शिमला। हिमाचल कैडर के पांच सीनियर आईएएस अधिकारियों को नजरअंदाज कर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने लाडले आईएएस अफसर विद्या चंद्र फारका को चीफ सेक्रेटरी बना दिया है। फारका अभी मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव के पद पर थे । रिटायर अफसर व चुनाव कमिशनर के पद पर रहे टीजी नेगी को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का प्रधान सलाहकार बनाया गया जो कि सीएम के प्रधान निजी सचिव का काम देखेंगे। जबकि आज रिटायर हुए चीफ सेक्रेटरी पी मित्रा को प्रदेश का मुख्य चुनाव आयुक्त लगाया जा रहा है।ये नियुक्तियां प्रशासनिक से ज्यादा राजनीतिक महत्व की है।
फारका को चीफ सेके्रटरी बना देने के अब बड़ा सवाल ये खड़ा हो गया है कि क्या सीनियर आईएएस अफसर इस नियुक्त को लेकर विद्रोह कर पाएंगे। ।
1983 बैच के आईएएस अफसर वीसी फारका विपक्षी नेता प्रेम कुमार धूमल के भी करीबी माने जाते है। मुख्य सचिव के नाम से जारी अधिसूचना के मुताबिक फारका अगले चीफ सेक्रेटरी होंगे।। हिमाचल प्रदेश कैडर के पांच अफसर फारका से सीनियर है। इनमें 1982 बैच के दीपक सानन धूमल के लाडले है व उनके बेटे, बीसीसीआई के अध्यक्ष व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए को जमीन आवंटन में विजीलेंस की चार्जशीट झेल रहे है। 1982 बैच के ही आईएएस अफसर अजय मितल पिछले तीन सालों से खुडडा लाइन लगाए हुए थे। आखिर में वो भारत सरकार में सचिव बनने में कामयाब हो गए और इन दिनों मोदी सरकार के सूचना व प्रसारण मंत्रालय के सचिव है।वो आरएसएस पृष्ठभूमि से थे।
1982 बैच की आईएएस अफसर विनीत चौधरी एम्स में उनकी तैनाती के दौरान हुए घपलों के कारण न तो भारत सरकार में सचिव बन पाए और उन्हें प्रदेश सरकार ने भी मुख्य सचिव की कुर्सी पर नहीं बिठाया हालांकि वीरभद्र सिंह उन्हें दो बार मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार दे चुके थे।
हरियाणा कैडर के आईएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी की ओर से मोदी सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन व यूपीए सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे गुलाम नवी आजाद से विनीत चौधरी के खिलाफ मंजूर करवाई चार्जशीटें विनीत चौधरी के चीफ सेक्रेटरी बनने के आड़े आ गई। मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नडडा भी उनके खिलाफ इन चार्जशीटों को समाप्त नहीं करवा पाए ।
लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी 1983 बैच की आईएएस अफसर उपमा चौधरी को नजर अंदाज करने को लेकर है। उपमा चौधरी फारका से सीनियर है। फारका से ही सीनियर 1983 बैच आशा राम सिहाग पहले ही केंद्र प्रतिनियुक्ति पर है।
फारका हिमाचल के लाहुल स्पिति से है व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने लाहुल स्पिति व किन्नौर के किसी भी पात्र अफसर को कभी भी नाखुश नहीं किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय में अब सुभाष आहलुवालिया,टी जी नेगी की जोड़ी दोबारा इकटठी हो गई है। जबकि मुख्य सचिव के पद पर फारका की नियुक्ति होने से अब सरकार का सारा कामकाज वीरभद्र सिंह की अपनी जुंडली के हाथ में आ गया हैै। पहले ऐसा नहीं था। ये सारे वो अफसर है जो वीरभद्र सिंह के बेहद लाडले है व उनके लिए कुछ भी कर सकते है।इसलिए आगामी चुनावी सालों में ये जुंडली क्या खेल खेलेगी ये देखना दिलचस्प होगा।
बाहर के सारे आईएएस अफसरों को, जिनमें दीपक सानन, विनीत चौधरी, और उपमा चौधरी शामिल है,उन्हेंं महत्वपूर्ण पदों से बाहर रख कर कई निशाने एक साथ साधे गए हैं।
ऐसे में अब फारका, टीजी नेगी और सुभाष आहलुवालिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनके परिवार को भ्रष्टाचार के मामलोंं से बाहर निकालनाा है।जबकि अजय मितल,दीपक सानन व विनीत चौधरी उनकी इस गेम को तारपीडो करने का पूरा इंतजाम करेंगे। अजय मितल पहले ही मोदी सरकार में अरुण जेटली के साथ हैै। दीपक सानन भी आरएसएस का चोला पहने रहते है।उन्हें मोदी सरकार ने एचपीसीए के भ्रष्टाचार के मामले में अभियोजन मंजूरी देने से इंकार कर दिया था।इस तरह उनकी मोदी सरकार ने उनकी मदद कर रखी है। दिलचस्प ये है कि सानन व फारका की जोड़ी ‘पैग फ्रैंड ‘ के लिए सचिवालय में मशहूर है।
हालांकि कहाये भी जा रहा था कि मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के मामले में विनीत चौधरी ने भी उनकी मदद की थी । हालांकि ये अपुष्ट है।मोदी सरकार के अस्िसटेंट सालिस्टिर जनरल संजय जैन से विनीत चौधरी की करीबियां है।अब आगे मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के मामलोंं में जो आगे होगा वो देखना दिलचस्प है। लेकिन वीरभद्र सिंह सरकार ने मोदी सरकार में सीबीआई व इडी में कई वरिष्ठ अधिकारियोंं के करीबी आज रिटायर हुए चीफ सेक्रेटरी पी मित्रा को चुनाव कमिशनर के पद पर बिठाकर सीबीआई व इडी को मैनेज करने का रास्ता खुला रखा है। हालांकि मित्रा की नियुक्ति की अधिसूचना खबर लिखे जाने तक जारी नहीं हुई थी।
उधर इन नियुक्तियोंं को प्रशासनिक से ज्यादा राजनीतिक महत्व की ज्यादा माना जा रहा है।दिसंबर2017 में नई सरकार बननी है।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चुनााव प्रशासनिक कामों की आड़ में चुनााव प्रचार शुरू कर दिया है।इस अदृष्य चुनाव प्रचार अभियान में अब सुभाष आहलुवालिया,टीजी नेगी के अलावा पूर्व आईएस अफसर अशोक ठाकुर,उनकी बीवी सरोजनी ठाकुर गंजू शामिल है। अब फारका के मुख्य सचिव बनने से ये टीम और मजबूत हो गई है।
अब इंतजार इस बात का रहेगा कि जो सीनियर आईएएस अफसर नजर अंदाज हुए हैं वो क्या करते है।
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