शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज राज्यपाल आचार्य देवव्रत के अभिषाण के साथ शुरू हो गया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज बतौर राज्यपाल विधानसभा में अपना पहला अभिभाषण दिया। इस दौरान विपक्षी पार्टी भाजपा के सदस्य उनका भाषण चुपचाप सुनते रहे। इससे पहले पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के अभिभाषण के दौरान भी भाजपा सदस्यों को सदन में चुपचाप रहना पड़ा था। इन दोनों राज्यपालों को केंद्र की मोदी सरकार ने नियुक्त किया था। जबकि इससे पहले जब यूपीए सरकार की ओर से नियुक्ति राज्यपाल उर्मिल सिंह का अभिभाषण हुआ था तो भाजपा सदस्यों ने उनके अभिभाषण का बहिष्कार किया था। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद अब इस पर चर्चा होनी है।राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन में पंपोर व पठानकोट में शहीद हुए हिमाचली रणबांकुरों और पूर्व स्पीकर देसराज को श्रद्धाजंलि व्यक्त की।
यहां पढ़े सदन में अपने अभिभाषण में क्या कहा राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने-:
माननीय अध्यक्ष महोदय और माननीय सदस्यगण,
1. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का पदभार संभालने के पश्चात् पहली बार इस विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। मैं, समस्त प्रदेशवासियों का अभिनंदन करता हूं। इस वर्ष के प्रथम सत्र और 12वीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 11वंे सत्र के अवसर पर मैं आप सभी का स्वागत करता हूं।
2. राज्य में हाल ही में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई पंचायती राज संस्थाओं की चुनाव प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए मैं प्रदेश के लोगों को बधाई देता हूं। यह गौरव का विषय है कि राज्य में पंचायती राज संस्थानों के कुल प्रतिनिधियों में लगभग 58 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की है।
3. मेरी सरकार समाज के सभी वर्गों की प्रगति, समृद्धि और बेहतरी के लिए कार्य कर रही है तथा राज्य के सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। आज सभी स्वीकार करते है कि मेरी सरकार ने लगभग सभी चुनावी वायदों को पूरा कर लिया है तथा सरकार द्वारा अर्जित उपलब्धियां मेरी सरकार द्वारा किए गए अच्छे कार्यों का साक्ष्य है। मेरी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि विकास के लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचे।
4. माननीय सदस्यगण, मेरी सरकार ने वर्ष के दौरान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, विकलांग व्यक्तियांे तथा वरिष्ठ नागरिकों के सामाजिक तथा आर्थिक विकास के लिए अनेक कार्यक्रम कार्यान्वित किए हैं। सामाजिक सुरक्षा पैंशन को बढ़ाकर 600 रुपये प्रतिमाह किया गया है और 80 वर्ष से अधिक की आयु वर्ग अथवा 70 प्रतिशत से अधिक की अपंगता वाले व्यक्तियों को यह पेंशन 1100 रुपये प्रतिमाह की दर से प्रदान की जा रही है। सामाजिक सुरक्षा पैंशन के अन्तर्गत 3,39,921 से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हो रहे हैं और इस वर्ष इस प्रयोजन पर 306.43 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
5. लाभार्थियों को नए आवास के निर्माण के लिए मेरी सरकार 75,000 रुपये तथा आवास के रख-रखाव के लिए 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवा रही है। इस वर्ष 3080 व्यक्तियों को लाभान्वित करने के भौतिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 23.16 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
6. प्रदेश के आवासहीन लोगों की आवासीय आवश्यकताएं पूरा करने के लिए मेरी सरकार ने राजीव आवास योजना के अन्तर्गत 1,280 आवास स्वीकृत किए हैं। इसके अतिरिक्त, इंदिरा आवास योजना के अन्तर्गत भी 2,128 आवास मंजूर किए गए हैं।
7. महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए मेरी सरकार नें इस वित्त वर्ष 375.52 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। ‘‘बेटी है अनमोल’’ योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्ति राशि को 300 रुपये से 1500 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 450 रुपये से 2250 रुपये प्रति बच्चा किया गया है। शिमला के निकट मशोबरा में 6.16 करोड़ रुपये की लागत से लड़कियों के लिए माॅडल चिल्ड्रन होम का निर्माण किया जा रहा है।
