शिमला। भाजपा व कांग्रेस की ओर से की जा रही जोर आजमाइश के बीच जिला किन्नौर में जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव अटक गया है। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पदों पर ताजपोशी के लिए जिला प्रशासन की ओर से दो बार तिथियां निर्धारित की जा चुकी है। लेकिन नौ में से एक भी जिला परिषद सदस्य इन तिथियों को बैठक में नहीं पहुंचा।
जिला किन्नौर में जिला परिषद में दिलचस्प स्थिति बनी है। यहां के नौ वार्डों में से चार में कांग्रेस के सदस्य जीत कर आए है जबकि पांच सदस्य भाजपा के जीत कर आए है। एक सदस्य निर्दलीय हैं।यह निर्दलीय कांग्रेस का बागी है। कांग्रेस ने इसे टिकट नहीं दी और यह बागी बन कर चुनाव में उतर गया व जीत गया।
अब कांग्रेसी इसे भाजपा में नहीं जाने के लिए जोर दे रहे है। जबकि दूसरी ओर भाजपा इसे भाजपा में शामिल करने के लिए एडी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। भाजपा की ओर से वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सुरत नेगी कमान संभाले हुए हैं। जबकि कांग्रेस की ओर से कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी जोर लगा रहे है। लेकिन अभी तक इन दोनों को अभी तक कामयाबी नहीं मिली है।
उधर जिला उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए अब तीसरी बैठक के लिए फरमान निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि तीसरी व आखिरी बैठक 15 फरवरी को बुलाई गई है अगर इस दिन भी कोई सदस्य नहीं आया तो इनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के तहत तीसरी बैठक में शामिल होना अनिवार्य है अन्यथा उन्हें सदस्यता समाप्त करने के लिए बाध्य होना पडेगा।
ऐसे में कांग्रेस व भाजपा की ओर से पूरी ताकत लगाई जा रही है। कांग्रेस चाहती है कि उनका बागी भाजपा में न जाए और अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव पर्ची के आधार पर किया जाए। बहरहाल अब 15 फरवरी को तस्वीर साफ होगी।
उधर जिला शिमला में भी अभी जिला परिष्ज्ञद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की ताजपोशी नहीं हुई है। इसके लिए पांच फरवरी को बैठक बुलाई गई थाी लेकिन बर्फबारी की वजह से बैठक में कोई नहीं आ पाया था।
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