शिमला।न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने जयराम सरकार को चेताया है कि अगर फरवरी महीने से पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो बजट सत्र के दौरान प्रदेश भर से एक लाख कर्मचारी राजधाानी में डेरा डाल कर शहर को जाम कर देंगे । महासंघ ने इसके अलावा सत्तापक्ष और विपक्ष के सभी 68 विधायकों के आवास के बाहर भी प्रदर्शन करने का एलान किया है। राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने जयराम सरकार पर पुरानी पेंशन की बहाली पर गम्भीर नहीं होने का इल्जाम लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया था लेकिन वो कमेटी अब तक गठित नही हुई है। इससे सरकार की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
ठाकुर ने कहा कि 12 व 13 फरवरी को सभी विभागों के कर्मचारी पेंशन बहाली को लेकर मैराथन बैठकें करेंगे। फरवरी महीने में अगर पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो मार्च माह में बजट सत्र के दौरान एक लाख एनपीएस कर्मचारी शिमला में डेरा डालेंगे और सरकार से पेंशन बहाली की मांग को मनवाकर ही रहेंगे।
प्रदीप ठाकुर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सुरेश कश्यप की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर दिए इस बयान का कि एनपीएस देश में लागू है ऐसे में कोई एक राज्य पुरानी पेंशन बहाल कैसे कर सकता है। ठाकुर ने कहा कि अगर सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू नहीं की गई तो विधायकों और सांसदों की पेंशन भी बंद की जानी चाहिए।
नई पेंशन स्कीम की खामियों को उजागर करते हुए प्रदीप ठाकुर ने कहा कि इसमें कर्मचारियों का पैसा बढ़ने की बजाय घट रहा है। उन्होंने विपक्षी विधायकों से आग्रह किया कि ओल्ड पेंशन बहाली का मुद्दा प्रमुखता से उठाएं और विधानसभा में कर्मचारियों की आवाज बने।
उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल करने से सरकार को 4 हजार करोड़ का फायदा पहुंचेगा क्योंकि मौजूदा समय में सरकार एनएसडीएल कम्पनी को करोड़ों रुपये देती है। राज्य सरकार कर्मचारियों के पैसे के रखरखाव के लिए कम्पनी को 17 करोड़ 84 लाख रुपये देती है। इस तरह करोड़ों की रकम का दुरुपयोग ही रहा है जबकि ये रकम विकास कार्यों में लगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर पक्ष व विपक्ष की ओर से उनकी मांग को गम्भीरता से नहीं लिया गया तो विधायकों की पेंशन बंद करने की मांग उठाई जाएगी।
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