शिमला। ऊना के विधायक सतपाल रायजादा के निजी स्टाफ को बीते दिनों ऊना में गिरफतार कर विधायक की संस्था पर हमला करने के सरकार के प्रयास के विरोध में आज विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन में हंगामे व नारेबाजी करने के बाद वाकआउट कर दिया।
शोकोदगार प्रस्ताव के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बीते दिनों ऊना से कांग्रेस विधायकसतपाल रायजादा के निजी स्टाफ को गिरफतार करने का मसला उठाते हुए कहा कि ये विधायक कीसंस्था और उनकी निष्ठा का सवाल है। उन्होनें कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत विधायक वपार्टी को बदनाम करने के लिए ये मामला दर्ज कराया गया है।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने दखल दिया वह कहा आज सुबह उन्हें नेता प्रतिपक्षमुकेश अग्निहोत्री, रामलाल ठाकुर, सुखविंदर सिंह सुक्खू और जगत सिंहनेगी की ओर से नियम 67के तहत स्थगन प्रस्ताव कानोटिस भेजा है। इसे उन्होंने सरकार को भेजा है व जब जवाब आएगा तोचर्चा कराई जाएगी।
बावजूद इसके मुकेश अग्निहोत्री बोलते रहे। उन्होंने कहा कि कांगेस पार्टी के सदस्य ही नहीं ये पूरासदन शराब माफिया व खनन माफिया के खिलाफ है। लेकिन कांग्रेस विधायक को बेवजह बदनामकरने की कोशिश हो रही है। इस बीच दोनों ओर से शोरशराबा शुरू हो गया। बीच में संसदीयकार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने दखल देने की कोशिश भी की लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। कांग्रेसविधायकों ने तो सदन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की ही भाजपा विधायकों ने भी नारेबाजी कीव बोले शराब माफिया नहीं चलेगा। काफी देर तक शोरशराबा चलता रहा । गर्मागर्म माहौल कोदेखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पंद्रह मिनट के लिए स्थगित कर दी।
स्थगन के बाद जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो मुकेश ने दोबारा इस मसले को उठा दिया। इस पर दोनों ओर से नारेबाजी याुरू हो गई। मंत्री विपिन परमार भी सदन में नारेबाजी करने लगे।
मुख्यमंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक चुपचाप सब कुछ देखते रहे । मुकेश ने कहा किपुलिस ने विधायक के निजी स्टाफ को हथकड़ी पहनाई। उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दायर कियागया । इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष बिंदल ने कहा कि वह इस पर चर्चा की इजाजत नहीं देंगे। मुकेश ने कहा कि सदन में मंत्री नारेबाजी कर रहे है व कह रहे है कि इन्हें फंसाओं। इस बीच मुकेश व भाजपा विधायक विनोद के बीच नाकझोंक हो गई। मुकेश ने कहा कि कांग्रेस विधायक को जाल में फंसाया जा रहा है। नारेबाजी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह समेत कांग्रेस के तमाम विधायक वेल में आ गए व दोनों ओर से नारेबाजी चलती रही। काफी देर शोरशराबा होने
के बाद बिंदल ने सदन की कार्यवाही शुरू कर दी। इस पर नाराज होकर विपक्ष वाकआउट कर गया।
विक्रमादित्य का असमंजस
जब कांग्रेस विधायक ों ने वाकआउट किया तो विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही जारी रखते हुए पहली बार विधायक बन कर सदन में आए विक्रमादित्य सिंह को नियम 62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव सदन मे रखने को कहा। ऐसे में विक्रमादित्य सिंह सदन में ही रह गए व असमंजस में आ गए कि वह वाकआउट करे या प्रस्ताव को सदन में रखे । आखिर में कांग्रेस विधायक अनिरूद्व सिंह व बाद मुकेश अग्निहोत्री सदन में आए व उन्हें बाहर ले गए।
जब मुख्यमंत्री हुए तल्ख और भड़का विपक्ष
कांग्रेस की ओर से वाकआउट करने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपन सीट पर बोलने उठे व उन्होंने कहा कि ऐसी विचित्र स्थिति कभी नहीं देखी । कांग्रेस के एक सदस्य सदन में बोलना चाहते है लेकिन उन्हें हाथ पकड़ कर व धक्का देकर वापस ले गए। उन्होंने आत्मा की आवाज सुनी वह बात करना चाहते थे। मुख्यमंत्री इससे आगे कुछ बोल पाते तभी बाहर से अनिरूद्व सिंह व विक्रमादित्य सिंह लौट आए।
मुख्यमंत्री को टोकते हुए अनिरूद्व सिंह ने कहा कि धक्का देकर किसी को कोई नहीं ले गया है। इस बीच मुकेश अग्निहोत्री भी सदन में आ गए व शोर शराबा शुरू हो गया। जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्व है। तल्ख होकर जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी का नाम लिए वगैर कह दिया कि एक माफिया इतना सशक्त हो गया है कि उसने एक दल को यहां (वेल में)खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह माफिया के लिए वापस आ गए। उन्होंने कहा कि वह विधयक के खिलाफ नहीं माफिया
