शिमला। शिमला टोल्स एंड प्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पी के सूद को नगर निगम शिमला ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है कि उसने व उसके प्रबंधक ने 57 मिनट गाड़ी पार्क करने की एवज में अवैध रूप से दो सौ रुपए कैसे वसूल लिए।
नगर निगम शिमला की ओर से इस बावत आज ही ये नोटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा ज्यादा वसूली गई रकम को लौटाने के भी निर्देश दिए गए हैं। नोटिस में यह भी कहा गया है कि वह पार्किंग के मुख्य गेट पर पार्किंग रेट लिस्ट लगाएं।
नोटिस में नगर निगम की ओर से हवाला दिया गया है कि 26 मार्च को लिफट के पास एक गाड़ी पार्क हुई जिससे 57 मिनट के दो सौ रुपए बतौर पार्किंग फीस वसूल लिए। निगम ने 24 जुलाई 2017 की चिटठी का हवाला देकर कहा है कि दो घंटें तक की पार्किंग के ज्यादा से ज्यादा जीएसटी समेत 35 रुपए प्रति गाड़ी वसूले जा सकते हैं।
पी के सूद को भेजे नोटिस में कहा गया है कि 35 रुपए की जगह दो सौ रुपए वसूलने से नगर निगम शिमला की छवि तो खराब हुई है साथ ही सैलानियों में भी एक खराब संदेश गया हैं। नोटिस में कहा गया है कि अगर इन अवैध कारनामों को तुरंत नहीं रोका गया तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
याद रहे बीते रोज इनोवा नंबर एच आर 38 एई 4305 में केरल की पूर्व केबिनेट मंत्री व पूर्व सांसद शिमला आई थी। इस गाड़ी को लिफट के पास पार्क किया गया था । यह यहां पर केवल 57 मिनट तक रुकी और इनसे पार्किंग फीस के दो सौ रुपए वसूल लिए।
नगर निगम के पूर्व महापौर संजय चौहान ने इस मसले को सार्वजनिक किय गया था। बिल को भी सोशल मीडिया व मीडिया से साझा किया था।
हालांकि कायदे से नगर निगम को यहां की बिल काटने की तमाम मशीनों को जब्त कर उनकी जांच पड़ताल करनी चाहिए व यह धंधा कब से चल रहा है इसका भंडा फोड़ करना चाहिए था। इन मशीनों में पहले से ही रेट भरे होते हैं। इनसे छेड़छाड़ कर ही दरों को बदला जा सकता हैं।ऐसे में नगर निगम ने नोटिस भेजने के साथ ही एफआइआर भी दर्ज करनी चाहिए थी। लेकिन शायद यह सुक्खू सरकार का व्यवस्था परिवर्तन हैं।
उधर, पूर्व महापौर संजय चौहान ने निगम की इस कार्यवाही को उचित ठहराते हुए कहा कि इससे एक अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि जब वह महापौर थे तो 2017 में इस पार्किंग को जनता को समर्पित किया गया था। अगर कोई ठेकेदार मनमाने रेट वसूलता था तो उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया जाता था।2015 में ज्यादा वसूली करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही कर उसे 28 दिन तक जेल भिजवाया गया था लेकिन 2017 के बाद इस तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई।
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