8. इस वित्त वर्षं के दौरान 4,45,997 बच्चों, 1,00,789 गर्भवती माताओं एवं स्तनपान करवाने वाली महिलाओं तथा 1,37,931 किशोरियों को एकीकृत बाल विकास योजना के दायरे में लाया गया है। बाल/बालिका सुरक्षा योजना के अन्तर्गत बच्चों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को प्रथम अप्रैल, 2015 से 500 रुपये से बढ़ाकर 2300 रुपये प्रति बच्चा, प्रति माह किया गया है। इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना को हमीरपुर जि़ला मंे कार्यान्वित किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत 5832 व्यक्तियों को लाभान्वित करने के लिए 2.95 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
9. स्वतन्त्रता सेनानियों और उनके आश्रितों को दी जाने वाली सम्मान राशि पर वर्ष 2015-16 के दौरान 3 करोड़ 56 लाख 98 हजार 210 रुपये खर्च किए जा रहे हंै। स्वतन्त्रता सेनानियों की पुत्रियांे एवं पौत्रियों के विवाह पर क्रमशः 51,000 और 21,000 रुपये की दर से विवाह अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
10. द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को प्रथम अप्रैल, 2015 से 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह किया गया है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत भूतपूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं/बच्चों को 12 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान किए गए हैं। शहीद सैनिकों को दी जाने वाली अनुग्रह अनुदान राशि को मई, 2015 से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है।
11. शिक्षा क्षेत्र मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। सभी को शिक्षा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने 21 नए प्राथमिक विद्यालय खोले हैं। इसके अलावा, इस वित्तीय वर्ष के दौरान 49 प्राथमिक पाठशालाओं को माध्यमिक पाठशाला, 92 माध्यमिक पाठशालाओं को उच्च पाठशाला और 58 उच्च पाठशालाओं को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के रूप में स्तरोन्नत किया गया। सात नए महाविद्यालय और एक ललित कला महाविद्यालय भी इस अवधि में खोले गए। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए इस वर्ष शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के 878 पद सृजित किए गए। सरकार ने राज्य में शिक्षकों और गैर-शिक्षकों के 535 पद भरे हैं। इस वित्त वर्ष के दौरान शिक्षण संस्थानों के भवन निर्माण पर 67.50 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जा रही है।
12. इस वर्ष 6 नए आई.टी.आई. खोले गए। अब प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक सरकारी आई.टी.आई की सुविधा उपलब्ध है। आॅटोमोबाईल इंजीनियरिंग सामुदायिक महाविद्यालय ने मंडी जिला के राजकीय पाॅलीटेक्निक काॅलेज, सुंदरनगर के परिसर में कार्य करना आरम्भ कर दिया है। राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, ज्यूरी कोटला की सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की कक्षाएं जवाहर लाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, सुंदरनगर में आरम्भ कर दी गई हैं। भारतीय प्रबंधन संस्थान की कक्षाएं भी सिरमौर जि़ला के पांवटा साहिब में फिलहाल अस्थायी परिसर में सितम्बर, 2015 से आरम्भ कर दी गईं हैं।
13. सोलन जिला के बद्दी स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग टैक्नालोजी (सी.आई.पी.ई.टी.) तथा शिमला जिला के महिला क्षेत्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान जुंडला में भी वर्ष 2015 में कक्षाएं आरम्भ की गईं। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, ऊना को एन.आई.टी हमीरपुर के परिसर से क्रियाशील किया गया है।
14. मेरी सरकार ने इस वर्ष 13 नए आदर्श विद्यालय स्थापित किए हैं। गुणात्मक सुधार प्रणाली के समुचित कार्यान्वयन के लिए राज्य उच्च शिक्षा परिषद् का गठन किया गया है। वर्तमान में, एक राज्य विश्वविद्यालय, एक निजी विश्वविद्यालय, 17 राजकीय डिग्री महाविद्यालयों और 18 निजी महाविद्यालयों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् के साथ प्रत्यायित किया गया है।
15. विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के लिए 11 राज्य प्रायोजित छात्रवृत्ति योजनाओं के अन्तर्गत 67,619 विद्यार्थियों को 13.64 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं के अन्तर्गत भी 1,30,213 विद्यार्थियों को 62.03 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। महात्मा गांधी वर्दी योजना के अन्तर्गत 7,31,122 विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के लिए 52.00 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जा रही है।
