शिमला ।डायरेक्ट चुनावों की बदौलत पर नगर निगम शिमला के मेयर व डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बैठे वामपंथ्ाी संजय चौहान और डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर का कार्याकाल पांच जून 2017 को खत्म होने जा रहे है।आगमी चुनावों के लिए सरकार ने शुरूआती तैयारी शुरू कर दी है। इस कड़ी में शुुक्रवार को प्रदेश चुनाव आयोग ने डीसी शिमला को नगर निगम शिमला के वार्डों का पुनर्सीमांकन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर करने के निर्देश जारी किए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि वर्तमान नगर निगम शिमला का कार्यकाल 5 जून 2017 को पूरा हो रहा है ,जिसके चलते भारत के महा रजिस्ट्रार जनगणना ने नगर निगम शिमला से संबंधित जनगणना के आंकड़े अधिसूचित कर दिए हैं। आंकड़ों के अनुसार शिमला नगर की जनसंख्या 1,42,553 से बढ़कर 1,69,578 हो गई है।
पुनर्सीमांकन कार्यक्रम के अनुसार सीमांकन की प्रस्तावना का प्रारूप 24 अक्तूबर, 2016 को प्रकाशित किया जाएगा। नगर निगम के निवासियों द्वारा उपायुक्त शिमला के समक्ष प्रस्तावित वार्डों के प्रारूप पर आक्षेप 25 अक्तूबर से 3 नवम्बर, 2016 तक दायर किए जा सकते हैं।
उपायुक्त द्वारा आपत्तियों का निपटारा इनकी प्राप्ति के 10 दिनों के भीतर किया जाएगा। उपायुक्त के आदेश के विरूद्ध मण्डलायुक्त शिमला के समक्ष अपील आपत्तियों के निपटारे के 10 दिन के भीतर की जा सकती है। मण्डलायुक्त द्वारा अपील का निपटारा अपील दायर करने के 10 दिनों के भीतर किया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि उपायुक्त शिमला द्वारा वार्डों के पुनर्सीमांकन की अन्तिम अधिसूचना 6 दिसम्बर, 2016 या इससे पूर्व जारी की जाएगी।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने नगर निगम के डायरेक्ट चुनाव न कराने का फैसला लिया है। इसके अलावा वार्डो की तादाद भी बढ़ाई गई है।ऐसे में वामपंथियों को अब शायद ही दोबारा मेयर व डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बैठने का मौका मिले।ये तभी संभव है अगर वामपंथी कोई चमत्कार दिखा दें।
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