शिमला। देश की तरह हिमाचल में भी मोदी लहर नहीं मोदी कहर चला है और चारों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह से ढेर हो गई है। कांगड़ा से भाजपा प्रत्याशी व जयराम ठाकुर सरकार में मंत्री किशन कपूर सबसे ज्यादा अंतर से जीते है। जीत के अंतराल के मामले में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर को भी पीछे छोड़ दिया है। वह 4 लाख 77 हजार 645 से ज्यादा मतों से जीते है। इतने मतों से उनके गुरू शांता कुमार भी कभी नहीं जीते थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी संसदीय हलके से भाजपा प्रत्याशी राम स्वरूप शर्मा 4 लाख 5हजार459 के रिकार्ड मतों से जीते है। हमीरपुर संसदीय हलके से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर 3 लाख 87 हजार 812 मत लेकर विजयी रहे जबकि शिमला संसदीय हलके से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने 3 लाख 27 हजार515 रिकार्ड मतों विजय हासि ल की । यह पहली बार है कि किसी पार्टी के प्रत्याशियों को इतनी अप्रत्याशित बढ़त मिली हो।
कांगड़ा में किशन कपूर को 71.85 फीसद,हमीरपुर से अनुराग ठाकुर को 68.78,मंडी से भाजपा प्रत्याशी राम स्वरूप शर्मा को 68.6 और शिमला से सुरेश कश्यप को 66.25 फीसद मत पड़े। जबकि कांग्रेस पार्टी के शिमला से प्रत्याशी धनीराम शांडिल को 30.50 फीसद,मंडी से आश्रय शर्मा को 30.59,कांगड़ा से पवन काजल को 24.77 और हमीरपुर से राम लाल ठाकुर को 28.9 फीसद मत मिलेहै। चारों संसदीय सीटों के तहत पड़ने वाले सभी 68 विधानसभा हलकों में कांग्रेस पार्टी को किसी एक परभी बढ़त नहीं मिली है। हमीरपुर में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तो कांगड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का जमकर डंका बजा है। जबकि शिमला व मंडी सीटों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तहलका मचा दिया है। भाजपा प्रत्याशियों के आगे कांग्रेस प्रत्याशी कहीं भी टिकती नजर नहीं आ रही है।
पिछल्ले बार भी प्रदेश की चारों सीटें भाजपा की ही झोली में गिरी थी लेकिमन इतना अंतराल नहीं था। 2014 के चुनावों में भाजपा के वरिष्ठ नेता व कांगड़ा से प्रत्याशी शांता कुमार 1 लाख 70 हजार 72 मतों के अंतराल से जीते थे। जबकि हमीरपुर से अनुराग ठाकुर 98 हजार 403 मतों से विजयी हुए है। मंडी संसदीय हलके से रामस्वरूम शर्मा 39हजार 856 मतों से व शिमला से वीरेंद्र कश्यप 84 हजार 187 मतों से विजयी हुए थे। लेकिन इस बार का अंतराल पिछल्ले चुनावों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। इतनी बढ़त से भाजपा के लोग भी हैरान है।
वीरभद्र के गढ़ में भयंकर सेंध
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा ने इन चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के गढ़ शिमला संसदीय हलके में भी जबरदस्त सेंध लगा दी है। शिमला संसदीय हलके से कांग्रेस प्रत्याशी कर्नल धनीराम शांडिल अपने विधानसभा हलके सोलन से भी बढ़त नहीं ले पाए। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जो कांग्रेस प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष थे ,वह व उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह अपने हलकों से कांग्रेस शांडिल को बढ़त नहीं दिला पाए। शिमला संसदीय हलके से सबसे ज्यादा बढ़त नालागढ़ विधानसभा हलके से मिली है।
नालागढ़ से सुरेश कश्यप को 39 हजार 970 मतों की बढ़त मिली।जबकि यहां से लखविंदर राणा कांग्रेस विधायक है। कांग्रेस के स्टार प्रचारक वीरभद्र सिंह के विधानसभा हलके अर्की से सुरेश कश्यप को 29हजार 454 मतोें की,उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह के हलके शिमला ग्रामीण से 15962 मतों से, रोहड़ू से 8931 मतों की बढ़त मिली है। इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल के विधानसभा हलके सोलन से भी भाजपा प्रत्याशी को 16188 मतों की बढ़त मिली है। यह सब अप्रत्याशित है। इसके अलावा भाजपा को दून से 20 हजार 745,कसौली से 17488,पच्छाद से 16021 मतों से बढ़त मिली है। पच्छाद सुरेश कश्यप का अपना हलका हैं। विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल के नाहन हलके से भाजपा प्रत्याशी को 24हजार 563,रेणुका से 15832,पांवटा से 27517,शिलाई से 11450 मतों से बढ़त मिली है।
जिला शिमला से चौपाल से 26860,ठियोग से 17310,कसुम्प्टी से 16265,शिमला शहरी से 10 हजार 84,जुब्बल कोटखाई से 9799 मतों से बढ़त मिली है। आलम यह रहा है कि किसी भी विधानसभा हलके से कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त नहीं मिली है। ठियोग जहां से वामंपथी विधायक राकेश सिंघा खड़े थे वहां से उम्मीद लगाई जा रही थी के उनके मत भी कांग्रेस को जाएंगे । इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर भी इसी हलके से थे। लेकिन वह मोदी की सुनामी और जयराम ठाकुर के आक्रामक प्रचार के आगे बेअसर साबित हुए ।
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