16. समाज के कमज़ोर वर्गों से संबंधित विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जा रही है। विशेष रूप से सक्षम विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर स्तर तक विभिन्न व्यावसायिक एवं तकनीकी पाठ्यक्रमों में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही हैं। राज्य में मंद दृष्टि व बधिर बच्चों के लिए दो विशेष पाठशालाएं क्रियाशील हैं, जिनके माध्यम से उन्हें 10वीं कक्षा तक शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
17. माननीय सदस्यगण, सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 8 नए नागरिक अस्पताल, 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 4 उप-स्वास्थ्य केंद्र खोले हैं। सरकार प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रोगियों को 56 प्रकार की औषधियां और 10 उपभोगीय निःशुल्क आबंटन कर रही है। बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए सरकार ने 266 नए चिकित्सक, 15 विशेषज्ञ चिकित्सक और 25 दंत चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की है। इसके अतिरिक्त, पैरा-मेडिकल स्टाफ के 167 पद भरे गए तथा 516 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है।
18. क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला में पी.पी.पी. पद्वति के अन्तर्गत अत्याधुनिक सिटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। प्रदेश सरकार ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, शिमला और डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में अलग से आपातकालीन चिकित्सा विभागों का सृजन किया है।
19. मेरी सरकार ने तीन नये स्वीकृत चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए आवश्यक संकाय सदस्यों और सहायक स्टाफ के पद सृजित किए हैं। इन महाविद्यालयों का नामकरण डाॅ. वाई.एस परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, नाहन, पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, चम्बा तथा डाॅ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर के रूप में किया गया है।
20. चिकित्सा महाविद्यालयों में शिक्षक संकाय की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने संकाय सदस्यों की सेवानिवृति की आयु प्रत्येक मामले के गुण दोष के आधार पर 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया है।
21. मेरी सरकार ने इस वर्ष आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों के विशेषज्ञों सहित 47 पद और पैरा-मेडिकल स्टाफ के 39 पद भी भरे हैं। आयुष चिकित्सा पद्धति को प्रचलित करने और लोगों को इसके बारे में जागरूक बनाने के लिए वर्ष 2015-16 में किन्नौर जिला के पूह, सांगला और रिकांगपियो तथा कुल्लू जिला में 4 निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाए गए। इन शिविरों के माध्यम से 1688 रोगियों का उपचार किया गया। वर्ष 2015-16 में 43 आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थानों के भवनों का निर्माण पूरा किया गया।
22. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत राज्य के 36.82 लाख लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। 31 दिसम्बर, 2015 तक 18,27,900 राशनकार्ड धारकों को 3,81,918 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया।
23. इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत आने वाले गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को सरकार प्रति राशन कार्ड 35 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध करवा रही है। इस पर आने वाली अतिरिक्त लागत राज्य सरकार ही वहन कर रही है। सरकार जनजातीय क्षेत्रों में गरीबी रेखा से ऊपर रह रहे परिवारों को 35 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध करवा रही है तथा गैर-जनजातीय क्षेत्रों में सभी ए.पी.एल परिवारों को 14 किलोग्राम गेहॅूं का आटा तथा 6 किलोग्राम चावल प्रति राशन कार्ड प्रति माह उपलब्ध करवाया जा रहा है।
24. मेरी सरकार राज्य विशेष उपदान योजना के अन्तर्गत सभी राशन कार्ड धारकों को निर्धारित दरों पर तीन दालें, दो खाद्यान्न तेल और एक किलोग्राम आयोडीनयुक्त नमक उपलब्ध करवाने के लिये कृतसंकल्प है। इस वित्त वर्ष के दौरान इस योजना के अन्तर्गत 210 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है।
25. मेरी सरकार ने प्रथम मई, 2015 से कर्मचारियों को राहत प्रदान करने के लिये दिहाड़ी की दरों को 170 रुपये से बढ़ाकर 180 रुपये तथा अंशकालीन कर्मचारियों की दिहाड़ी 21 रुपये से बढ़ाकर 22.50 रुपये प्रति घण्टा की गई। अंशकालिक जलवाहकों के मानदेय को भी 1500 रुपये से बढ़ाकर 1700 रुपये प्रति माह किया गया है।
