शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जनमंच में उठने वाले मसलों पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने संगीन इल्जाम लगा दिए है।
उन्होंने वीरवार को राजधानी में कहा कि जयराम सरकार को जनमंच की परिधि में क्या-क्या मसले उठाए जाने चाहिए उन्हें तय करना चाहिए।
जनमंच में भारतीय दंड संहिता, सीआरपीसी,सीपीसी,भू सुधार अधिनियम,एफसीए के मामले उठाए जा रहे है। थानेदार को जनमंच कार्यक्रम में खड़ा कर पूछा जा रहा है कि फलां मामले में क्या हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में मंत्री व मुख्यमंत्री को जनमंच पर किसी भी अधिकारी से कुछ भी पूछने का अधिकार नहीं है। इन अधिनियमों से संबधित मामलों में इस तरह से दखल नहीं दिया जा सकता। अगर ऐसा चलता रहा तो कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि जयराम सरकार भूल कर रही है। एक जनमंच कार्यक्रम पर दो लाख रुपए खर्च किया जा रहा है। इसके अलावा अधिकारी जनमंच से पहले व जनमंच के बाद भी कार्यालयों से बाहर रहते है। पहले उन्हें जनमंच कार्यक्रम की तैयारी करनी होती है बाद में आदेशों की पालना करनी होती है। ऐसे में लोगोे को कार्यालयों में अधिकार नहीं मिल रहे है। इन अधिकारियों के खर्च अलग से हो रहे है जो दो लाख रुपए में शामिल नहीं है।
रामलाल ने कहा कि ये जनता का पैसा है, इसे ऐसे नहीं बहाया जा सकता।
बीते दिनों बिलासपुर मं हुए जनमंच कार्यक्रम के दौरान इस तरह के मामलों के उठाए जाने पर उन्होंने एतराज जताया व कहा कि जब उन्होंने जनमंच कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही मंत्री से इस बावत पूछा कि वह इन मामलों को इस तरह नहीं उठा सकती तो मंत्रीने कहा कि उन्हें इस बावत जानकारी नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम से जनमंच के एरिया आफ आपरेशन को परिभाषित करने का आग्रह किया।
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