शिमला। दलित युवक से प्यार कर बैठी जिला सिरमौर की एक 21 साल की युवती का हरिद्धार में गंगा स्नान करा कर शुद्धिकरण करवाया गया व दलित युवक से अलग कर हरियाणा में उसके जबरन ब्हाय को अंजाम देने का प्रयास हुआ।अगर वो घर से न भागती तो उसे या तो मार दिया जाता या फिर हरियाणा में दुल्हन बनाकर बेच दिया जाता । ये सब जिला में सदियोंं से चल रही ‘खुमली’ प्रथा के दबाव व इज्जत के नाम पर किया गया।
यही नहीं जब इस जोड़े ने पुलिस से सुरक्षा मांगी तो पुलिस ने पहले इनकी शादी कराने की मंशा से इन्हें तहसीलदार के कार्यालय में घुमाया व जब तहसीलदार ने कानून का हवाला देकर शादी कराने से मना कर दिया तो पुलिस ने पंडित का इंतजाम भी किया । लेकिन इस बीच रिश्वत का दौर चला तो जो पुलिस शादी करवाने का इंतजाम कर रही थी उसी ने इन्हें रिश्तेदारों के हवाले कर दिया जो इनकी जान के प्यासे बने थे।इस तरह पुलिस ने इनकी जान को तो खतरे में डाल ही दिया।
यह झकझोरने वाला सच खुद इस21 साल युवती ने मीडिया से साझा किया व जिले में ‘खुमली’ प्रथा के खिलाफ सीधे तौर पर आवाज उठा दी हैं।इस युवती ने सिरमौर पुलिस के कारनामों पर भी कई सनसनीखेज खुलासे किए व वीरभद्र सरकार के इस दावे की कि सिरमौर की लड़कियों को हरियाणा में दुल्हन बना कर कहीं नहीं बेचा जा रहा हैैं के दावे की भी हवा निकाल दी हैं।
जिस तरह से हरियाणा,उतरप्रदेश व राजस्थान में खापों का आतंक हैं,इस युवती की माने तो इसी तरह के कांड सिरमौर में ‘खुमली’ की ओर से अंजाम दिए जा रहे हैं।
अपने प्रेमी संग मीडिया से सरेआम रूबरू हुई इस युवती ने जो खुलासे किए वो चौंकाने वाले व समाजशास्त्रियों के लिए गौर करने वाले हैं।
सुषमा शर्मा (बदला नाम) नामक इस युवती ने कहा कि नाहन कालेज में पढ़ाई के दौरान ये दलित युवक से प्रेम कर बैठे ।इसकी जानकारी रिश्तेदारों को हो गई ।दोनों नाहन कॉजेल में पढ़ते थे व वहीं पर अपने अपने क्वार्टर में रहते थे। सुषमा ने कहा हम पर रिश्तेदारों का दबाव बढ़नेे लगा तो पुलिस में चले गए।राजगढ़ पुलिस ने दोनों को बुलाया व 13 व 14 अक्तूबर को लड़का भवान सिंह एसएचओ के घर व वह खुद कांस्टेबल नीलम के घर रही।इस बीच पुलिस ने मेरे घरवालो को फोन पर जानकारी दे दी कि ये दोनों यहां आएं हैं।
15 अक्तूबर 2016 को सुषमा के रिश्तेदार गाडि़यों में आएं और लड़की को साथ ले गए ।दोनों एक ही गाड़ी में बैठ गए।सुषमा ने कहा कि हमने अपने साथ पुलिस सुरक्षा की मांग की तो लक्ष्मी नारायण नामक पुलिस कर्मी को उनके साथ भेज दिया।नाहन पहुंचने पर इन दोनों को गाड़ी से उतार दिया गया व पुलिस ढाबे में बिठा दिया। सुषमा सीधा आरोप लगाती है कि उसके मामा से पुलिस ने रिश्वत ली।पुलिस कर्मी ने उनसे ये भी लिखवा लिया कि उन्हें नाहन में सुरक्षित छोड़ दिया हैं। अभी पुलिस वाला 15-20 कदम ही लौटा था कि लड़की के परिजनो ने जबरन लड़की को गाड़ी में ले जाने की कोशिश की। ये सब सरे बाजार हुआ व वो चिल्लाई तो पुलिस कर्मी वापस लौटा व परिजनो से कहा कि आप ऐसा सरेआम नहीं कर सकते। इस बीच मौका देखते ही दोनों लड़का व लड़की सरेआम सड़क के रास्ते भाग गए। नाहन में इन दोनों का क्वार्टर था।
