शिमला। प्रदेश में पीलिए के साथ- साथ स्वाइन फ्लू ने भी कहर बरपा दिया है।इस साल जनवरी से अब तक स्वाइन फ्लू से चार मौतें हो चुकी है और प्रदेश सरकार खामोश बैठी है। आलम ये है कि प्रदेश के निदेशक हेल्थ को स्वाइन फ्लू से इस साल कितनी मौतें हो गई हैं इसकी जानकारी ही नहीं है। ये स्थिति सरकार पर कई बड़े सवाल खड़ा करती है।
स्वाइन फ्लू से चौथी मौत शनिवार को हुई । 31 साल की एक महिला किन्नौर से इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज को रेफर की गई थी। लेकिन इस महिला ने दो घंटे के भीतर ही दम तोड़ दिया। आईजीएमसी के सीनियर मेडिकल सुपरइनटेंनडेंट डाक्टर रमेश चंद ने कहा कि अस्पताल ने इसके सैंपल ले लिए थे। सैंपल पाजीटिव आया।
स्वाइन फ्लू से इससे पहले जनवरी से लेकर तीन और मौतें हो चुकी है। एक मरीज कांगड़ा से रेफर किया गया था जबकि एक मरीज सुंदरनगर से आईजीएमएस पहुंचा था। राजधानी के उपनगर टुटू के एक साल के बच्चे की मौत हो गई है। अभी तक 9मरीज पाजीटिव पाए जा चुके है।
उधर,मजे की बात है कि स्वाइन फ्लू ने जिंदगियां लेनी शुरू कर दी है लेकिन निदेशक स्वास्थ्य कोस्वाइन फ्लू से हुई मौतों की जानकारी ही नहीं है। स्वास्थ्य निदेशक डाक्टर डीएस गुरंग ने कहा कि उनके पास मौतों का आंकड़ा नहीं है। बहरहाल विभाग ने एक अरसा पहले एडवाइजरी जारी कर दी थी।दवाएं,मास्क व टेस्टिंग कीट्स हर जगह मुहैया करवा दी है।
स्टेट में कहीं भी अलार्म नहीं है। जनता को कुछ पता नहीं है। वो पूरी तरह से बेखबर है और सावधानी तक नहीं बरत रही है।सरकार का पीलिया को लेकर भी यही रवैया रहा है। नौकरशाह खामोश बैठे मोटी तनख्वाहें हड़प रहे है और लोगों की जिंदगियों की कोई परवाह नहीं है।
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