शिमला। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्य कांत को राजभवन में एक सादे व गरिमापूर्ण समारोह में मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति सूर्य कांत हिमाचल के 23वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए हैं।
शपथ समारोह में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भी शिरकत की।
शपथ समारोह के बाद प्रदेश हाईकोर्ट पहुंचने पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आज के परिदृष्य में सबसे बड़ी चुनौती जल्द व प्रभावी न्याय देना हैं। उन्होंने कहा कि बार व बैंच के अस्तित्व के मायने तभीहैं अगर गरीबों की आंखें से आंसू पोंछे जाएं। उन्होंने कहा कि कबायली इलाकों के लोगों के अलावा गरीब लोगों के मामलों को जल्द निपटाने को प्राथमिक दी जाएगी। उन्हें गुणवतापूर्ण न्याय मुहैया कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह साथी न्यायाधीशों के साथ मिलकर पुराने मामलों को पहले निपटाएंगे। न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा न्यायिक प्रक्रिया में उन्हें रोजाना खुद की आहुति देनी होती हैं। जिगर मुरादाबादी का शेर सुनाते हुए उन्होेंने कहा कि ये इश्क नहीं आसां ,इतना ही समझ लिजे, आग का दरियां हैं और डूब के पार जाना हैं। उन्होेंने कहा कि न्यायाधीशें की स्थिति बिलकुल ऐसी होती हैं। उन्हें रोजना सुबह बल्ल्ेबाजी करने उतरना होता हैं और शाम को बिना चोट लगे व बिना आउट हुए घर जाना होता हैं।
उन्होेंने कहा कि न्यायपालिका में उनका एक ही सिद्वांत है व वह हैं काम ,काम और बस काम। वह अपना काम ईमानदारी से करेंगे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश दो के सभी न्यायाधीशें के साथ वीडियो कांफेंसिंग करेंगे व जल्दी किस तरह से न्याय दिया जाए, इस बावत जो भी निर्देश मिलेंगे उनका पालन किया जाएगा। हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति संजय करोल व बाकी जजों ने उनका स्वागत किया ।
इससे पहले राजभवन के दरबार हाल में आयोजित शपथ समारोह में मुख्य सचिव बी के अग्रवाल ने भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति अधिपत्र पढ़ा।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष रिाजीव बिन्दल, प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य, हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम विलास शर्मा, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, जस्टिस सूर्य कान्त की धर्मपत्नी, प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, सेवानिवृत न्यायाधीश व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
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