शिमला। कोविड महामारी की वजह से तहस-नहस हो चुकी प्रदेश की आर्थिकी के बावजूद प्रदेश की जयराम सरकार ने प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के पचास साल पूरे होने पर आयोजित की जाने वाली स्वर्ण जयंती समारोहों के दौरान साल भर 51 कार्यक्रम करने का फैसला लिया है। यही नहीं जयराम सरकार इस दौरान स्वणर् जयंती रथयात्रा भी निकालेगी जिसे जिला से लेकर उपमंडल तक ले जाया जाएगा। यह पूछे जाने पर की कंगाली की स्थिति के बावजूद इतने सारे कार्यकम करने का औचित्य क्या है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की वजह से आर्थिकी को बहुत नुकसान हुआ है यह सच है लेकिन हमें आगे भी बढना है।
राजधानी में संवादादाता सम्मेलन में जयराम ने कहा कि प्रदेश ने इन पचास सालों में बहुत तरक्की की है।इसमें अब तक सता में रही सभी सरकारों का योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रदेश में जिन्होंने बेहतर काम कर प्रदेश का गौरव बढाया है ,उन्हें चिन्हित कर गौरव सम्मान से नवाजा जाएगा।
इसके अलावा जिन लोगों ने विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है उनके योगदान को देखते हुए उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि जिन विधायकों व सांसदों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हैं या अदालतों में मामले चल रहे है क्या उन्हें भी जयराम सरकार भी सम्मानित करेगी। इस पर उन्होंने कहा कि सम्मान इस दृष्टिकोण से दिया जाएगा कि इन लोगों ने जनता का प्रतिनिधित्व किया।
उन्होंंने कहा कि साल भर होने वाले इन कार्यक्रमों में पंचायत के वार्ड सदस्यों से लेकर नगर निगमों तक के महापौरों तक जोडा जाएगा। इसके अलावा नई पीढी को भी प्रदेश में अब तक क्या हुआ इससे अवगत कराया जाएगा।
तरक्की के आकंडे किए साझा
इइस मौके पर जयराम सरकार ने 1971 में जब प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था व आज तक हुई तरक्की को लेकर आंकडे पेश किए ।
उन्होंने कहा कि 1971 में प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आया 671 रुपए थी जो आज बढकर एक लाखलाख 95 हजार 255 हो गई है।1971 में 911.7 हैक्टेयर पर खेती होती है आज 959 हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में खेती हो रही है।बागवानी का क्षेत्र भी बढा है।1971 में 7370 किलोमीटर लंबी सडके थी आज प्रदेश में 38470 किलोमीटर लंबी सडकें है।
1971 में प्रदेश में साक्षरता की दर 31.96 फीसद थी जो आज बढ कर 86.60 फीसद तक पहुंच गई है। शिशुशिशु मृत्यू दर 118 थी जो घट कर 19.9 तक पहुंच गई। मृत्यू दर 15.6 से घट कर 6.9 हो गई।गई। जन्म दर 37.3 से घट कर 15.7 फीसद तक पहुंच गई।प्रदेश में तब 3249 गांवों में बिजली थी आज प्रदेश के सभी 17855 गांवों में बिजली की सुविधा है। इसके अलावा शिक्षण व स्वास्थ्य संस्थानों में भी भारी बढोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि पचास सालों में बहुत कुछ किया है। इन तमाम पहलुओं से प्रदेश की जनता को अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा सरकार यह विजन भी जनता के सामने रखेगी कि अगले पचास सालों में हिमाचल कहां हो।
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