धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का आज धर्मशाला के समीप तपोवन में भाजपा के वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री ईश्वर दास धीमान न व तमिलनाड़ुु दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता को श्रद्धाजंलि व्यक्त कर आगाज हो गया है।
सत्र के पहले दिन वर्तमान विधानसभा के सदस्य इश्वर दास के अकस्मात निधन पर विधानसभा स्पीकर स्पीकर बृज बिहारी बुटेल, मुख्यमंत्री वीरभ्ाद्र सिंह व नेता प्रति पक्ष्ा प्रे म कुमार धूमल समेत भाजपा व कांगेस के विधायकों ने शोक व्यक्त किया।। सदन की ओर से शोक व्यक्त करने के बाद दिवंगत विधायक के सम्मान में सदन की आज की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने प्रश्न काल ने व्यवस्था दी कि प्रश्नकाल को आज की कार्यवाही में शामिल हुआ माना जाएगा।
स्वर्गीय ईश्वर दास धीमान के निधन पर सदन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से पेश शोकोदगार प्रस्ताव के दौरान उन्होंने कहा कि स्वर्गीय भाजपा विधायक का 15 नवंबर 2016 को उनके पैतृक गांव धीयारा ,भाोरंज में निधन हो गया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवंगत धीमान के निधन पर उन्हें बहुत दुख हुआ हैं व वह उन्हें श्रद्धाजंलि व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि 17 नवंबर 1934 को जन्मे स्वर्गीय धीमान ने पंजाब व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्शलय से एम व एमएड की शिक्षा हासिल की । वह 1990 में पहली बार इस विधानसभा के लिए सदस्य चुने गए व उसके बाद लगातार छह बार इस सदन के लिए चुने जाते रहे व 1998 से 2003 व 2007 से 2012 तक दो बार वो प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहे। उन्होंने कहा कि गरीबो व पिछड़ें लोगों के उत्थान मेे उनकी गहरी रुचि थी व यह सदन उनकी ओर से किए गए कार्यों की प्रशंसा करता है।
नेता प्रतिपक्ष प्रेेम कुमार धूमल ने कहा कि मानसून सदन के बाद आज शुरू हुए इस सदन में एक सदस्य हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह पिछले सत्र के दौरान अस्वस्थ चल रहे थे ।अपने गुरूजी के तौर पर दिवगंत विधायक को याद करते हुए धूमल ने कहा कि उन्होंने उन्हें डीएवी में पढ़ाया था व सब उन्हें गुरू जी के नाम से पुकारते थे। वो लगातार छह बार विधायक रहे जो कि उनकी लोकप्रियता का प्रमाण था।धूमल ने कहा कि शिक्षा मंत्री रहने के बाद कोई भी विधायक दूसरी बार जीतता नहीं था लेकिन उन्होंने लगातार जीत हासिल कर इस मिथ को तोडा । पार्टी ने उन्हें जो भी दायित्व दिया वो उन्होंने पूरी तरह से निभाया।
उन्होंने याद किया कि शिक्षा विभाग में 50 छोटी बड़ी यूनियनें हैं ,जिनकी अपनी मांगे व समस्याएं होती थी। लेकिन उनसे कोई भी यूनियन कभी भी नाराज नहीं रही। वो सभी को संतुष्ट करने का प्रयास करते थे।धूमल ने कहा कि जन्मदिन से दो दिन पहले ही उनका देहवसान हुआ वह दिवंगत आत्मा को श्रद्धाजंलि प्रदान करते हैं।
आईपीएच मंत्री विदया स्टोक्स ने ने अपने शोकोदगार व्यक्त करते हुए कहा कि दिवंंगत विधायक धीमान को गरीब व पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए किए कामों के लिए सदैव याद किया जाता रहेगा।
भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने उन्हें श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि स्वर्गीय धीमान आठवीं विधानसभा से लेकर 12वीं विधानसभा के लिए लगातार चुने जाते रहे जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाता हैं। 31 सालों तक बतौर शिक्षक सेवा देने के बाद वो राजनीति में आए व दो बार प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहे। वो विधानसभा विधायक मंडल के नेता व उपनेता भी रहे । उन्होंने कहा कि भोरंज विधानसभा ,व भाजपा में उनके जाने से जो रिक्त स्थान पैदा हो गया हैं उसकी भरपाई करना मुश्किल हैैं।
कांग्रस विध्ाायक कुलदीप कुमार ने कहा कि स्वर्गीय धीमान ने छह बार लगातार अपने हलके की नुमाइंदगी की व जब भी उनसे बातचीत होती थी तो वो उनसे पूछा करते थे कि गुुरूजी ”मुझे भी लगातर जीतने के फार्मूला बता दो। उन्होंने कहा कि सादा जीवन व जनता से जुड़े रहना ही उनकी जीत का फार्मूला था।
