शिमला।कोटखाई गैंगरेप व कत्ल के बाद एक आरोपी के कत्ल के बाद बहुत बुरी तरह से घिरी प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार ने आखिर में इस मामले की जांच के लिए गठित की एसआईटी के मुखिया समेत तीन बड़े अफसरों पर गाज गिरा दी हैं।
एसआईटी के मुखिया व दक्षिणी रेंज के आईजी जहूर हैदर जैदी को उनके पद से हटा दिया गया। इनके साथ ही मुख्यमंत्री के बेहद करीबी व पुलिस सर्कल में सुपर डीजीपी के नाम से मशहूर एसपी शिमला डोंडुप वाग्ंशुक नेगी और एएसपी भजन देव नेगी को उनके पदों से हटा दिया हैं।
इनमें सबसे ज्यादा संदेह के घेरे में एसपी शिमला ही रहें हैं । वो ही छह जुलाई से लेकर 11 जुलाई तक इस मामले को देखते रहे हैं।एसआईटी जिसमें आईजी जैदी व एएसपी भजन देव नेगी शामिल किए गए वो 11 तारीख के बाद सींस में आए। ठियोग के डीएसपी मनोज जोशी को नहीं हटाया गया हैं। ये दिलचस्प हैं। देर से ही सही सरकार ने कोई तो कदम उठाया हैं। अगर ये कदम पहले उठा लिया होता तो सरकार की इतनी किरकिरी नहीं होती।
आईजी जैदी को आइजीपी कल्याण और प्रशासन पुलिस मुख्यालय का जिम्मा सौंपा हैं उनके प्रभार को मंडी रेंज के आइजीपी अजय कुमार यादव को सौंपा गया है। एसपी शिमला डी डब्ल्यू नेगी से उनका पद छीन लिया गया है। उनके पास अब विजीलेंस एसपी का ही प्रभार रहा हैं।एएसपी शिमला भजन नेगी को मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है।
महिला एसपी सिरमौर आईपीएस अफसर सौम्या सांबशिवन को एसपी शिमला लगाया गया है। एसपी किन्नौर रोहित मालपानी को सिरमौर और गुरूदेव को एसपी सिरमौर लगाया गया है।
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