शिमला। पूर्व खेल मंत्री और कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने केंद्रीय राज्य वित मंत्री अनुराग ठाकुर और उनके पिता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन पर अपने परिवार का कब्जा बरकरार रखने का खेल खेलने का इल्जाम लगाया है।
उन्होंने जयराम सरकार पर इल्जाम लगाया कि प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशें पर एचपीसीए कंपनी है या सोसायटी इस बावत फैसला लेने के लिए रजिस्ट्रार सहकारी सभा को मामला भेजा था लेकिन जयराम सरकार ने इस मामले को रजिस्ट्रार सहकारी सभा से मंडलायुक्त को भेज दिया व मंडलायुक्त ने सरकार के दबाव में एचपीसीए के पक्ष में फैसला दे दिया है।
रामलाल ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन व हिमाचल प्लेयर क्रिेकेट एसोसिएशन से लेकर जमीनें देने का राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राम लाल ठाकुर ने कहा कि एचपीसीए की ओर से एचपीसीए के चुनाव कराने के लिए जो कागजात सुप्रीम कोर्ट की ओर से बीसीसीआइ पर बिठाए गए प्रशासक भारत सरकार के पूर्व नियंत्रक व महालेखापरीक्षक विनोद राय व अदालत मित्र पीसी नरसिम्हा को भेजे है, वो जाली है।
ये बोले रामलाल ठाकुर-:
उन्होंने कहा कि एचपीसीए पहले सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत की थी लेकिन अब इसे कंपनी अधिनियम के तहत पंजीक़ृत कराया गया है और कंपनी के बोर्ड में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पहले नंबर पर है। इसके अलावा सात और सदस्य है जिनमें आर एस कपूर,संजय शर्मा, विशाल मरवाह आदि शामिल है। पहले इस बोर्ड में धूमल के छोटे बटे अरुण धूमल का नाम भी था लेकिन उन्हें अब बाहर कर दिया गया है। उन्होंने इल्जाम लगाया कि ऐसा इसलिए किया गया है कि अरुण धूमल को एचपीसीए का अध्यक्ष बनाया जा सके।
सारे अधिकार इसी सात सदस्यीय बोर्ड के पास है।
उन्होंने कहा कि 27 तारीख को एचपीसीए ने आम सभा की बैठक बलाई व इसमें कपंनी अधिनियम के तहत हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की कार्यकारिणी के चुनाव करा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यकारिणी के पास कोई अधिकार नहीं होंगे। यही नहीं दानदाता सदस्य बनाए गए है।
उनसे 25 -25 हजार रुपए की सदस्यता फीस ली जा रही है। इनमें से अधिकांश जालंधर के है। इन्हें वोट देने व चुनाव लड़ने के अधिकार भी दे दिए है। करोड़ों की संपति हिमाचल ने दी है व एचपीसीए में कब्जा बाहर के लोगों का हो जाएगा।
रामलाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के दो पूर्व क्रिकेटरों आर आर रोही और कुल्लू से गौतम ठाकुर ने विनोद राय व पीसी नरसिम्हा को दो पन्ने की चिटठी भेजी है जिसमें कहा गया है कि प्रदेश मे जिला स्तर पर क्रिकेट एसोसिएशन दशकों से सक्रिय नहीं है। इसके अलावा पहले जिलों से दो -दो सदस्य आते थे लेकिन अब एक एक सदस्य कर दिया गया है। अब जिलोें से 12 ही सदस्य होंगे। धूमल परिवार ने अपना वर्चस्व बनाने के लिए प्रदेश के खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व कम कर दिया है। यह प्रदेश के साथ सरेआम धोखाधड़ी है और कानून नियमों के साथ खिलावाड़ है।
उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के फैसलों पर नहीं जाना चाहते है। उन्होंने जयराम सरकार पर इल्जाम लगाया कि उसने मिलीभगत कर सुप्रीम कोर्ट में जो दस्तावेज देने थे वो नहीं दिए। अधूरे छसतावेज दिए जिस पर अदालत ने एचपीसीए के पक्ष में फैसला दे दिया। वह अब अदालत में किसी तरह की चुनौती नहीं देना चाहते है और न ही चुनाव को लेकर अदालत जाना चाहते है, क्योंकि चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चूकी है ऐसे में चुनाव तो रुक नहीं सकते । वह प्रदेश की जनता को केवल इतना बताना चाहते है कि क्रिकेट के नाम पर किस तरह एक परिवार खेल खेल रहा है। उन्होंने दावा किया कि आर आर रोही व गौतम ठाकुर की ओर से विनोद राय को भेजी चिटठी पर जांच चल रही है। उन्होंने मांग की कि एचपीसीए के चुनाव पूर्व न्यायामूर्ति लोढ़ा की सिफारिशों के अनुरूप हो।
वीरभद्र सिंह सरकार के समय किए कारनामों पर रहे खामोश
एचपीसीए मसले पर वीरभद्र सिंह सरकार के समय की गई कारस्तानियों पर रामलाल ठाकुर खामोश रहे। यह पूछे जाने पर कि सुभाष आहलुवालिया और वीसी फारका जिन्होंने धूमल सरकार के दौरान एचपीसीए को जमीन दिलाने में भूमिका निभाई उनके खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं बनाया। इसके अलावा वीरभद्र सिंह सरकार में एचपीसीए को सोसायटी से कपंनी बनाने के मामले में रजिस्ट्रार सहकारी सभाने फैसला क्यों नहीं दिया। इन तमाम सवालों के जवाब राम लाल के पास नहीं थे।
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