शिमला। शिमला नगर निगम के लिए हुए पुनर्सीमांकन में एक ही भवन में रहने वाले एक ही परिवार के लोग मतदाता सूची में अलग–अलग वार्डों में शामिल करा दिए गए है। इसके अलावा वार्ड की सीमा को निर्धारित करने का जो मापदंड नाभा वार्ड के लिए लागू किया गया है वह मापदंड फागली व टूटीकंडी के लिए बदल दिया गया है। यह दावा कांग्रेस की नाभा वार्ड से पार्षद सिमी नंदा ने किया है । उनका घर अब टूटीकंडी वार्ड में शामिल कर दिया गया है।
जानकारी मिली है कि इस इलाके में एक ही इमारत में रहने वाले पति पत्नी को मतदाता सूची में टूटीकंडी में रखा है जबकि सास –ससुर को फागली वार्ड की मतदाता सूची में डाल दिया है गया है।
सिमी नंदा नाभा वार्ड से कांग्रेस की पाषर्द रही है। लेकिन 18 जून को नगर निगम का कार्याकाल समाप्त हो गया था। अब निगम में न कोई पार्षद है और न ही महापौर और उप महापौर।
नंदा अपने वार्ड के पुनर्सीमांकन को लेकर उच्च न्यायलय तक जंग लडी थी व उच्च न्यायालय ने इस मामले को दोबारा जिला उपायुक्त को भेज दिया था। लेकिन जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने उनकी आपतियों को दरकिनार कर दिया। इस पर उन्होंने मंडलायुक्त प्रियतु मंडल के समक्ष अपील दायर कर दी लेकिन उन्हों ने भी नेगी के आदेश को बहाल रखा है। मंडलायुक्त का आदेश आठ जुलाई को सामने आया है। अब मामला दोबारा से उच्च न्यायालय में पहुंचने वाला है। सिमी नंदा ने कहा कि वह सोमवार को यानी कल उच्च न्यायालय में मंडलायुक्त के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करेंगी।
जाहिर है इससे शिमला नगर निगम शिमला के चुनाव और कई दिनों के लंबित हो जाएंगे।
यह सब राजनीतिक फायदे के लिए किया गया है। इसके अलावा नगर निगम के चुनाव अदालती जंग में उलझ कर लंबित हो जाए इसलिए किया गया है। यह इल्जाम कांग्रेस नेताओं की ओर से जयराम सरकार पर लगाए जा रहे है।
जानकारी के मुताबिक नंदा के नाभा वार्ड से एक हजार के करीब वोट मतदाता सूची में फागली व टूटीकंडी में डाल दिए हैं। नाभा वार्ड की सीमा एक तरफ से बाइपास रोड के हिसाब से निधारित की हैं लेकिन फागली व टूटीकंडी वार्ड बाइपास रोड के ऊपर व नीचे दोनों ओर हैं। नंदा का इल्जाम है कि यह कैसे हो सकता है कि उनके वार्ड के लिए अलग मापदंड व अन्य वार्डों के अलग मापदंड अपनाए जाए।
नगर निगम की राजनीति की समझ रखने वालों के मुताबिक भाजपा नाभा वार्ड से किसी भी कीमत पर भाजपा प्रत्याशी का जिताना चाहती है। यहां पर संघ का कार्यालय है और आसपास सरकारी कर्मचारियों के क्वाकर्टर है। ऐसे में नाभा वार्ड को छोटा कर दिया व नंदा के मतदाता बहुल वाले बूथों को उनके वार्ड से अलग कर दिया। नंदा का दावा है कि उनके कम से कम एक हजार मतदाताओं को उनके वार्ड से अलग कर दिया है।
याद रहे कि चुनाव आयोग ने पांच वार्डों समरहिल, बालूगंज,फागली,नाभा और टूटीकंडी की मतदाता सूचियों को तैयार करने का काम लंबित रखा है। बाकी वार्डों के मतदाता सूचियां तैयार करने का काम आठ अगस्त तक पूरा करने के आदेश जारी किए गए है।
जिला उपायुक्त व मंडलायुक्त की ओर से नाभा वार्ड को लेकर दायर नंदा की आपतियों के बाद यह मामला एक बार फिर अदालती फेर में उलझ गया है। यह किस दल को कितना राजनीतिक लाभ देगा यह अलग मसला है लेकिन शिमला नगर निगम के चुनाव समय पर नहीं हुए यह जयराम सरकार के खाते में दर्ज हो गया है।
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