के खिलाफ है। शोरशरो के बीच उन्होंने विपक्षी विधायकों की ओर मुखतिक होकर त्तल्खी से कहा कि देवभूमि को शर्मसार कर दिया आप लोगों ने। इस पर कांग्रेस विधायक भड़क गए ओर नारबाजी शुरू कर दी। इन विधायकों ने एसपी ऊना को बर्खास्त करने की मांग की। इस पर दोनों ओर से नारेबाजी शुरू हो गई।
जब मंत्री सदन में करने लगे नारेबाजी
सदन में आज सरकार के तीन मंत्रियों ने भी नारेबाजी
इस दौरान सदन में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह और सामाजिक न्याय मंत्री राजीव सैजल ने भी सरकार के कदम के समर्थन में शराब माफियों के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस विधयकों की ओर से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के जवाब में भाजपा विधायकों ने तो नारेबाजी की ही विपि न परमार भी नारेबाजी करने लगे। इस पर सभी हैरान रह गए। कांगेस विधायक दोबारा वेल में आ गए व नारेबाजी करते रहे। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने विपिन परमार को नारेबाजी करने से रोका। लेकिन बाद में उद्योगमंत्री बिक्रम सिंह भी नारेबाजी करने लगे। वह कुछ देर तक नारेबाजी करते रहे। इस बीच राजीव सैजल भी सदन में नारेबाजी करते दिखे। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भी य९क पहली बार है कि सदन में मंत्री नारेबाजी कर रहे है। काफी देर तक चले शोरशराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आगे चला दी व कांग्रेस विधयक वेल में नारेबाजी करते रहे।
हथकड़ी शराब माफिया को लगाई
सदन में हुए हंगामें के बाद सदन की कार्यवाही समाप्त होने से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऊना में कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा के निजी स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर दर्ज एफआइआर को सभा पटल पर रख दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 अगस्त को
पुलिस ने रामपुर पेखूवाला में नाका लगा रखा था। सवा नौ बजे के करीब ऊना की ओर से पीबी 16 ए -2402 मारुति कार आई। इसे टार्च से रूकने का ईशारा किया। गाड़ी में चालक अरुण ऊर्फ रिक्की के अलावा कोई नहीं था। गाड़ी की पिछल्ली सीट व डिक्की मं 11 पेटियां व आठ बोतलेँ शराब की पाई गई। कांस्टेबल अनिल दत्ता और नितिन ठाकुर ने इससे गाड़ी को साइड में लगवाया। इसके बाद दो इनोवा गाड़ियां आई । इनमें सात आठ लोग थे। पहली गाड़ी से दो तीन लोग नीचे उतरे और कांस्टेबल दता व नितिन को पूछने लगे कि तूम कौन हो। इस पर दोनों कांसटेबलों ने अपने पहचान पत्र दिखाए। इतने में दूसरी गाड़ी से भी चार पांच लोग उतर कर आ गए और सबने मिल कर पुलिस कर्मियों को पीटना शुरू कर दिया व मारुति कार में रखी तीन शराब की पेटियों को तोड़ दिया व मौका से अपनी -अपनी गाड़ियां लेकर भागने लगे। इतने में अन्य पुलिस कर्मी भी आ गए और इन्होंने दोनों कांस्टेबलों को इनके चंगुल छुड़वाया। इस बीच तीन लोगों को काबू किया व बाकी भाग गए। पकड़े गए तीनों लोगों की पहचान विधायक रायजादा के चालक विजय कुमार,एसपीओ महेंद्र सिंह के रूप में हुई।
अरुण कुमार व इन दोनों को 13 अगस्त को गिरफतार किया गया व उसी दिन अदालत में पेश यिका गया । इन्हें एक दिन कापुलिस रिमांड मिला। 14 अगस्त को इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया व 17 अगसत को इनकी जमानत हो गई। इसके अलावा नंदन , रायजादा का निजी सचिव मुकेश कुमार को 13 अगस्त को गिरफतार किया गया व 16 अगस्त को इनको जमानत मिल गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधयक के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। हथकड़ी केवल अरुण ऊर्फ रिक्की को लगाई गई थी चूंकि वह भागने का प्रयास कर सकता था। बाकी किसी को भी हथकड़ी नहीं लगाई है। उन्होंने कहा कि सरकार शराब माफिया पर हाथ डालने से पीछे नहीं हटेगी। कांग्रेस के विधायक मामले को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे है। विपक्ष ये अच्छा संदेश नहीं दे रहा है। पूरा प्रदेश माफियाओं के खिलाफ खड़ा होना चाहताहै। सरकार की ओर से इस दिशा में चलाया जा रहे अभियान को विपक्ष के इस कदम से धक्का लगेगा। अगर ये लोग माफिया के दबाव में हैं तो यह गलत है। सरकार माफिया को छोड़ेगा नहीं चाहे को उनको सदन में संरक्षण दे या सदन के बाहर नारेबाजी करे।
इससे सरकार का नुकसान होताहै। टेक्नोमेक घोटाले में इनकी सरकार में 21 सौ करोड़ का नुकसान हो चुका है जबकि राज्य बीवरेज कंपनी में दो सौ करोड़ का नुकसान हो चुका है। सरकार ऐसे नुकसान बर्दाश्त नहीं करेगी।
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