शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला मंडी की आधा दर्जन भर खडडों में हो रहे अवैध खनन के लग रहे इल्जामों के बीच खनन अधिकारी को इस बावत अगली सुनवाई पर तमाम दस्तावेजों के साथ अदालत में तलब किया है। अदालत ने जिला खनन अधिकारी को हलफनामा दायर करने के भी आदेश दिए है।
अदालत ने जिला खनन अधिकारी को निर्देश दिए है कि जिला की सोन खडड,बाकर खडड,सटियार खडड,नालद खडड,बल्याणा खडड,अलियां खडड और चसवाल खडड व इनके आसपास हो रहे अवैध खनन को लेकरपूरा ब्योरा अदालत को पेश करे।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की खंडपीठ ने मंडी की इन खडडों पर बेरोकटोक हो रहे अवैध खनन और इससे पर्यावरण सड़कों,पीने की पानी की योजनाओं पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के बाद ये आदेश दिए।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इल्जाम लगाया है कि खनन माफिया ने दिनदहाड़े सबकी आंखों के सामने राज्य के करोड़ों रुपयों के खनिजों की लूट मचा रखी है और प्रदेश की जयराम सरकार इन तमाम अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से मौन साधे हुए है।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि खनन विभाग स्टाफ की कमी का बहाना बना रहा है जबकि पर्यावरण विभाग ने राष्ट्रीय हरित पंचाट और अन्य अदालतों में दायर हलफनामों में गलत तथ्य पेश कर इन संसथानों को गुमराह किया है।
इसके अलावा लोक निर्माण विभाग ,जल शक्ति विभाग समेत 35 अन्य विभागों के पास भी अवैध खनन को रोकने की शक्तियां हैं लेकिन वह बुरी तरह से विफल हो गए है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प मेाबाइल एप पर भी शिकायत की लेकिन फिर भी सरकार अवैध खनन को स्थाई तौर पर रोकने के लिए कारगर कदम उठाने में नाकाम रही।
याचिकाकर्ता ने इन तमाम खडडों से अवैध व अवैज्ञानिक खनन को रोकने के और इन तटबंधों को पारिस्थितिकीय तौर पर कमजोर घोषित करने के लिए सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया है। इसके अलावा यहां पर कांअेदार तारें लगाने,अवैध गतिविधियों का पता लगाने के लिए कैमरे लगाने, खडडों से आने जाने वाले रास्तों को बंद करने,अवैध खनन के दौरान पकड़े जाने वाले माफियाओं व चालाकों के पंजीकरण प्रमाणपत्रों और ड्राइविंग लाइसेंस को रदद व वाहनों को जब्त करने का भी आग्रह किया है।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को निर्धारित की है।
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