सोलन । डॉ वाई एस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी की छात्रा जागृति ठाकुर को वर्ष 2018 के लिए अमेरिका स्थित इंटरनेशनल प्लांट न्यूट्रिशन इंस्टीट्यूट (आइपीएनआइ )स्कॉलर पुरस्कार के लिए चुना गया है। खास बात यह है कि हर साल दुनिया भर से सिर्फ 30 स्कॉलरों को ही इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। मौजूदा में जागृति नौणी विवि के मृदा विज्ञान और जल प्रबंधन विभाग में पीएचडी कर रही है।
आइपीएनआइ पुरस्कार डॉक्टरेट कार्यक्रम के लिए अनुसंधान के विषय संक्षेप के आधार पर ही दिया जाता है। आइपीएनआइ की क्षेत्रीय समितियों के वैज्ञानिक इस पुरस्कार के विजेताओं का चयन करती हैं। इस अवार्ड में 2000 अमेरिकी डॉलर का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण पत्र शामिल है, जिसे आइपीएनआइ द्वारा विश्वविद्यालय में एक समारोह के दौरान जागृति को दिया जाएगा। जागृति इस मृदा विज्ञान और जल प्रबंधन विभाग से पुरस्कार को जीतने वाली दूसरी विद्यार्थी है। वर्ष 2016 में रिधम कक्कड़ ने यह पुरस्कार अपने नाम किया था।
कुल्लू जिला के भुंतर से संबंध रखने वाली जागृति ने नौणी विवि से अपनी बीएससी और एमएससी की पढ़ाई पूरी की है और वर्तमान में उच्च घनत्व वृक्षारोपण के तहत सेब के लिए सिंचाई और फर्टिगेशन सारणी का मानकीकरण विषय पर पीएचडी का शोध कार्य कर रही है। पिछले एक साल से वह हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत विश्वविद्यालय में लगाए गए उच्च घनत्व सेब बागानों में अनुसंधान कर रही है।
विश्वविद्यालय में उनके रिसर्च गाइड जेसी शर्मा ने बताया कि सेब हिमाचल के लिए एक प्रमुख नकदी फसल है और इसलिए बागवानी विकास परियोजना में उच्च घनत्व बागानों को महत्व दिया गया है। उन्होनें बताया कि इस तरह के प्रतिष्ठित पुरस्कार से हमारे प्रयासों को पहचान और शोध करने के लिए अधिक उत्साह मिलता है। इस रिसर्च कार्य से भविष्य में सेब के उच्च घनत्व वृक्षारोपण में सिंचाई और फर्टिगेशन सारणी का मानकीकरण किया जाएगा जिससे उच्च घनत्व वृक्षारोपण में पानी और पोषक तत्व की उचित उपयोग स्थापित करने में मदद मिलेगी।
उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए अपने माता-पिता और विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों का करते हुए जागृति ने कहा कि अब वे उच्च घनत्व वृक्षारोपण के तहत सेब के लिए सिंचाई और उर्वरक सारणी विकसित करने के लिए और अधिक परिश्रम करेगी। उनके अनुसार यह शोध कार्य संसाधनों के बेहतर उपयोग और कृषि आय बढ़ाने में सहायक होगा। उन्हें पूरा भरोसा है कि इस शोध को वह अगले दो से तीन वर्षों में पूरा कर लेंगें जिसके बाद यह ज्ञान बागवानों के साथ साझा किया जाएगा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति एचसी शर्मा ने छात्र और रिसर्च गाइड को बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के लिए गर्वपूर्ण क्षण है क्योंकि दुनिया भर से केवल 30 छात्रों और वैज्ञानिकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार विश्वविद्यालय में किए जा रहे शोध की गुणवत्ता का भी प्रमाण है।
इंटरनेशनल प्लांट न्यूट्रिशन इंस्टीट्यूट स्कॉलर पुरस्कार
अंतर्राष्ट्रीय संयंत्र पोषण संस्थान आइपीएनआइ निदेशक मंडल, फसल पोषक तत्वों के पौधे पोषण और प्रबंधन में काम कर रहे छात्रों और वैज्ञानिकों को दो पुरस्कार प्रदान करता है। आइपीएनआइ के मिशन के समर्थन में प्रस्तावित अनुसंधान की प्रासंगिकता को प्राथमिकता दी जाती है। कृषि विज्ञान, बागवानी, पारिस्थितिकी, मिट्टी की उर्वरता,मिट्टी रसायन शास्त्र,फसल विज्ञान और पौध पोषण से संबंधित अन्य क्षेत्रों सहित मिट्टी और पौधों के विज्ञान के विषयों में छात्र पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं।
(16)