26. अंशकालीक कार्यकर्ताओं, अनुबन्ध कर्मचारियों और दिहाड़ीदार/कन्टीन्जेट पेड श्रमिकों को नीति के अनुसार नियमित किया जा रहा है। आयुर्वेदिक प्रवक्ताओं की अनुबन्ध राशि को 15,300 रुपये से बढ़ाकर 19,125 रुपये प्रति माह किया गया है।
27. सरकारी महिला अनुबन्ध कर्मचारियों के मातृत्व अवकाश को 112 दिनों से बढ़ाकर 135 दिन किया गया है। दन्त स्वास्थ्य विभाग में दन्त विशेषज्ञों के अनुबन्ध वेतनमान को 26,250 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये किया गया। अनुबन्ध पर कार्यरत पशु चिकित्सा अधिकारियों को 25 प्रतिशत की दर से एनपीए प्रदान किया गया है। ग्राम पंचायत पशु चिकित्सा सहायकों के मानदेय को भी 5000 रुपये से बढ़ाकर 7000 रुपये प्रति माह किया गया है।
28. आऊटसोर्स आधार पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को राज्य के भीतर दैनिक भत्ता 130 रुपये तथा राज्य के बाहर 200 रुपये प्रतिदिन की दर से प्रदान किया जा रहा है। गृह रक्षकों का दैनिक भत्ता भी 260 रुपये से बढ़ाकर 280 रुपये किया गया हैं।
29. विभिन्न सरकारी विभागों मंे आउटसोर्स आधार पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि की गई है। सिविल सेवाओं की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को 30,000 रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
30. स्थायी तौर पर परिवार नियोजन के उपाय अपनाने पर इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की गई है। एक कन्या शिशु होने के उपरांत परिवार नियोजन उपाय अपनाने पर प्रोत्साहन राशि 25,000 रुपये से बढ़ाकर 35,000 रुपये तथा दो कन्याओं पर 20,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई है।
31. मेरी सरकार ने पैंशन धारकों और परिवार पैंशन धारकों के लिये मंहगाई भत्ता राहत को 100 प्रतिशत से बढ़ाकर 107 प्रतिशत तथा 107 प्रतिशत से बढ़ाकर 113 प्रतिशत किया है। असंगठित क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों को लाभान्वित करने के लिये सरकार ने अटल पेंशन योजना अपनाई है और इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी 1000 रुपये वार्षिक का अंशदान सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।
32. मेरी सरकार प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के समग्र विकास के लिए पूरी तरह समर्पित है । अनुसूचित जाति विशेष घटक योजना के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 के लिए 1220.14 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ‘‘मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना’’ के अन्तर्गत 12.60 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं तथा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या बाहुल वाले दो गांवों के एकीकृत विकास के लिए 10.00 लाख रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। कुल योजना आवंटन में से 9 प्रतिशत जनजातीय उप-योजना के अन्तर्गत निर्धारित किया गया है तथा चालू वित्त वर्ष में इस उपयोजना के अन्तर्गत 432 करोड़ रूपये की धनराशि का उपयोग किया जा रहा है ।
33. मेरी सरकार ने इस वर्ष किसानों को 1,10,500 क्विंटल बीज, 167 मीट्रिक टन कीटनाशक और 1,05,000 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध करवाई। सरकार के निरंतर प्रयासों से इस वर्ष खाद्यानों और सब्जियों का उत्पादन क्रमशः 16.19 लाख और 14.80 लाख टन होने का अनुमान है।
34. पाॅलीहाऊस के निर्माण के लिए मेरी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में ‘‘डाॅ. वाई.एस परमार किसान स्वरोज़गार योजना’’ लागू की है। इस योजना के अन्तर्गत 111.19 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष 1,250 पाॅलीहाऊसों का निर्माण किया गया। इस योजना के अन्तर्गत किसानों को 85 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
35. किसानों को लाभान्वित करने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मज़दूर जीवन सुरक्षा योजना’’ और ‘‘उत्तम चारा उत्पादन योजना’’ नामक दो नई योजनाएं शुरू की गई हैं। वर्ष 2015-16 के दौरान सरकार ने किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान के साथ 14,000 क्विंटल विकसित चारा बीज और 3,599 चारा काटने की मशीनें आवंटित कीं। ‘‘राजीव गांधी सूक्ष्म सिंचाई योजना’’ के अन्तर्गत 150 हैक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के अधीन लाया गया है, और इस पर प्रदेश के किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान की सुविधा प्रदान की जा रही है। जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को केंचुआ खाद इकाइयां स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। प्रदेश में 20,000 केंचुआ खाद इकाइयां स्थापित की गईं हैं तथा इस वर्ष 3200 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को जैविक कृषि के अन्तर्गत लाया जा रहा है।