इसके बाद ये दोनों सीधे गुनुघाट पुलिस चौकी पहुंचे और पुलिस से सारा वाक्या बयान किया।गुनुघाट पुलिस ने इन्हेंं नाहन इनके क्वार्टर छोड़ा व मकान मालिक से कहा कि अगर कोई बाहर के लोग इनसे मिलने आए तो उन्हें मिलने मत देना। पुलिस ने इन दोनों को फोन नंबर भी दिए व कहा कि अगर कोई बात हो तो तुरंत फोन करना।सुषमा नेकहा कि 15 व 16 अक्तूबर को कोई नहीं आया। 17 तारीख को चार पांच लोग आए लेकिन पुलिस को फोन किया तो ये भाग गए। ये पकड़े भी नहीं गए। इस बीच 20अक्तूबर तक कोई नहीं आया। सुषमा का आरोप है कि इसबीच रिश्तेदारों ने पुलिस से सेटिंग कर ली व 21 अक्तूबर को कई गाडि़यों में लोग आए । उन्होंने जबरन दरवाजा खोला और मेरे मुंह पर चुन्नी बांध कर मुझे अपने साथ ले गए जबकि भवान को टॉयलेट में बंद कर दिया।जब आसपास के लोगों ने पूछा कि ये क्या हो रहा है तो उन्हें कहा गया कि इसे मिरगी का दौरा पड़ा हैं। उसने कहा कि जब उसे ले जा रहे थे तो चौकी का पुलिस वाला गाडि़यों के पास खड़ा था।मुझे छुुड़वाने के बजाय उनसे पूछा कि लड़का कहां हैं और मुझे जबरन ले जाने दिया।जब चार पांच घंटे के बाद किसी ने भवान की कुंडी खोली तो वो पुलिस चौकी गया लेकिन वहां पर उसे पुलिसिया रौब दिखा दिया गया।
21 को ही भवान के पिता जो कि मजदूरी करता है, के खिलाफ खुमली बिठा दी गई जिसमें कई गांवों के लोग शामिल हुए व उसे कहा गया कि अगर दोनों ने साथ रहना छोड़ा तो समाज से बहिष्कार कर दिया जाएगा व लड़की को लेकर फैसला किया गया कि जिस भी लड़के को सामने लाया जाएगा लड़की को उसके साथ शादी करनी होगी।
सुषमा ने कहा कि 21 अक्तूबर के बाद पांच दिन तक उसे सतौन में रखा गया। फिर जंगल में घर था, वहां रखा गया। उसके बाद बुआ के घर रखा गया। उसने कहा कि 26 अक्तूबर को हरिद्धार में गंगा स्नान करा उसकी शुद्धि करवाई गई व पांच नवंबर को हरियाणा के किसी लड़के के साथ उसकी शादी फिक्स कर दी गई। वह कहती है कि जिस लड़के के साथ उसकी शादी फिक्स की गई थी उसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी।उससे कहा गया था कि जिस भी लड़के को लाएंगे उसके साथ शादी करनी होगी।इस बीच उसने कहा कि 2 नवबंर को वो घर से भाग गई व दो दिनों तक किसी सहेली के पास रही और सात नवंबर को दोनों किसी तरह शिमला पहुंच गई।
यहां पर दोनों अखिल भारतीय हरिजन लीग के उपाध्यक्ष केदार सिंह जिंदान से मिले व हाईकोर्ट ने दोनों को सुरक्षा देने व साथ रहने की इजाजत दे दी हैं। चूंकि लड़का अभी 21 साल का नहीं हुआ हैं तो मामला अदालत में लंबित हैं।
सुषमा कहती है कि सिरमौर में खुमली कीेे प्रथा खत्म होनी चाहिए।वो घर से भागना नहीं चाहतेे थे। लेकिन खुमली परिवार पर दबाव डालती है और उसके फैसलोंं का मानना पड़ता हैं। उसने कहा कि सिरमौर पुलिस ने जो उनके साथ किया उसकी जांच होनी चाहिए ।पुलिस नेउनकी जान खतरे में डाली।उन्हें सिरमौर पुलिस पर कतई भी भरोसा नहीं हैं।उसने कहा कि सिरमौर पुलिस के अफसर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाते हैं लेकिन हम उनके पीछे नहीं पड़े रह सकते।हमें जॉब भी तो करनी हैं।सिरमौर की लड़कियों को हरियाणा में बेचा जा रहा हैं।प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्षा जेनब चंदेल के बयान से कि वहां कुछ नहीं हो रहा हैं,सच को दरकिनार नहीं किया जा सकता।सिरमौर में महिलाओं की सिथति दयनीय हैं।वह कहती है कि उन दोनों की जान को अभी भी खतरा बना हुआ हैं। वो पढ़ना चाहते थे लेकिन उन्हेंं कॉलेज छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा हैं।इसके अलावा लोगों ने उनके पापा के बहुत से पैसे खर्चवा दिए है।
खुमली के फरमानों के शिकार जिंदान कहते है मामले को डीजीपी तक पहुंचा दिया गया हैं व सीआईडी जांच कर रही हैं,लेकिन अभी तक कुछ भी हुुआ नहीं हैं।
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