शिमला। जयराम मंत्रिमंडल ने कोरोना महामारी की वजह से प्रदेश में 22 मार्च से बंद शराब के ठेके को खोलने का फैसला लिया है। अब चार मई से शराब के ठेके खुल जाएंगे।
शराब लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए मंत्रिमण्डल ने आबकारी नीति 2019-20 को 31 मई तक बढ़ाने की भी मंजूरी दी और आबकारी नीति 2020-21 के संचालन को पहली जून से 31 मई 2021 तक बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान की।मायने यह कि इस साल की शराब के ठेके का काम अब 1 जून से शुरू माना जाएगा व 31 मई तक पिछले साल की नीति के मुताबिक ठेकों का कामकाज चलेगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले के मुतासबि इस नीति के तहत खुदरा आबकारी लाईसेंसधारक जिनकी कोविड-19 के दृष्टिगत 22 मार्च 2020 के बाद शराब की दुकानें बन्द रही हैं, उन्हें उस समय की आबकारी फीस जमा करवाने की आवश्यकता नहीं है।
खुदरा आबकारी लाईसेंसधारकों जिन्होंने 31 मार् 2020 से पहले लाईसेंस शुल्क जमा करवा दिया है, उन्हें 2019-20 के लिए शेष न्यूनतम गारंटी कोटे को उठाने की अनुमति होगी। यदि 31 मार्च तक पूर्ण लाईसेंस शुल्क जमा नहीं करवाई है तो ऐसे लाईसेंसधारकों को अप्रैल व मई 2020 जब दुकानें खुलेंगी तो 2019-20 के लिए लम्बित आबकारी लाईसेंस शुल्क जमा करने पर लम्बित कोटा उठाने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त यदि खुदरा आबकारी लाईसेंसधारक देशी शराबध,आईएमएफ,बीयर, वाइन ,सीडर,बीआईओ ब्राण्ड का कोटा 201-20 के लिए देय से अधिक लम्बित कोटा उठाता है तो लाईसेंसधारी को वह आबकारी नीति 2019-20 में निर्धारित शुल्क जमा करवाकर अपने लम्बित कोटा को उठा सकता है।
बैठक में फैसला लिया गया कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत राज्य में अर्थव्यवस्था को पुनः सृदृढ़ करने के लिए शहरी जनता को मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारन्टी योजना के तहत 120 दिन का रोजगार मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए यदि आवश्यक हो तो उनके कौशल उन्नयन के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इस महामारी के दौरान प्रदेश में बाहरी राज्यों से हजारों लोग वापस आए हैं, जिनकी विभिन्न क्षेत्रों में कुशलता हैं उन्हें उनकी कार्यकुशलता अनुसार रोजगार और स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि विकास कार्यों पर प्रदेश सरकार की ओर से किए जाने वाले खर्च को बढ़ाया जाएगा।
राज्य सरकार ने भवन और अन्य सन्निर्माण कामगार बोर्ड के तहत पंजीकृत लगभग एक लाख श्रमिकों को 2000 रुपये प्रदान किए है जिसपर अब तक 20 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। अब सरकार ने इन श्रमिकों को और 2000 रुपये प्रति कामगार प्रदान करने का फैसला लिया है।
कोविद-19 महामारी के कारण राज्य के कृषकों और बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान अपनी फसलों का विपणन नहीं कर पाए हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है इसलिएए सरकार ने उन्हें कुछ हद तक क्षतिपूर्ति करने का फैसला किया है। सरकार बाजार में उनके उत्पादों के विपणन के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के प्रयास कर रही हैै।
इस महामारी के कारण पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है इसलिए सरकार ने छह महीने की अवधि के लिए बिजली की मांग के शुल्क को माफ करने का फैसला किया है जिसके लिए उन्हें लगभग 15 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई है। इसी तरह कराधान लाइसेंस शुल्क को माफ कर दिया जाएगा और बार का लिफटिंग कोटा भी पहले की तरह रहेगा।
सरकार एचपीटीडीसी निगम के कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर एचपीटीडीसी को भी सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा,टोकन टैक्स और विशेष सड़क कर को 4 महीने के लिए माफ कर दिया जाएगा व पंजीकरण और परमिट आदि के नवीकरण की देरी पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। एचआरटीसी को 55 करोड़ की मदद दी जाएगी।