36. माननीय सदस्यगण, प्रदेश के आर्थिक विकास में बागवानी क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वर्ष 2015-16 के दौरान लगभग 3,000 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को विभिन्न फलों की खेती के अन्तर्गत लाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 800 हैक्टेयर क्षेत्र को पुष्पोत्पादन के अन्तर्गत लाया जा रहा है।
37. वर्ष 2015 के रबी के मौसम में 97,246 किसानों को मौसम आधारित फसल बीमा योजना के दायरे में लाया गया। सरकार ने 25 प्रतिशत प्रीमियम अनुदान के तौर पर 9.22 करोड़ रुपये का अंशदान दिया। इस अवधि में 92,423 किसानों के 34.50 करोड़ रुपये के दावों का निपटारा किया गया। मौसम आधारित फसल बीमा योजना का विस्तार सभी फल उत्पादक क्षमता वाले खण्डों तक किया गया है। वर्ष 2015-16 में फल उत्पादकों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए ’मंडी मध्यस्थता योजना’ के अन्तर्गत 23.42 करोड़ रुपये मूल्य का 36033 मीट्रिक टन ‘सी’ गे्रड सेब खरीदा गया।
38. सरकार द्वारा उच्च किस्म के फूलों और सब्जियों के संरक्षित उत्पादन को विशेष महत्व दिया जा रहा है तथा इस उद्देश्य से 69,198 वर्गमीटर क्षेत्र को ग्रीन हाऊस/शेड नेट हाऊस के अन्तर्गत लाया गया। बागवानी फसलों को ओलावृष्टि से बचाने के लिए 7,54,158 वर्ग मीटर क्षेत्र को एंटी हेलनेट के अन्तर्गत लाया गया है। यांत्रिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए 2253 ऊर्जा संचालित उपकरण अनुदानित दरों पर वितरित किए गए हैं। वर्ष 2015-16 में 600 हैक्टेयर क्षेत्र को सेब पुःनर्जीवन परियोजना के अन्तर्गत सम्मिलित किया जा रहा है। इस वर्ष 16135 किसानों को बागवानी की आधुनिक तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
39. पशु पालन क्षेत्र के अन्तर्गत ऊना और बिलासपुर जिलों में दो नए पाॅलीक्लिनिक अधिसूचित किए गए हैं। शिमला जि़ला के घणाहट्टी और कांगड़ा जि़ला के पालमपुर स्थित तरल नाईट्रोजन संयंत्रो में कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं उपलब्ध करवाने पर 6.07 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, पशुओं के निःशुल्क टीकाकरण और दवाइयां उपलब्ध करवाने पर प्रदेश के पशु चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से 13.74 करोड़ रुपये व्यय किए गए। सहकारी सभाओं के माध्यम से दूध प्रसंस्करण एवं अभिशीतन सुविधाएं स्थापित करने के लिए 3.00 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
40. प्रदेश में गौ-सदनों की स्थापना और इनकी कार्य पद्धति के विनियमन के लिए हिमाचल प्रदेश गौवंश संवर्द्धन बोर्ड का गठन किया गया है। इस उद्देश्य के लिए 10.00 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
41. प्रदेश में 11,557 लोग मत्स्य पालन के व्यवसाय से जुड़े हैं और दिसम्बर, 2015 तक 58.22 करोड़ रुपये मूल्य की 6636.88 मीट्रिक टन मछलियों की पैदावार की गई। मत्स्य पालक दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत सभी 11,557 मत्स्य पालकों को शामिल किया गया है।
42. चरागाहों के रख-रखाव के लिए 131 हैक्टेयर वन भूमि पर चारा प्रजातियों का रोपण किया गया है। प्रदेश में वानरों की समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए 10 जनवरी, 2016 तक आठ वानर बंध्यीकरण केंद्रों पर 1,02,870 वानरों का बंध्यीकरण किया गया। वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अन्तर्गत वानरों को नाशक जीव घोषित करने और इनके निर्यात से संबंधित मामला प्रभावशाली तरीके से भारत सरकार से उठाया गया है।
43. मेरी सरकार लैंटाना घास से प्रभावित क्षेत्रों के सुधार के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वर्ष 2015-16 में 13,000 हैक्टेयर वन भूमि को लैंटाना मुक्त किया गया, जिस पर 19 करोड़ रुपये व्यय किए गए। इसके अतिरिक्त, 13 करोड़ रुपये के निवेश से 45 लाख औषधीय पौधे रोपे गए। वनों में आग की घटनाएं रोकने के लिए राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, हैदराबाद के सहयोग से अग्नि चेतावनी प्रणाली विकसित की गई है।
44. मध्य हिमालयी जलागम विकास परियोजना और स्वां नदी एकीकृत जलागम प्रबंधन परियोजना के अन्तर्गत विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों पर 108.05 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं तथा 806 पंचायतों के लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।
