शिमला। अपनी करतूतों को छिपाते हुए मोदी सरकार के काबीना मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर हमला करते हुए कहा कि ये पहली बार है कि देश की कोई सरकार बेल पर है। उन्होंने कहा कि अगर वो कानूनी तौर पर कहे तो एजेंट जेल में व प्रिंसिपल बेल पर ।
वो भाजपा की ओर से चलाए हिमाचल मांगे हिसाब अभियान की श्रृंखला की तीसरी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राजधानी शिमला में मीडिया से रूबरू हुए।
मोदी सरकार के कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ये खुलासा नहीं किया कि एजेंट ही जेल में क्यों है और प्रिंसिपल बेल पर क्यों है। वो जेल में क्यों नहीं हैं। क्या एजेंट का अपराध बड़ा है या प्रिंसिपल का। उन्होंने ये भी खुलासा नहीं किया कि इस खेल के पीछे मोदी सरकार का हाथ है या नहीं । दुनिया में अब तक ऐसी कोई भी सरकार सता में नहीं रही है जिसने एजेंट को तो जेल में डाला हो और असली मुलजिम को बाहर रखा है। मुख्यमंत्री के एलआइसी एजेंट आनंद चौहान पिछले सवा साल से जेल में हैं। इन्हें इडी ने गिरफ्तार किया है। रवि शंकर प्रसाद प्रेस कांफ्रेंस में इन्हीं एजेंट की बात कर रहे थे।
याद रहे सीबीआई की ओर दर्ज एफआइआर में वीरभद्र सिंह को हाईकोर्ट से प्रोटेक्शन मिला हुआ था लेकिन इडी की ओर से मनी लांड्रिंग के केस में कभी भी किसी भी अदालत ने उनके व बाकी आरोपियों के अरेस्ट पर कभी रोक नहीं लगाई थी। इडी ने केवल वीरभद्र सिंह के एलआइसी एजेंट आनंद चौहान को ही अरेस्ट किया बाकी को छुआ तक नहीं। इस मसले पर पूरी मोदी सरकार सवालों में हैं। मोदी सरकार से भी हिसाब लेना बनता है।
देश के कानून व आइटी मंत्री ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने कानून के सारे औजारों का इस्तेमाल किया ।एफआईआर रदद करने से लेकर आरोपों से मुक्त करने तक की अर्जी अदालत में डाली लेकिन अदालत ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया और ट्रायल चलेगा ये फैसला दिया।
रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि इन सब वजह से प्रदेश में गवर्नेंस की कैजुअल्टी हो गई। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार व वितीय बेइमानी के गंभीर आरोप हैं।
मोदी सरकार में मंत्री व हिमाचल से भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार जगत प्रकाश नडडा के गहरे मित्र रवि शंकर प्रसाद ने भाजपा की ओर से हिमाचल से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसका सीधा जवाब नहीं दिया। वो बोले, ये फैसला पार्लियामेंटरी बोर्ड करेगा। इस एक सवाल पर पूरी भाजपा मौन है।
विकास की जो इबारत बार –बार जेपी नडडा गिनवाते हैं उन्होंने भी वही इबारत गिनवाई व कहा कि हिमाचल में 20623 किलोमीटर नेश्नल हाइवे हैं। इसमें से 740 किलोमीटर एनएचएआइ के तहत हैं।जिनकी फंडिंग मोदी सरकार कर रही हैं। 740 किलोमीटर में से 243 किलोमीटर पर काम प्रोग्रेस में हैं।41 किलोमीटर के ठेके दे दिए गए हैं। 250 किमी का डीपीआर बन गया हैं। वीरभद्र सरकार के तहत 1900 किलोमीटर रोड़ हैं। किसी का भी डीपीआर नहीं बनी हैं। डीपीआर के 298 करोड़ रुपए भी अदा कर दिए हैं। लेकिन डीपीआर नहीं बनी हैं।
उन्होंने कहा कि 13वें वितीय आयोग ने पांच सालों के प्रदेश के लिए 21691 रुपया दिया था लेकिल 14वें वितायोग के तहत मोदी सरकार ने हिमाचल के लिए पांच सालों के लिए 75 हजार 281 करोड़ 28 लाख रुपया दिया हैं। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने प्रदेश के लिए एक लाख 25 हजार करोड रुपया दे दिया हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्र हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सरकार पर उन्होंने इल्जाम लगाया कि मोदी सरकार पैसा भेज रही हैं लेकिन सदुपयोग नहीं हो रहा हैं। जुब्बड़हटटी एयरपोर्ट से राजधानी शिमला तक का रोड़ बदहाल । जब इस महत्वपूर्ण रोड़ की ये स्थिति तो प्रदेश में क्या सिथति होगी।
उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने गरीबों की कल्याणकारी योजना के 58 हजार करोड रुपए बचाए हैं। ये डिजिटल तकनीक की वजह से हुआ ।मोदी सरकार गरीबों के खाते में हजारों भेजती हैं तो उनके खातों में हजारों ही पहुंचते हैं। बचौलिए खत्म कर दिए हैं। डिजिटाइलेजेशन की वजह से अढाई करोड़ जाली राशन बाहर हो गए और सवा करोड़ गैस कनैक्शन बाहर कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के दरबार से लॉबीस्टि बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर भी हमला बोला व कहा कि व विदेशों में थोड़ा ज्ञानवान हो जाते हैं।
तीन तलाक के मसले को छूते हुए उन्होंने कहा कि केवल बीजेपी का स्टैंड इस मामले में साफ था बाकीकोई भी पार्टी खुल के नहीं आई। ये धर्म, इबादत या यारीअत का मामला नहीं हैं। ये लिंग का मामला हैं। ये नारी समानता, नारी अस्मिता और नारी गरिमा का मामला हैं।
उन्होंने प्रदेश की जनता से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने का आहवान किया। कांग्रेस नेताओं के भाजपा ज्वाइन करने के मसलेपर उन्होंने कहा पार्टी गुण दोष के आधार पर फैसला लेगी।
याद रहे कि वीरभद्र सिंह सरकार के क्रप्शन पर 2012 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के राष्ट्रीय नेता अरुण जेटली ने इल्जाम लगाए थे। उनका क्रप्शन तब के चुनाव में भाजपा का सबसे बड़ा मुददा था। लेकिन बीजेपी चुनाव हार गई थी।
इसके बाद धूमल व उनके परिवार ने इन्हीं आरोपों को लेकर पिछले साढे तीन सालों तक जमकर शोर हल्ला मचाया।वो पिछले एक डेढ साल से मौन हैं। कहा ये जाता है कि कोई डील हो गई हैं। वीरभद्र सिंह चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्र है तो सीबीआई ने उन्हें अरेस्ट नहीं किया। तब इडी ने अपना पंजा उनकी ओर बढ़ाया और वीरभद्र के मुंशी आनंद चौहान को अरेस्ट कर लिया। वो सवा साल से जेल में हैं।बताते है किे इस बीच फिर कोई डील हुई और वीरभद्र सिंह को इडी ने आज तक अरेस्ट ही नहीं किया। न ही बाकी आरोपियों को पकड़ा।
अब भाजपा चुनावों के दौरान उनके क्रप्शन को मुख्य मुददा बना रही हैं। लेकिन अंदरखाते से सौदों की अफवाहें भी हैं।
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