भाजपा विधायक महेश्वर सिंह ने कहा कि उनकेे हलके में एक नारा लगता था ” न हारा है, न हारेगा ,धीमान बाजी मारेगा”। वे जब भी सदन में चर्चा में भाग लेते थे तो अपनी अनामिका अंगुली को अध्यापक के अंंदाज में उठाकर अपनी बात को समझाते थे।
स्वास्थ्य व राजस्व मंत्री कौल सिंह ने उन्हें श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि पिछले सत्र में स्वर्गीय धीमान ने अपने स्वास्थ्य की समस्या को लेकर बात की थी व अपने बेटे को जो स्वास्थ्य विभाग में डिप्टी डायरेक्टर थे ,उन्हें शिमला ट्रांसफर करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि था कि उन्हें इस स्थिति में डॉक्टर की जरूरत रहती हैं इसलिए ये तबादला कर दिया जाए। कौल सिंह ने कहा कि सरकार ने उनके बेटे का तबादला कर दिया था। बाद में उनके कहनेे पर सरकार ने उनके बेटे का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया ताकि वो उनकी सेवा में रह सके। उन्होंने कहा कि वो सदा गरीबों के हिमायती रहें।
भाजपा अध्यक्ष व विधायक सतपाल सती ने कहा कि उनके निधन से प्रदेश व भाजपा को बहुत क्षति हुई है व इसकी भरपाई नहीं की जा सकती। वह स्वच्छ छवि के मालिक थे और ईमानदारी व कर्मठता के स्वामी थे।
इसके अलावा सदन में आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह ने कहा कि 1998 से 2003 में उनके साथ काम करने का मौका मिला। शिक्षा के क्षेत्र में स्वर्गीय धीमान का ही योगदान रहा है जो कि आज हिमाचल को केरल के बराबर पहुंचा दिया। उनकी शख्सियत बहुत शालीन थी।
भाजपा विधायक राजीव बिंदल व जयराम ठाकुर ने भी स्वर्गीय विधायक धीमान को सदन में याद किया ।विधायक जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने सदन में सदा गुरू की भूमिका अदा की।
भाजपा विधायक रविंद्र रवि ने कहा कि जब सदन में भाजपा के आठ ही सदस्य जीत कर आए थे तो ये स्वर्गीय धीमान का ही मार्गदर्शन रहा था कि भाजपा सदस्य सदन के नियम व कायदे समझ पाए। उन्होंने कहा कि उनके निधन से उन्हें व्यक्तिगति तौर पर नुकसान हुआ हैं। भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर ने भी स्वर्गीय धीमान को सदन में श्रद्धाजंलि दी।
भाजपा विधायक विजय अग्निहोत्री ने कहा कि नादौन हलके के प्रति भी स्वर्गीय धीमान का गहरा लगाव रहा व वह उनसे उनके निधन से दो दिन पहले ही मिले थे। उन्होंने कहा उन्हें कभी भी किसी से की निंदा करते हुए नहीं सुना। शायराना अंदाज में श्रद्धाजंलि देते हुए उन्होंने कहा कि ” कल कहते थे कि बिस्तर से उठा जाता नहीं, आज दुनिया से चले जाने की हिम्मत आ गई ”। उन्होंने एक और शेर पढ़ा कि ” हाथों की लकीरों को देखकर परेशान न हो, किस्मत तो उनकी भी होती हें जिनके हाथ नहीं होते”।
आखिर में विधानसभा स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने ईश्वर दास धीमान के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने सदन में निष्ठा से काम किया। उन्होंने कहा उनकी विधानसभा के ई- विधान में गहरी रुचि थी। इसके बाद उन्होंने सदन की ओर से शोक प्रस्ताव पारित कर इसे दिवंगत परिवार को भेजने की घाोषण की। सदन में स्वर्गीय स्वर्गीय धीमान के अलावा तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिति को भी श्रद्धाजंलि अर्पित की गई । जयललिता का निधन पांच दिसबंर की रात को चैन्नई में हो गया था। इस बावत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सदन में शोकोदवार प्रस्ताव पेश किया था।
आखिर में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया उसके बाद दिवगंत आत्माओं के सम्मान में सदन की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया।
दोपहर बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उदृयोग व संसदीय मामलोंं के मंत्री मुकेश अग्निहोत्री सदन में आए और सीधे नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल व बाकी भाजपा विधायकों से हाथ मिलाया।
सदन शुरू होने से पहले स्पीकर बी बी बुटेल से सता पक्ष व विपक्ष से सदन की कार्यवाही के संचालन में सहयोग देने का आग्रह किया । उन्होंने सरकार से भी आग्रह किया कि वो विपक्ष के प्रश्नों के उतर दे और सदन की उच्च परंपराओं को बनाए रखें। स्पीकर ने कहा कि इस सदन में डिबेट की उच्च परपंरा रही हैं व इसका पालन होते रहना चाहिए।
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