45. प्रत्येक परिवार को न्यूनतम 100 दिन का रोज़गार सुनिश्चित करनेे के लिए सरकार नें इस वर्ष मनरेगा के अन्तर्गत 147.78 लाख श्रम दिवस सृजित कर 3,76,245 घरों को रोज़गार उपलब्ध करवाया।
46. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष 4.87 करोड़ रूपये व्यय किये जा रहे है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार से 17 कौशल विकास प्रोजेक्टों के लिए आजीविका कौशल प्रोजेक्ट के अन्तर्गत मु0 166.49 करोड़, का अनुमोदन प्राप्त किया गया है।
47. मेरी सरकार 73वंे संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 की भावना के अनुरूप पंचायती राज संस्थानों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। 14वंे वित्तायोग द्वारा हस्तांतरित धनराशि के अन्तर्गत वित्त वर्ष 2015-16 में भारत सरकार से प्राप्त 195.39 करोड़ रुपये की धनराशी को पंचायतों में आबंटित किया गया है, ताकि वे अपने क्षेत्र में लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवा सकें।
48. महिला सशक्तिकरण के लिए हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 में महिला ग्राम सभा के गठन का प्रावधान किया गया है।
49. स्वच्छ पेयजल और सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना मेरी सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। शेष बची 21,450 बस्तियों मंे से इस वर्ष 1332 बस्तियों को पेयजल योजना की सुविधा प्रदान की गई।
50. प्रदेश के 9 कस्बों में समन्वित विकास और त्वरित शहरी जलापूर्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत पेयजल योजनाओं का सम्वर्द्धन किया जा रहा है तथा 2 कस्बों में पेयजल योजनाओं का सम्वर्द्धन राज्य क्षेत्र के अन्तर्गत किया जा रहा है। लोगों की पेयजल की मांग के दृष्टिगत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में नवम्बर, 2015 की अवधि तक 16,881 हैंडपंप स्थापित किए गए।
51. प्रदेश में बड़ी और मध्यम सिंचाई योजनाओं के लिए 45.00 करोड़ रुपये तथा लघु सिंचाई योजनाओं के लिए 152.81 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है। इस वित्त वर्ष 2044 हैक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, 2500 हैक्टेयर क्षेत्र को कमांद क्षेत्र विकास जल प्रबंधन के अन्तर्गत लाया गया है।
52. बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम के अन्तर्गत जि़ला ऊना में 922 करोड़ रुपये की लागत से स्वां नदी और जि़ला कांगड़ा में 180 करोड़ रुपये की लागत से छौंछ खड्ड के तटीकरण का कार्य प्रगति पर है। इस वित्त वर्ष में 934 हैक्टेयर क्षेत्र को कृषि योग्य बनाया गया है।
53. प्रदेश में आज 34,133 किलोमीटर लम्बी वाहन योग्य सड़कोे का जाल बिछ चुका है। वर्तमान वित्त वर्ष में विभिन्न योजनाआंे के लिए आबंटित कुल 826.82 करोड़ रुपये की धनराशि में से दिसम्बर, 2015 तक 342.05 करोड़ रुपये व्यय किए गए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 3318 बस्तियों को सड़कों की सुविधा प्रदान की गई है।
54. महत्वपूर्ण सड़क मार्गों और पुलों के निर्माण के लिए नाबार्ड को 543.43 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सौंपी गई है। नाबार्ड ने 92 सड़कों और 15 पुलों के लिए 385.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जिनमें से 31 दिसम्बर, 2015 तक 90.85 करोड़ रुपये व्यय किए गए। दिसम्बर, 2015 तक प्रदेश में राष्ट्रीय उच्च मार्गों के रख-रखाव पर 106 करोड़ रुपये व्यय किए गए।
55. प्रदेश की कुल 3243 पंचायतों में से 3117 पंचायत मुख्यालयों को सड़क की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है। इसके अतिरिक्त, 93 अतिरिक्त सड़क परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। गांवों को पक्के रास्तों से जोडनें के लिए प्रदेश में ‘‘मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना’’ भी कार्यान्वित की जा रही है।
56. प्रदेश में उद्योगों को आकर्षित करने तथा निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नियमों का सरलीकरण किया गया हैं। दिल्ली में 5 और 6 अक्तूबर, 2015 को आयोजित ‘इन्वेस्टर मीट’ में 2724.33 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया गया। इनमें 5800 व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान करने की संभावना है।
57. बद्दी में 8.10 करोड़ रुपये के निवेश से ‘‘दक्षता विकास केंद्र’’ स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष ऊना जिले के बाथू में 4.46 करोड़ रुपये की लागत से श्रमिक आवास का निर्माण किया गया है, जिसमें 96 लोगों के रहने की सुविधा उपलब्ध है। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान की क्षेत्रिय शाखा शिमला को ’हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान’ मशोबरा के परिसर से आरम्भ किया गया है।
