शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य में उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप एक लाख युवाओं को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है व प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्लेसमेंट तथा स्वरोजगार से संबद्ध किया गया है। उन्होंने औद्योगिक घरानों के सदस्यों, संगठनों तथा क्षेत्रीय कौशल परिषदों से कौशल विकास निगम को अपने साथ सक्रियता पूर्वक जोड़ने पर विचार करने का आग्रह किया ताकि निगम के प्रशिक्षण प्रयासों से उद्योगों की आवश्यकताएं पूरी हो सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कौशल विकास भत्ता योजना आरंभ की है जो राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में सफलतापूर्वक कार्यान्वित की जा रही है और इससे एक लाख युवाओं को लाभान्वित किया गया है। वे आज यहां कौशल हिमाचल, समृद्ध हिमाचल,कौशल कन्क्लेव की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों के आजीविका प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अंतर्गत युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए हि0प्र0 कौशल विकास निगम की स्थापना की है। राज्य सरकार ने एशियन विकास बैंक से वित्त पोषित 640 करोड़ रुपये की हि0प्र0 कौशल विकास परियोजना भी आरंभ की है जो राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ाने में मददगार होगी।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास भत्ता योजना में वर्ष 2016-17 के लिए एक सौ करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पांच सौ पाठशालाओं में व्यावसायिक शिक्षा आरंभ की है जहां विभिन्न पाठ्यक्रमों में 35 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में हि0प्र0 कौशल विकास निगम ने अपना पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया है जहां राज्य के छह जिलों के 1080 युवाओं को 7 प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा चिन्हित आठ क्षेत्रों क्रमशः द कांगड़ा रिटेल एवं आतिथ्य सत्कार, सोलन ;टैक्सटाइल एवं जीवन विज्ञान, शिमला ;आईटीईटीईएस, मंडी;फर्नीचर एवं फिटिंग्स , नाहन.पावंटा;ऑटो मोबाइल तथा कुल्लू ;आतिथ्य सत्कार, में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने विद्यार्थियों की प्रतिदिन उपस्थिति की निगरानी के लिए वैब आधारित एमआईएस प्रणाली विकसित की है।
उन्होंने उद्योगपतियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण इस स्तर का होना चाहिए कि प्रशिक्षु बाहरी चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बन सकें।
इससे पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं योजनाद्ध डा श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश महाविद्यालयों में शीघ्र ही व्यावसाय में स्नातक पाठ्यक्रम आरंभ करने वाला पहला राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक घरानों में प्लेसमेंट सुनिश्चित बनाने के लिए उच्च गुणात्मक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण पूरा होने पर रोजगार प्रदान करने के लिए चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें हबीब इंटरनेशनल, ऑटो सेक्टर स्किल काउंसिल, एचआरटीसी तथा केएचकेवीएन ;त्रिपक्षीय, रिलायंस रिटेल्स तथा उषा इंटरनेशनल शामिल है।
इस मौके पर हिमाचल कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल को एक कुशल राज्य बनाने तथा राज्य के प्रत्येक युवा को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए निगम राज्य के 52 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को एससीवीटी से एनसीवीटी में स्तरोन्नत किया जा रहा है ताकि प्रशिक्षुओं को एनएसक्यूएफ से संबद्ध प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।
इस मौके पर बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल, ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव एवं योजना सलाहकार राकेश शर्मा, हबीब इंटरनेशनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जावेद हबीब, इंडस इंटेग्रटिड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुशल मैत्रा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। ।
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