शिमला। लंबे अरसे से प्रदेश के नेताओं व नौकरशाहों की जुंडली के कुप्रबंधन की वजह सें आर्थिक बदहाली में फंसी हिमाचल सरकार का कामकाज चलाने के लिए सुखविंदर सिंह सरकार ने अपने पहले ही बजट में नए टैक्स लगाने की जगह पर सेस लगाने का मायाजाल फेंका हैं।
इसके अलावा विधानसभा चुनावों से पहले सत्ता में आने के लिए दस गारंटियों की डुगडुगी बजाने वाली कांग्रेस की सुक्खू सरकार अपने पहले 53 हजार 413 करोड़ रुपए के प्रस्तावित बजट में यूटर्न लेती नजर आ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में दावा किया गया है कि खराब वितीय स्थितियों के चलते सरकार की ओर से पहली बार अतिरिक्त संसाधन जुटाने का प्रयास किया गया हैं। सरकार ने बिजली बनाने में इस्तेमाल होने वाले पानी पर जल सेस लगाने का एलान किया हैं। इससे सरकार ने चार हजार करोड़ रुपए सालाना आय सृजित करने की उम्मीद जताई है लेकिन इस बावत जमीन पर अभी कोई रूपरेखा नहीं हैं। यह कदम कितना सफल हो पाएगा यह महत्वपूर्ण होगा।
इसके अलावा बजट में शराब के ठेकों की नीलामी से भी आय बढ़ने की उम्म्मीद जताई है । उन्होंने आज सदन में अब तक हुई ठेकों की नीलामी में 30 से 66 फीसद की बोली लगने का दावा किया हैं। इसके अलावा सरकार ने शराब की बोतल पर दस रुपए का सेस लगा दिया हैं। इससे उम्मीद जताई गई है कि इससे सौ करोड़ रुपए जुटाए सकेंगे । सुक्खू ने सदन में कहा कि जिस तरह से नीलामी में रिस्पांस मिल रहा है उससे यह रकम कहीं ज्यादा हो सकती हैं। लेकिन इस सेस से मिलने वाली रकम से 75 हजार करोड़ रुपए के कर्ज वाले प्रदेश में कितना फर्क पड़ेगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता हैं। जल सेस अगर कामयाब हो गया तो जरूर कुछ राहत मिल सकती हैं।
केंद्र सरकार ने जीएसटी पर मिलने वाले मुआवजा राशि को देना जून 2022 में समाप्त कर दिया है । अब इस मुआवजा राशि की भरपाई कैसे होगी यह महत्वपूर्ण सवाल हैं। इसके अलावा अवैध खनन पर रोक लगाकर खनन से भी आय बढ़ाने के प्रयास करने का दावा किया गया हैं।
इसके अलावा आय जुटाने के लिए कुछ नहीं किया गया हैं। कोई नया कर भी नहीं लगाया गया हैं।
गारंटियों पर बवाल
बजट में गारंटियों को लेकर किए गए दावों पर बवाल मच गया हैं। सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि जो महिलाएं एक हजार और साढ़े 11 सौ रुपए पेंशन ले रही है उनकी पेंशन को 15 सौ रुपए कर दिया हैं। लेकिन सवाल उठ गया है कि कांग्रेस ने तो 18 से 60 साल की हरेक महिलाओं को 15 सौ रुपए देने का वादा किया था। बजट भाषण में 18 से 60 साल तक की कितनी वो महिलाएं हैं जिन्हें अब तक कोई कोई पेंशन नहीं मिली है, को पंद्रह सौ रुपए महीना मिलेंगे।
इस तरह तीन सौ यूनिट फ्री बिजली को लेकर भी बजट में पूरी तरह से खामोशी ओढ़ी गई है और दो रुपए किलो गोबर खरीदने का भी जिक्र नहीं हैं। यही नहीं सुक्खू सरकार अरसे से गाय का दूध अस्सी रुपए प्रति किलो और भैंस का सौ रुपए प्रति किलो खरीदने के दावे कर रही है लेकिन बजट भाषण में कोई जिक्र नहीं हैं।
सुक्खू ने आज नौ हजार 900 सौ करोउ़ रुपए का राजकोषीय घाटे का बजट पेश किया हैं। लेकिन असल मसला यह है कि यह सरकर एक साल में कितना कर्ज लेंगी ।
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