58. प्रदेश में वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित खनन के बारे में सुझाव के लिए पहली बार राज्य स्तरीय खनिज सलाहकार समिति का गठन किया गया है। अवैध खनन गतिविधियों को रोकने के लिए हिमाचल प्रदेश लघु खनिज (रियायत) तथा खनिज (अवैध खनन परिवहन एवं भण्डारण की रोकथाम) नियम, 2015 में कड़े दण्डात्मक प्रावधानों को शामिल किया गया है।
59. राज्य ने अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में 10,264 मैगावाट विद्युत का दोहन किया है, जिसमें से 830 मैगावाट का दोहन इस वित्त वर्ष के दौरान किया गया। दिसम्बर, 2015 तक निःशुल्क और इक्वीटी ऊर्जा की बिक्री के माध्यम से 1009 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।
60. जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार ने वर्तमान जल विद्युत नीति में आवश्यक संशोधन करते हुए अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है। दिसम्बर, 2015 तक सिंगल फेज़ के 1,40,451 और 3 फेज़ के 2,336 इलैक्ट्रो मैकेनिकल मीटरों को इलैक्ट्रानिक मीटरों से बदला गया है। ऊर्जा बचत के लिए प्रदेश के लगभग 6 लाख उपभोक्ताओं को 17 जनवरी, 2016 तक 41,12,754 एल.ई.डी बल्ब वितरित किए गए हैं।
61. प्रदेश में वर्तमान में 4836 सहकारी संस्थानों में 16.24 लाख सदस्य हैं। इन संस्थानों के पास 277 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी, 21,472.14 करोड़ रुपये की जमा राशि और 25,947 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी है।
62. कांगड़ा, कुल्लू और शिमला जिलों में तीन नई एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन का कार्य आरम्भ कर दिया गया है, जिस पर 81 करोड़ 70 लाख 64 हज़ार रुपये व्यय किए जा रहे हैं। सहकारी बैंकों की 466 शाखाओं ने 657.10 करोड़ रुपये के फसल ऋण आवंटित किए हैं।
63. प्रदेश में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पर्यटकों की संख्या में 8.98 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2014 में 163.14 लाख पर्यटक हिमाचल भ्रमण के लिए आए जबकि वर्ष 2015 में इनकी संख्या 177.80 लाख रही।
64. प्रदेश के कठिन, जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों तथा पिछड़ी पंचायतों में स्थापित की जा रही नई होटल इकाइयों को 10 वर्षों की अवधि के लिए विलासिता कर में छूट प्रदान की गई है। राज्य में रज्जू मार्ग विकसित करने के लिए इस वर्ष धर्मशाला-मैक्लोडगंज, पलचान-रोहतांग और चामुण्डा-आदी हिमानी रज्जू मार्गों के लिए समझौता हस्ताक्षरित किए गए हैं।
65. राज्य में खेल अधोसंरचना में सुधार की दिशा में बहुद्देशीय खेल परिसरों, खेल मैदानों और खेल छात्रावासों के निर्माण पर 42.75 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सरकारी सेवाओं में उत्कृष्ट खिलाडि़यों को 3 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान के अन्तर्गत अभी तक 344 खिलाडि़यों को रोज़गार प्रदान किया गया है।
66. प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में दैनिक खर्चों की जरूरतों के लिए 5 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय से रिवाल्विंग फंड सृजित किया गया है। स्थानीय लोक कलाओं और पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए कुल्लू में 13.38 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है।
67. मेरी सरकार ने चकोतदारों को स्वामित्व अधिकार देने के लिए योजना तैयार की है। हिमाचल प्रदेश पट्टा नियम, 2013 के प्रावधानों को सरल बनाया गया है, ताकि निवेशकों को राज्य में विभिन्न अधोसंरचना परियोजनाएं स्थापित करने के लिए आकर्षित किया जा सके।
68. महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा निष्पादित दृष्टि बंधक उपकरण पर हिमाचल मूल के विद्यार्थियों द्वारा 7.50 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण तथा किसानों द्वारा 10 लाख रुपये तक के कृषि ऋण प्राप्त करने के लिए स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट दी गई है।
69. राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम पायलट परियोजना को तीन जिलों में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया गया है तथा अन्य चार जिलों में भी इसे कार्यान्वित करने का कार्य आरम्भ किया जा चुका है। भूकर नक्शों के अंकरूपण का कार्य भी प्रदेश में जारी है।
70. संसाधन जुटाने के उपायों के अन्तर्गत मेरी सरकार लोक निर्माण, वन, ऊर्जा, पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में 12023 करोड़ रुपये की बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रही है।
