शिमला। प्रदेश की राजधानी में राजकीय माध्यमिक पाठशाला मैफील्ड की छठी व सातवीं कक्षा छात्राओं से स्कूल के पीटीआई की ओर से छेड़छाड़ करने के मामले में तीन दिन बाद मीडिया व स्थानीय लोगों के दबाव में पोस्को अधिनियम की धारा आठ के तहत एफआईआर दर्ज कर टीचर को गिरफतार कर दिया है।
मीडिया को सायं तीन बजे के पता इस कारनामें का पता चल व जांच पड़ताल चली तो पता चला की इस मामले को सतापक्ष जुड़े कुछ लोग रफादफा करने पर आमदा है। सीआइडी को भी यह बता दिया गया कि लड़कियों के माता पिता और आरोपी के बीच सुलह हो गई है। मामला सुलझ गया है। पुलिस ने देर शाम सात बजे तक एफआईआर ही दर्ज नहीं की। शाम को सात बजे एफआइआर दर्ज की गई और टीचर को अरेस्ट कर लिया गया । शाम को ही लड़किया का मेडिकल करा लिया गया।
अभी तक तीन दिनों तक मामला अपने पास रखने के लिए स्कूल के अध्यापकों और डिप्टी डायरेक्ट के खिलाफ कुछ नहीं हुआ है। जयराम सरकार की दबंगई यह है कि आरोपी टीचर को निलंबित तक नहीं किया गया जबकि बहुत कुछ विभाग के अधिकारियों के पास आ चुका था। विभाग के अफसर जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है। हालांकि अब उसे गिरफतार कर लिया है तो उसका निलंबित होना तय ही है।
बहरहाल आज पूरा दिन इस मामले को यूं रफा दफा करने की कोशिशें् की जाती रही। टीचर की स्कूल में
मामले की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर विजय ठाकुर ने कहा कि दोनों छात्राओं की ओर से वह मामला दर्ज
किया है।
यह सब तब हुआ जब स्थानीय लोगों ने स्कूल में जाकर आरोपी अध्यापक की जमकर पिटाई कर दी व स्कूल में सुबह से हंगामा होता रहा ।शाम को लड़की का पिता बालूगंज थाने में था।
बताते है कि मामले को उलझता देख शिक्षा मंत्री व शिमला के विधायक सुरेश भारद्वाज हरकत में आए और विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। इसके बाद विभाग ने मामले की जांच के लिए दो निदेशालय से दो महिला सहायक निदेशकों की कमेटी गठित की । अब जांव रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। 23 अप्रैल से लेकर यह मामला उप छेड़छाड़ की यह घटना 23 अप्रैल को हो गई व मामला उप निदेशक व स्कूल के बीच ही चलता रहा।जबकि मामला तुरंत पुलिस में जाना चाहिए था। गुडिया कांड के बाद हुए आंदोलन के बाद भी सरकारी अमला जागा नहीं है।।
उधर, छात्रा के पिता ने कहा कि उसने 23 तारीख को ही स्कूल में शिकायत दे दी थी। लेकिन स्कूल की ओर से कुछ नहीं हुआ। पीड़ित परिवार नेपाली मूल का है और कैथू में रहता है। इसकी बड़ी बेटी के साथ भी पिछल्ले साल सिंतबर में इसी टीचर ने छेड़छाड़ की थी। बाकी छात्राओं के साथ क्या हुआ होगा यह किसी को पता नहीं है।
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष जगतराम ने कहा कि जबउन्हें पता चला तो वह स्कूल गए व दखल दिया। हमारा समाज कहां पहुंच गया है। छोटी बच्चियों को भी नहंी छोड़ रहा है। पुलिस स्कूल तक आ ही नहंी रही थी।
जिस तरह से यह मामला हैंडल किया गया है उससे प्रदेश की जयराम सरकार सवालों में आ गई है। हैरानी की बात यह है कि पिछल्ले तीन दिन पहले से यह सब राजधानी शिमला में हो गया और सरकार की गुडिया हेल्पलाइन बाकी सारी हेल्पलाइने धरी की धरी रह गई।
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