शिमला। हिमाचल के जिला सिरमौर में महिलाओं की खरीद- फराेेख्त के मामलों को लेकर हिमाचल राज्य आयोग की ओर से दी गई क्लीन चिट को दरकिनार कर राष्ट्रीय महिला आयोग ने खुद मौके पर जाकर जांच पड़ताल करने का एलान किया है। इसके अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य महिला आयोग को भी इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रेखा शर्मा ने राजधानी में मीडिया से कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग आयोग की तीन सदस्यीय टीम इस पूरे मामले की पड़ताल करेगी। जिसमें एक सदस्य एनजीओ का भी होगा।
उन्होंने कहा कि ये मामला उनके जेहन में हैं। उन्होंने राज्य महिला आयोग की ओर से इस मामले में दी गई क्लीन चिट पर भी सवाल उठाया व कहा कि बिना जांच किए कैसे क्लीन चिट दी जा सकती हैं। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जेनब चंदेल पर भी उन्होंने निशाना साधा व कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग के विभिन्न कार्यक्रमोंव बैठकों में उन्होंने शिरकत नहीं की । इस बावत आज उनसे पूछा तो उनका (चंदेल )का जवाब था कि वो मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में होती थी। रेखा शर्मा ने कहा कि उन्होंने जेनब चंदेल से कहा कि आप महिला आयोग की अध्यक्ष बन गई तो मुख्यमंत्री से कम वास्ता रखा करों।
गौरतलब हो कि जिला सिरमौर में महिलाओं की खरीद फरोख्त को लेकर मीडिया में खूब मामले उठे थे।इस पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जेनब चंदेल सिरमौर गई थी व उन्होंने इस मामले में क्लीन चिट दे दी । इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मीडिया पर बरसे भी थे और शिलाई के एसडीएम का तबादला भी कर दिया था।
लेकिन अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले को अपने हाथ में लेने का फैसला कर इस प्रदेश महिला आयोग व प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार की कलई खोलने का काम कर दिया है। पिछड़े राज्य सिरमौर में एक अरसे से महिलाओं व बच्चियों की खरीद फरोख्त के मामले उठते रहें हैं। लेकिन सरकारें हर बारे कभी घरेलू झगड़ों का रंग देकर या कभी कुछ और बहाना लेकर सच्चाई से मुंह मोड़ती रही हैं। अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हैं और केंद्र में भाजपा की। ऐसे में उम्मीद की जा सकती हैं कि राष्ट्रीय महिला आयोग इस मामले पर गंभीरता से रोशनी डालेेगा। यहां यह गौरतलब है कि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जेनब चंदेल को प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने नियुक्त किया हैं तो राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रेखा शर्मा केंद्र की मोदी सरकार के शासन में नियुक्त हुईं हैैं।
आयोग की सदस्य ने कहा कि लिंग आधारित अपराधों व महिलाआंके अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता हैं। आयोग इसके लिए पैसा भ्ी देता हैं व राज्य के आयोग के जरिए कई प्रोग्राम चलाए जाते हैं। लेकिन हिमाचल महिला आयोग की ओर से उनसे कोई पैसा ही नहीं मांगा गया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य की कमान में आयोग की टीम शिमला के दो दिन के दौरे पर हैं । इन दो दिनों में वो सौ मामलों की सुनवाई करेगी । उन्होंने प्रदेश की पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए व कहा कि पुलिस उन्हें एक्शन टेकन रिपोर्ट ही नहीं भेजती। सुनवाई के दौरान आयोग ने पुलिस,शिकायत कर्ता व पीडि़तों को बुलाया था। आयोग की सदस्य ने यहां पहुंची पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों की भी क्लास ली।सुनवाई के दौरान उन्होंने पुलिस की ओर मुखातिब होकर कहा कि आप एक्शन टेकन रिपोर्ट वहां भी नहीं भेजतेे व यहां भी नहीं लाए हो।
उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से हिमाचल से कुछ ज्यादा मामले आने लगे हैं व ज्यादातर मामले घरेलू हिंसा के हैं। बहुत से ऐसे मामले आते हैं जो उनके क्षेत्राधिकार के नहीं होते । इस बावत वो कदम उठाने जा रही है।
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