शाहपुर/कांगड़ा: राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् यानि की नैक (NAAC) ने हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सी.यू.एच.पी) को B++ की ग्रेडिंग दी है। हाल ही में 24 से 27 अप्रैल के बीच नैक की टीम ने सी.यू.एच.पी का दौरा किया और यहां पर चल रही पठन पाठन से संबंधित गतिविधियों का निरीक्षण किया था। इसी के अधार पर सीयूएचपी को यह ग्रेडिंग मिली है।
प्रोफेसर एच. आर. शर्मा, Director, Internal Quality Assurance Cell (IQAC) ने कहा कि हम इससे अच्छी ग्रेडिंग की उम्मीद कर रहे थे क्योंकि स्थाई कैंपस ना होने के बावजूद हमारे संस्थान ने शोध और शैक्षणिक जगत में बहुत अच्छा काम किया है। प्रो. शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय को यह ग्रेडिंग नैक टीम के आगे रखे गए पुख्ता साक्ष्यों के अधार पर मिली । Reporterseye.com से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार अब और ज्यादा जोश से काम करेगा ताकि आगामी सालों में ग्रेडिंग में और सुधार लाया जा सके।
नैक की टीम मुख्यत: 10 आधार पर विश्वविद्यालय एवं उच्च संस्थाओं को ग्रेडिंग करता है । इसकी स्थापना 1994 में यूजीसी के द्वारा की गई थी। यह एक स्वंतत्र निकाय के रूप में कार्य करती है। इसका हेडक्वाटर बेंगलुरु में है। नैक मुख्यत 4 तरह की ग्रेडिंग देता है 3.1 – 4.00 को ए ग्रेड , 2.1.-3.00 को बी ग्रेड 1.51-2.00.। सी.यू.एच.पी को नैक की टीम ने 2.78 अंक दिए और B++ की ग्रेडिंग दी। सी.यू.एच.पी केवल 0.14 अंकों के अंतर से A ग्रेड से चूक गई।
नैक टीम के दौरे के दौरान छात्रों से जुड़े कई अहम मुद्दे भी सामने आए थे। छात्रों ने नैक टीम के साथ संवाद में कहा था कि उन्हें कैंपस पर सिर्फ और सिर्फ थ्यूरी पर जोर दिया जाता है और प्रैक्टिल वर्क पर कोई तव्वजों नहीं दी जाती है। साथ ही यहां पर सोशल वर्क के शोधार्थियों ने नैक की टीम को उनके विषय में गाइड्स के ना होने की शिकायत की। इन छात्रों का कहना है कि गाइड्स के ना होने की वजह से उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है। साथ ही चार साल गुजर जाने की वजह से अब उन्हें खासी चिंता सताने लगी है।
कंटेंट व फोटो: रूही शर्मा
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