शिमला। वामपंथी नेता व किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल की उपरी शिमला के इलाकों के किए जा रहे दौरों व वहां बागवानों के अवैध बगीचोंं पर चली आरी पर आंसू बहाने के करतब पर तंज कसा हैं। तंवर ने कहा कि भाजपा नेता अब जाकर जागे हैं जब सैंकड़ों बागवानो के बगीचे काटे जा चुके हैं। अब जब लोगों के मकानों को ढहाने के नोटिस आ रहे तो भाजपा को लगा कि अब आवाज नहीं उठाई तो उन्हेेंं सियासी नुकसान हो सकता हैं।
तंवर ने कहा कि अगर भाजपा इतनी ही चिंतित हैं तो केंद्र में मोदी सरकार से वन संरक्षण कानून 1980 में बदलाव लाने का आग्रह करे और प्रदेश को गरीबों और ज़रूरतमंदों को ज़मीन आबंटन का अधिकार देने के लिए कानून को संशोधित करवाए।
उन्होंने कहा कि यह किसानों के प्रति भाजपा की चिंता हैं या फिर उसका चुनावी हथकण्डा। कुलदीप सिंह तंवर ने ऊपरी शिमला के दौरे पर निकले भाजपा नेताओं और नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के उस बयान पर की जिसमें उन्होंने किसानों से सत्ता में आते ही कब्ज़ों को नियमित करने का वायदा किया है,पर सवाल उठाया।
तंवर ने कहा कि अगर विपक्षी भाजपा पहले ही इस मुद्दे को विधानसभा में उठाती और सरकार पर इसके तर्कसंगत हल के लिए सरकार पर दबाव बनाती तो शायद सैंकड़ों किसानों की दशकों की मेहनत पर पानी न फिरता और गरीब, दलित किसानों के मुंह से उनका निवाला न छिनता। अब तो सरकार ने बागीचों को नष्ट करने के बाद एक कदम और आगे बढ़कर लोगों के घरों को तोड़ने के नोटिस भी दे दिए हैं।
किसान नेता ने कहा कि देर से ही सही भाजपा ने इस मुद्दे पर अपना मौन तोड़ा है। किसान सभा भाजपा से अपील करती है कि केन्द्र में अपने दल की सरकार से वन संरक्षण कानून 1980 में बदलाव लाने का आग्रह करे और प्रदेश को गरीबों और ज़रूरतमंदों को ज़मीन आबंटन का अधिकार देने के लिए कानून को संशोधित करवाए।
उन्होंने भाजपा को सचेत किया है अगर भाजपा केवल चुनावी लाभ लेने की मंशा से बयानबाज़ी कर रही है तो प्रदेश के किसान भाजपा को इसका करारा जवाब देंगे। उन्होंने किसानों को आगाह किया कि वे ऐसे बयानों से सावधान रहें और अपनी एकता को मज़बूत करें।
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