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PHOTOS:काली को लगाया खून का तिलक और खत्म हो गया नरबलि का खोट
शिमला। नरबलि को समाप्त करने के लिए सदियों पहले सती हुई रानी के कहने पर शुरू हुए पत्थरों के भेड़ मेले में आज धामी में खेल के चौंरा नामक स्थान पर सैंकड़ों लोगों ने शिरकत की।शिमला से 25 किलोमीटर दूर खेल के चौंरा में पांच खूंदों के लोगों ने सती के शारड़े के पास पूजा अर्चना करने के बाद दोपहर को पत्थरों का भेड़ शुरू किया। एक तरफ जमोगी और दूसरी ओर जठोती, तूनड़ू ,धगोही व कटेड़ू खूंद के लोगों ने एक दूसरे पर जम कर पत्थर फेंके। पत्थरों का ये अनूठा भेड़ करीब आधे घंटे चला और कटेड़ू खूंद के व्यक्ति पर पत्थर लगने के बाद ये भेड़ बंद हो गया।इसके बाद काली के मंदिर और सती के शारड़े में खून लगाया गया और दोनों ओर की खूंदे नाचते गाते हुए मेले के बीच शामिल हो गए। इसके बाद लोगों ने मेले में हिंडोले का मजा लिया।किवदंतियों के मुताबिक सदियों पूर्व यहां पर नरबलि की प्रथा प्रचलित थी। लेकिन एक बार धामी रियासत के एक राजा की मौत हो गई। इस पर धामी की रानी सती होने के लिए यहां आई। सती होने से पहले खूंद के लोगों ने कहा कि हम यहां पर नरबलि को बंद कर देना चाहते है। इस पर रानी ने कहा कि आप यहां पर पत्थरों का भेड़ शुरू करे व जिस भी खूंद के व्यक्ति को पत्थर लगेगा उसके शरीर का खून सती के शारड़े में लगा देना। तब से लेकर ये पंरपरा अनवरत चली हुई है और दीवाली के दूसरे दिन ये मेला हर साल मनाया जाता है।तब से यहां पर नरबलि बंद हो गई थी।