शिमला। आगामी शैक्षणिक सत्र से प्रदेश में पांचवी व आठवी कक्षा की परीक्षाएं प्रदेश शिक्षा बोर्ड की ओर से कराई जा सकती है। इस बावत शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज ने सदन में साफ -साफ संकेत दिए है। उन्होंने कहा कि इस बावत विचार किया जा रहा है। भाजपा विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने प्रश्न किया कि परीक्षा नीति में बदलाव किया जाए। केंद्र सरकार ने बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में प्रावधान किया था किसी भ्ी बच्च्े को आठवीं तक फेल न किया जाए। लेकिन इससे शिक्षा की गुणवता पर असर पड़ा। इस बावत हिमाचल समेत कई रायों की सरकारों ने केंद्र से संशोधन की मांग की थी। अब केंद्र सरकार ने 11 जनवरी को इस अधिनियम में संशोधन किया है । केंद्र ने यह राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है कि वह परीक्षा लेना चाहती है या नहीं ।
अगर आठवीं की परीक्षा में कोई बच्चा फेल हो जाता है तो उसे दो महीने का मौका देना होगा ताकि वह दोबारा परीक्षा दे सके। अगर बच्चा फिर भी पास नहीं होता तो सरकार को तय करना है कि उसे आठवीं कक्षा में ही रखना है या उसे आगे की कक्षा को भेजना है।
उन्होंने कहा कि इस बावत शिक्षा विभाग विचार कर रहा है और जल्द ही फैसला कर लिया जाएगा। पांचवी व आठवीं की परीक्षा शिक्षा बोर्ड की ओर से ली जानी है या कोई और रास्ता निकाला जाएगा इस बावत भी जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
पीटीए,पैट को नियमित करने की मंशा पर मामला सुप्रीम कोर्ट में
एक अन्य प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार पैट, पीटीए शिक्षकों नियमित करना चाहतीहै लेकिन ती याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित है । इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट से स्टे भी मिला हुआ है। ऐसे में इन शिक्षकों को नियमित नहीं किया जा पा रहाहै। सुप्रीम कोर्ट से जो भी फैसला आएगा उसके अनुरूप आगे की कार्यवाही की जाएगी। वह कांग्रेस विधायक आशा कुमारी, विक्रमादित्य सिंह और माकपा विधायक राकेश सिंघा की ओर से पूछे गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने सदन में जानकारी दी कि प्रदेश में 15791 प्राथमिक सहायक शिक्षक और पीटीए शिक्षक है जिनका मामला नियमितिकरण के लिए फंसा हुआ है। इनमें से 6061 पीटीए शिक्षकों को कांट्रेक्ट पर ले लिया गया है। 4974 पीटीए शिक्षक ऐसे है जिन्हें सहायता अनुदान राशि मिल रही है और कांट्रेक्ट पर है। जबकि 3417 पैट शिक्षक है। इनका मामला भी फंसा हुआ है। भरद्धाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से भी फैसलाआएगा, उसके मुताबिक काम किया जाएगा।
उधर , मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और दूसरे स्थान पर मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के जिला मंडी को ब्रिक्स परियोजना के तहत परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए मंजूर हुए 698 करोड़ 92 लाख रुपए में से करीब पांच सौ करोड़ ले जाने पर कांग्रेस विधायकों ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री व बागवानी मंत्री दोनों ने बड़ी चालाकी के साथ इतनी रकम की परियोजनाएं अपने जिले की मंजूर करवा ल्ली।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी की ओर से पूछ प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि ब्रिक्स परियोजना के कम आबादी वाले इलाकों के लिए 3267 करोड़ परियोजना केंद्र सरकार को भेजी गई थी। इसमें से चरण एक की 22 योजनाओें को लागू करने के लिए 698 करोड़ 92 लाख रुपए मंजूर हो गया है। उन्होंने कहा कि इसमें से 152 करोड़ 22 लाख, हमीरपुर को 234 करोड़ 11 लाख,मंडी को 211 करोड़ 24 लाख और शिमला जोन को 69 करोड़ की परियोजनाएं मंजूर हो गई। इसमें से अधिकांश की डीपीआर तैयार है ।
इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह परियोजना जयराम सरकार को पिछल्ली सरकार की ओर से तोहफे में मिली है। उन्होंने कहा कि धर्मपुर को हमीरपुर जोन में डाल कर व जिला मंडी के बाकी हलकों को मंडी जोन में डालकर सरकार जिला मंडी को ही पांच सौ करोड़ रुपए की योजनाओं को ले गए है। याद रहे जिला मंडी का धर्मपुर हलका मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का हलका है व यह आइपीएच विभाग के हमीरपुर में जोन में आता है। मुकेश ने इसी पर एतराज जताया था कि सरकार ने मंडी के लिए ज्यादा राशि की योजनाएं मंजूर करा ली।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकर ने कभी नहीं कहा कि इस परियोजना को भाजपा लाई है। यह 2016 में मंजूर हो गई थी। लेकिन 2016 से 2018 तक प्रक्रियाओं को आगे नहीं बढ़ाया गया। जयराम सरकार ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाया व यहां तक पहुंच गए है। अब विश्व बैंक व सरकार के बीच समझौता ज्ञापन होना ।
छह अधीक्षण अभियंता अपने गृह क्षेत्र में तैनात कैसे
प्रश्नकाल के दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने नियमों के खिलाफ अपने ही गृह क्षेत्रों में छह अधीक्षण अभियंताआें की तैनाती को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सरकार में कोई कायदा कानून है भी या नहीं । एक -आध जगह का मामला हो तो समझ में आता है। उन्होंने कहा कि आगे आचार संहिता लगने वाली
है। इससे पहले की कांग्रेस आयोग के पास जाए सरकार क्या उन्हें पहले ही हटा देगी।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास इस बावत विशेष शक्तियां है। हालांकि यह उनके लिए भी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष की चिंता से सहमत है। सरकार इसमें जो भी संभव होगा, उस पर विचार करेगी।
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