गई है।
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