शिमला। हिमाचल प्रदेश विवि के गैर शिक्षक कर्मचारियों की संयुक्त संघर्ष समिति ने एचआरटीसी के सस्पेंड किए गए कर्मचारियों के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से दिए गए फैसले पर दुख जताया है। समिति ने कहा कि बेहतर होता कि निर्णय देने से पूर्व उच्च न्यायालय द्वारा निगम के कर्मचारियों को अपनी बात रखने का अवसर प्रदान किया जाता ।
समिति के प्रधान विपिन कुमार ने रिपोर्टर्स आइ डॉट कॉम से कहा कि समिति का इतना सा स्टैंड है कि इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पूर्व इनका पक्ष भी सुनना चाहिए था। समिति ने परिवहन कर्मचारियों द्वारा उठाई गई जायज मांगों को अपना समर्थन प्रदान करने का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा कि अगर परिवहन निगम के ये कर्मचारी उनसे समर्थन मांगेंंगे तो वो समर्थन देने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति का मानना है कि उच्च न्यायालय द्वारा कर्मचारियों द्वारा उठाई गई जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए राज्य सरकार एवं परिवहन निगम के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाने अपेक्षित थे । उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए उक्त फैसले से कर्मचारी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। समिति ने उच्च न्यायालय में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है औरउम्मीद जाहिर की है कि उच्च न्यायालय इस दिशा में कर्मचारी हित में कोई सही निर्णय लेगा व प्रदेश सरकार व निगम प्रबन्धन को कर्मचारियों की मांगों को सुलझाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश पारित किए जायेंगे।
गौरतलब हो कि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद हिूमाचल प्रदेश विवि गैर शिक्षक कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति पहला कर्मचारी संगठन है जो एचआरटीसी के हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में बाहर आया है। हाईकोर्ट केे कड़े आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी संगठन इस मसले पर खामोश हो गए हैं। इनमें वामपंथी,भाजपाई व कांग्रेसी समेत सारे छोटे -बड़े कर्मचारी संगठन शामिल है।लेकिन विवि के कर्मचारियों के खुलकर बाहर आने के बाद अब शायद बाकी कर्मचारी संगठन भी सरकार से इस मसले को उठाएंगेे।
विवि के इन गैर शिक्षक कर्मचारियों ने एचआरटीसी के कर्मचारियों का ही समर्थन नहीं किया है हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन के अधिकारी वर्ग की सीधी भर्ती करने की मांग का विरोध भी किया है।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष विपन कुमार एवं मीडिया प्रभारी नरेश कुमार शर्मा ने शिक्षक संघ को चेताया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के अन्दर ही कार्य करें तथा गैर-शिक्षक कर्मचारी समुदाय के हकों पर अनावश्यक हस्तक्षेप न करें ताकि विवि में शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे ।
इसके अतिरिक्त संघर्ष समिति ने विवि प्रशासन से मांग की है कि अधिकारियों की लम्बित पदोन्नतियों के आदेश समय रहते 30 जून, 6 से पहले-पहले जारी किए जाएं ताकि 30 जून को सेवानिवृत होने वाले अधिकारी पदोन्नति के लाभ से वंचित न रहें । साथ ही उन्होंने कनिष्ठ कार्यालय सहायक की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है और मांग की है कि 15 जुलाई से पहले-पहले इन पदों पर नियुक्तियां प्रदान की दी जाए ताकि वर्तमान में स्टाफ की कमी से जूझ रहे विवि को कुछ हद तक राहत मिल सके ।
इसके साथ ही संयुक्त संघर्ष समिति ने विवि परिसर में छात्रों द्वारा अपनी मांगों के लिए पिछले ढाई माह से किए जा रहे संघर्ष पर चिन्ता व्यक्त की है और विवि प्रशासन से आग्रह किया है कि छात्रों को को बातचीत के लिए बुलाए और छात्रों की जायज मांगों का समाधान किया जाए ।
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