शिमला। दो हैक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सालाना छह हजार रुपए की रकम देने के प्रावधान को लागू करने के लिए प्रदेश की जयराम सरकार ने प्रदेश के तमाम पटवारियों की छुटिटयां गुपचुप तरीके से रदद कर दी है। कोशिश यह की जा रही है कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले यह रकम पात्र किसानों के खातों में चली जाए इस बावत सरकार ने 22 फरवरी तक तमाम पटवारियों को किसानों के फार्म भर कर देने के फरमान जारी किए है।फार्म के साथ किसान के बैंक खाते व आधार कार्ड की फोटोस्टेट प्रतियां भी लगाई जा रही है। ताकि किसी तरह की गफअत न रहे। रकम न भी जाए कम से कम किसानों को आस तो बंधा ही दी गई है कि अगर देश में मोदी सरकार आएगी तो उनके खाते में छह हजार तो निश्चित तौर पर जमा हो जाएंगे।
सचिवालय से जुड़े भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक प्रदेश से तीन लाख से ज्यादा किसानों फार्म सरकार के पास पहुंच गए है व इन पर लोकसभा चुनावों से पहले कार्यवाही करने के संभावना है। किसानों को मिलने वाली इस रकम के बाद भाजपा को इसका कितना चुनावी लाभ मिलेगा यह अलग मसला है लेकिन जिस तरह नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मचारियों की रात दिन डयूटियां लगी थी उसी तरह अबकी बार पटवारियों की डयूटियां लगाई गई है।
जयराम सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार की ओर से अंतरिम बजट में इस योजना के घोषित होने के तुरंत बाद मंत्रिमंडल की बैठक में इस बावत फैसला कर लिया था। इसके बाद 12 फरवरी से तमाम पटवारियों की छुटिटयों का फरमान उन्हें वट्सऐप पर ही सुना दिया गया । इस बावत प्रदेश के तमाम पटवारखानों में दो पन्ने का फार्म भी पहुंचा दिया गया।पटवारी ये फार्म किसानों से फोटोस्टेट करवा कर इसमें किसानों की खेती योग्य जमीन का लेखा जोखा भर कर रोजाना जिला उपायुक्तों को रिपोर्ट भेज रहे है और जिला उपायुक्त रोजाना प्रदेश के मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेज रहे है। समझा जा रहा है कि ये तेजी केंद्र सरकार के आदेशों पर दिखाई जा रही है। पटवारियों को रोजाना तीन से चार बजे के बीच रिपोर्ट जिला के अपने आला अफसरों को भेजनी होती है।
पटवारियों को रविवार के दिन भी डयूटी पर जाने के फरमान है और शाम को आठ आठ बजे तक डयूटी ली जा रही है। इसके अलावा बाकी सारे काम छोड़ दिए गए है। पटवारियों के मुताबिक अगर इसके अलावा कोई एक दो काम आ गया तो वह कर देते है, अन्यथा अभी इसी पर जोर है। किसानों कि जमीने अलग अलग गांवों मे होती है तो ऐसे में सारा रिकार्ड छान कर फार्म भरना होता है। कभी दस फार्म ही भरे जाते है तो कभी 40 से पचास तक भी भर लिए जाते है। इस काम के लिए उन्हें वेतन के अलावा अलग से कोई राशि मिलेगी इस बावत उनका कहना है कि कुछ नहीं मिलेगा। हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। जयराम सरकार का यह पहला काम है जो इतनी तेजी से हो रहा है।
इस राकेट स्पीड से चल रहे काम से पता नहीं भाजपा को आगामी लोकसभा चुनावों में वोट मिलेंगे या नहीं लेकिन इसी बहाने किसानों का कुछ तो भला हो ही जाएगा।
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