उद्योगों को सुदृढ़ करने के लिए जीएसटी रिफंड जल्द से जल्द किया जाएगा। एचपीएसईबी लिमिटेड को भी उद्योग की कम मांग के कारण नुकसान उठाना पड़ा है, जिसकी भरपाई की जाएगी।
टास्क फोर्स गठित
अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए किए जाने वाले अन्य उपचारात्मक उपायों बारे सुझाव देने के लिए जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस उप समिति के अन्य सदस्य शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, उद्योग मंत्री विक्रम सिंह और परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर होंगे।
यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार उचित स्तर पर ईपीएफओए ईएसआईसी से संबंधित मामले को भी उठाएगी ताकि जल्द से जल्द इसका निवारण किया जा सके।
मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक जलवाहकों को छोड़कर अन्य विभिन्न विभागों में लगे अंशकालिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, जिन्होंने 31 मार्च, 2020 तक आठ वर्ष का सेवाकाल पूरा कर लिया है तथा जो कर्मी 30 सितम्बर, 2020 तक आठ साल का सेवाकाल पूरा करेंगे, की सेवाओं को दैनिक वेतन भोगी के रूप में परिवर्तित करने को मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने टोल नीति 2019-20 को 31 मई तक बढ़ाने की मंजूरी दी व टोल नीति 2020-21 के को पहली जून 2020 से 31 मई 2021 तक संचालन की स्वीकृति प्रदान की। टोल पट्टाधारकों को उनके टोल फीस के वास्तविक एकत्रिकरण के आधार पर अप्रैल व मई 2020 का मासिक टोल शुल्क जमा करवाने की अनुमति होगी।
मंत्रिमण्डल ने इंदिरा गांधी मंडिकल कालेज शिमला में लोगों की सुविधा के लिए पैथोलाजी विभाग में प्रोफेसर तथा सहायक प्रोफेसर का एक-एक पद और मनोचिकित्सा विभाग में सहायक प्रोफेसर के दो पदों को सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने मण्डी जिला के बालीचैकी, चच्योट, सरकाघाट व मण्डी क्षेत्र के अतिरिक्त बिलासपुर जिला के घुमारवीं क्षेत्र में पैट्रोलियम अन्वेषण के लिए मैसर्ज वेदांता लिमिटेड को पेट्रोलियम लाइसेंस प्रदान करने की अनुमति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने शिमला जिला के कोटखाई के थरोला स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को कार्यशील बनाने और लोगों की सुविधा के लिए तीन विभिन्न श्रेणियों के पद सृजित करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमण्डल ने मण्डी जिला के सराज में राजकीय माध्यमिक पाठशाला कून और सोलन जिला में राजकीय माध्यमिक पाठशाला अनहेच को राजकीय उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने तथा राजकीय उच्च पाठशाला जाडली और सनावर को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने तथा इन पाठशालाओं के प्रबन्धन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 20 पदों को सृजित करने की अनुमति प्रदान की।
कर्फ्यू में पांच घंटों की छूट, ढाबें खोलने की अनुमति
राज्य सरकार ने कोविद.19 महामारी के दृष्टिगत पूरे राज्य में कर्फ्यू जारी रखने का फैसला किया है, लेकिन सोमवार से कर्फ्यू में छूट मौजूदा चार घंटे से बढ़ाकर पांच घंटे कर दी गई है। यह जानकारी आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने दी।
उन्होंने कहा कि कर्फ्यू में ढील के दौरान दुकानें खुली रहेंगी। उन्होंने कहा कि उपायुक्त अपने.अपने अधिकार क्षेत्र में दुकानें खोलने के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण और हार्डवेयर की दुकानों को खोलने की भी अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि बारबर की दुकानें, स्पा और सैलून बंद रहेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि ढाबों, मिठाई और अन्य टेकअवे रेस्तरां को भी कुछ शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दी गई है।
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