शिमला। जयराम ठाकुर सरकार के धर्मशाला में आयोजित दो दिवसीय मेगा इवेंट ग्लोबल इंवेस्टर मीट से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और मोदी सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नडडा की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए है। इसके अलावा केंद्रीय राज्य वित मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी ईशारों-ईशारों में अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है ।
इस दो दिवसीय इंवेस्टर मीट ने भाजपा नेताओं के बीच चाहे वो केंद्र में सरकार में है या प्रदेश सरकार में,अंदरखाते किस तरह की जंग चली हुई है,उसे भी उजागर कर दिया है। इंवेस्टर मीट में पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार मौजूद थे। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी मीट में हाजिर हो सकते थे। वह प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके है। लेकिन बताते है कि उन्हें सही तरीके से न्योता ही नहीं दिया गया । इंवेस्टर मीट से कुछ समय पहले भाजपा अध्यक्ष सतपाल सती को हमीरपुर भेजा गया था व उन्होंने धूमल को इस मीट में शामिल होने का न्योता दिया था। लेकिन धूमल ने तभी कह दिया था कि उनके भाई की ओर से जालंधर में हवन बगैरह करवाया जा रहा है सो वह नहीं आ पाएंगे। साफ है इंवेस्टर मीट सरकार की ओर से आयोजित की जा रही थी ,भाजपा की ओर से नहीं।
समझा जा सकता है कि जहां दुनिया भर से निवेशक आ रहे हो और बेटा केंद्रीय राज्य वित मंत्री हो और देश के प्रधानमंत्री मीट का आगाज कर रहे हो,, ऐसे में कोई बड़ा नेता इंवेस्टर मीट जैसे ओयोजन से कैसे दूर रह सकता है। जबकि हमीरपुर से भाजपा के हारे हुए पूर्व विधायक लेकिन जयराम खेमे के विजय अग्निहोत्री, हमीरपुर विपणन समिति के अध्यक्ष अजय शर्मा और जिला सचिव विजय सोहारू जैसे छोटे नेता इंवेस्टर मीट में शामिल रहे। ये नेता धूमल के राजनीतिक कद के आगे ज्यादा बड़े नहीं है।
केंद्रीय राज्य वित मंत्री अनुराग ठाकुर को भी इस आयोजन की तैयारियों में शामिल नहीं किया गया। आखिर में जयराम सरकार में धूमल खेमे से उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर को दिल्ली भेजा गया व उन्हें मीट में शामिल होने का न्योता दिया गया। अनुराग ठाकुर ने ईशारों -ईशारों में अपने भाषण में जयराम सरकार व उनके शीर्ष नौकरशाहों को अपनी नाराजगी का इजहार भी कर दिया। बीते रोज उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस मीट से दो महत्वपूर्ण चीचें गैर हाजिर है। धर्मशाला की पहचान बौद्व धर्मगुरू दलाईलामा से है। उनसे आशीर्वाद लेने दुनिया भर से तमाम लोग आते है। उनका कहीं कोई जिक्र नहीं है। इसके अलावा धर्मशाला का क्रिकेट स्टेडियम भी आयोजकों की ओर से जितनी भी प्रोजेंटेंशन दिखाई गई उसमें से यह गायब है। जब वह यह भाषण दे रहे थे तो जयराम सरकार के सबसे ताकतवर अधिकारियों में दूसरे स्थान पर के अधिकारी संजय कुंडू मौजूद थे।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस स्टेडियम की वजह से धर्मशला से चार उड़ाने शुरू हुई। यहां पर बड़े होटल बनने शुरू हुए। सालाना स्टेडियम देखने सात लाख लोग पहुंचते है। उन्होंने यहां आए निवेशकों का आहवान किया कि वह स्टेडियम देखने जरूर जाएं। अनुराग ठाकुर आज विदेशी निवेशकों के एक समूह के साथ खुद स्टेडियम देखने गए। साफ है कि सताकेंद्रों में किस तरह की तलवारें खींची हुई है।
उधर , हिमाचल के बड़े नेता व भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा की गैरमौजूदगी भी बहुत अटपटी लग रही है। वह इस महत्वचूपर्ध मीट में आए ही नहीं। उन्हें शुरू से ही बाहर कर दिया गया है। वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहे है और स्वास्थ्य व फार्मा की देश विदेश की बड़ी कंपनियों ंंसे उनका नाता रहा है। उनके रसूख और अनुभव का फायदा लिया जा सकता था। लेकिन उनके कहीं दर्शन ही नहीं हुए। उनका जलवा तो यूएनओ तक रहा है। उन्हें क्यों बाहर रखा गा गया ये किसी की समझ में नहीं आया है।
आज ग्लोबज इंवेस्टर मीट का समापन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को करना था। लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने आने से इंकार कर दिया । अभी यह कहना जल्दी होगा कि उनके इस तरह न आने के पीछे कोई राजनीति है या देश के गृह मंत्री को सच मे कोई जरूरी काम आ गया । अमूमन केंद्रीय मंत्रियों के कार्यक्रम अचानक रदद नहीं होते हैं। वह आज महाराष्टÑ भी नहीं गए। दिल्ली में ही रहे। इस तरह धूमल -नडडा की गैरहाजिरी और अनुराग ठाकुर की नाराजगी इंवेस्टर मीट के बाद के नतीजों को लेकर क्या गुल खिलाएंगी, इसका इंतजार है।
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