शिमला। कोरोना विषाणु से निपटने के लिए डाक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए जयराम सरकार ने अब सेना और अर्धसैनिक बलों से सेवानिवृत्त हुए सभी डाक्टरों ,संकाय सदस्यों और पैरामेडिकल स्टाफ को चिकित्सा अधिकारी और पेरामेडिकल स्टाफ के पदों पर नियुक्ति देने की पेशकश की है। इन डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के पास समकक्ष या एनालॉग पद पर काम करने का अनुभव के साथ-साथ इन पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक, व्यावसायिक योग्यता और निर्धारित अवधि तक काम करने का अनुभव होना चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर डी धीमान ने कहा कि कोरोना विषाणु के संक्रमण से निपटने के लिए राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में श्रम शक्ति को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की ओर से यह पेशकश की जा रही है।
यहां जारी किए गए आदेश के मुताबिक यह प्रस्ताव पूरी तरह से अस्थायी आधार पर एक स्टॉप-गैप व्यवस्था के रूप में है और बिना किसी नोटिस दिए या किसी भी कारण बताए बिना समाप्त या वापस लिए जा सकता है। यह प्रस्ताव पहली अप्रैल से अगले आदेशों तक प्रभावी रहेगा। उन्हें पद के न्यूनतम वेतन बैंड और ग्रेड वेतन के बराबर निर्धारित मासिक वेतन या मानदेय का भुगतान किया जाएगा।
धीमान ने कहा कि पूर्व सशस्त्र बल और अर्धसैनिक बलों के कर्मचारी संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी या मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्य के कार्यालयों में नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्हें नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। जिले या मेडिकल कॉलेज में समतुल्य या एक्स काडर पदों में उपलब्ध रिक्तियों पर इन नियुक्तियों को किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन तमाम व्यवस्थाओं पर आने वाले खर्च को आपदा प्रबंधन के तहत निधि में से वहन किया जाएगा जो रोगी कल्याण समितियों के पास उपलब्ध है।
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