शिमला।ब्रिटिश राज की राजधानी शिमला में पीलिया कांड के लिए जिम्मेदार कारिंदों के अब सलाखों के पीछे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। निचली अदालत ने म्लाण सीवरेज प्लांट की देखरेख करने के लिए जिम्मेदार जूनियर इंजीनियर परनीत ठाकुर व प्लांट के सुपरवाइजर मनोज वर्मा को 28 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। परनीत ठाकुर रोहड़ू का वाशिंदा है जबकि मनोज वर्मा संजौली के शनान का रहने वाला है।
पुलिस ने अभी छोटी मछलियों को पकड़ा है। रसूखदार ठेकेदार अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है या पुलिस उसे जानबूझ कर अदालत से जमानत हासिल करने का मौका प्रदान कर रही है।जो भी हो अब ठेकेदार के अलावा आईपीएच विभाग के अफसर पुलिस के राडार पर है।
इन दोनों की ओरसे दायर जमानत याचिका को आज कोर्ट नबंर चार की सब -जज नेहा शर्मा ने खारिज कर दोनों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया। अब पुलिस इन दोनों ये पूछताछ कर पूरे कांड का हिसाब लेगी।समझा जा रहा है कि पुलिस इस ठेके में किए जा रहे भ्रष्टाचार की जानकारियां भी हासिल करेगी और अगर पब्लिd का प्रैशर रहा तो बड़ा घपला सामने आ सकता।
पुलिस व पर शहर के लोगों को सीवरेज वाला पानी पिलाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को सलाखों के पीछे भेजने का पब्लिक का प्रैशर है ।
अभी ठेकेदार पुलिस की पकड़ से बाहर है। हालांकि वामपंथियों ने छोटे लोगों को तंग करने पर एतराज भी जताया है।
गौरतलब हो कि डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने इस मामले में छोटा शिमला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। लेकिन लंबे समय सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं हुआ। आखिर में पब्लिक प्रैशर में सरकार ने शिमला के एएसपी संदीप धवल की अगुवाई में एसआईटी गठित की। पुलिस ने इन दोनों को अरेस्ट कर लिया।
उधर,इस मामले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सरकार की हो रही फजीहत से बचने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खुद बैठक पर बैठक कर रहे है। उन्होंने माना कि शुरू में उनकी सरकार के संबंधित विभागों ने एहतिहाती कदम नहीं उठाए, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर होती गई। उन्होंने इस परनाराजगी भी जाहिर की।
उन्होंने अब प्रदेश भर मेंपानी को लेकर सरकार को साप्ताहिक रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिए ताकि समय पर उचित कार्रवाई की जा सके। मुख्यमंत्री आज शिमला और सोलन शहरों व इसके आसपास के क्षेत्रों में फैले पीलिया की स्थिति के सम्बन्ध में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भर के पंपिंग स्टेशनों और ट्रीटमेंट प्लाटों के सुपर कलोरीनेशन करने के निर्देश दिए। आईपीएच और नगर निगम शिमला की सीवरेज पाइप लाइनों में रिसाव को बंद करने और सभी घरों को मुख्य सीवरेज लाइन से जोड़ने के लिए तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि ऐहतिहाती तौर पर शिमला शहर के रिज मैदान, पुरान बस अडडा और विकास नगर स्थापित वाटर एटीएम से लोगों को निःशुल्क पेयजल प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड का पेयजल स्रोत में पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच के निर्देश दिए।
इस बैठक में मुख्य सचिव पी. मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.सी. फारका, पी.सी. धीमान और डा. श्रीकांत बाल्दी, विशेष सचिव स्वास्थ्य नंदिता गुप्ता, निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, डा. एम.पी. सूद, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा. डी.एस. गुरंग, नगर निगम के आयुक्त पंक राय, प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य आर.के. कंवर, प्रधाचार्य आईजीएमसी डा. एस.एस. कौशल, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चंद, नगर एवं गा्रम नियोजन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
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