71. विकास प्रक्रिया में लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित बनाने के लिए राज्य में ’विकास में जन सहयोग’ कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है। ‘‘विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना’’ के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ने 48.99 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं तथा अपने विधानसभा क्षेत्रों में प्राथमिकता वाले कार्य आरम्भ करने के लिए प्रत्येक विधायक को 75 लाख रुपये आबंटित किए जा रहे हैं।
72. कौशल विकास भत्ता योजना, 2013 के अन्तर्गत 30 दिसम्बर, 2015 तक 60,869 लाभार्थियांे को 26.27 करोड़ रुपये आबंटित किए गए। भवन और अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड ने असंगठित क्षेत्र में 88534 श्रमिकांे का पंजीकरण किया है तथा 65,738 लाभार्थियों को विभिन्न कल्याण योजनाआंे के अन्तर्गत 20.25 करोड़ रुपये के लाभ प्रदान किए गए हैं।
73. मेरी सरकार प्रत्येक स्तर पर भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए दृढ़ संकल्प है और भ्रष्टाचार के विरूद्ध शून्य सहनशीलता की नीति को अपनाया जा रहा है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए शिमला स्थित राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो में टोल-फ्री दूरभाष संख्या 0177-2629893 की सुविधा दी गई है।
74. होटल, रेस्तरां, बेकरी, ढाबा आदि चलाने वाले व्यक्ति के लिए 18 मई, 2015 से शुल्क वसूल करने की सीमा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये की गई है। 25 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए एक मुश्त राशि जमा योजना शुरू की गई है, जिसके अन्तर्गत कर की गणना 1 प्रतिशत दर से की जाती है। ऐसे व्यापारी, जिनकी वार्षिक रिटर्न पर उनके डिजीटल हस्ताक्षर होंगे, उन्हें 14 दिसम्बर, 2015 से अनुमानित आकलन की हार्ड कापी जमा करवाने में छूट दी गई है। उन नई औद्योगिक इकाइयों, जिन्होंने प्रथम अक्तूबर, 2015 या इसके उपरांत व्यावसायिक उत्पादन आरम्भ किया है, के लिए प्रवेश कर 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत किया गया है।
75. लोगांे को राहत प्रदान करने के लिए कई ग्रामीण क्षेत्रों को नगर नियोजन अधिनियम के दायरे से बाहर किया गया है। अपने क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं में सुधार के लिए स्थानीय शहरी निकायों को 36 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, शहरी क्षेत्रों में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
76. वर्तमान में हिमाचल पथ परिवहन निगम की 2748 बसें 2289 मार्गों पर चल रही हैं। ये बसें प्रति दिन 5.20 लाख किलोमीटर का सफर तय कर लोगों को परिवहन सुविधा प्रदान कर रही हैं। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक नई पहल करते हुए राज्य में 25 इलैक्ट्रिक बसें आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है।
77. पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में मौसम बदलाव पर हिमाचल प्रदेश नाॅलेज सैल स्थापित कर क्रियाशील बनाया गया है। विज्ञान के रहस्योद्घाटन और आम लोगों तथा किसानों को विज्ञान एवं इसके अनुप्रयोग के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से राज्य में एक नये विज्ञान, अध्ययन एवं रचनात्मकता केंद्र की स्थापना की जा रही है। मेरी सरकार, जैव भोजन, जैव ऊर्जा, फसल सुधार, पशु पालन और जैविक कृषि जैसे क्षेत्रों में शोध एवं विकास परियोजनाओं का वित्त पोषण भी कर रही है।
78. सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और विकास गतिविधियों के प्रचार एवं प्रसार के लिए ‘वर्चुअल मीडिया यूनिट’ स्थापित की गई है।
79. माननीय सदस्यगण, मैंने आपके समक्ष मेरी सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों और उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया है। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि राज्य के लोगों के हित और प्रदेश को विकास एवं खुशहाली की राह पर आगे ले जाने के मेरी सरकार के प्रयासों को आप अपना पूर्ण सहयोग देंगे। मैं यह भी आशा करता हूं कि आप सभी इस माननीय सदन की उच्च परम्पराओं को बनाए रखेंगे।
80. माननीय सदस्यगण, मैं आप सभी के प्रसन्न और सफल जीवन की कामना करता हूं। मेरी सरकार की गतिविधियां आपके समक्ष रखने के लिए मुझे यह अवसर प्रदान करने पर भी आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।
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