शिमला।वर्तमान में प्रदेश में कुल 306 तकनीकी शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान क्रियाशील हैं जो प्रदेश के युवाओं को रोजगार मुहैया कराने में मददगार साबित हो रहे है।इन संसथानों की अंतग्र्रहण क्षमता 57000 से अधिक है। इन संस्थानों में चार राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, 1 राजकीय बी. फार्मेसी महाविद्यालय, 15 बहुतकनीकी तथा 104 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सरकारी क्षेत्र में, जबकि 14 अभियांत्रिकी महाविद्यालय, 13 बी. फार्मेसी महाविद्यालय, 24 बहुतकनीकी तथा 131 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान निजी क्षेत्र में क्रियाशील हैं।
भारतीय सूचना प्रोैद्योगिकी संस्थान ऊना की कक्षाएं सत्र 2014-15 से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.टी.) हमीरपुर में प्रारम्भ की गई हैं। जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां में राजीव गांधी राजकीय अभियान्त्रिकी महाविद्यालय की सिविल, मैकेनिकल एण्ड इलैक्ट्राॅनिक्स व कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग की कक्षाएं सत्र 2014-15 से आरम्भ कर दी गई हैं, साथ ही वर्ष 2015-16 से इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग तथा एमबीए की कक्षाएं भी प्रारम्भ की गई हैं।
राज्य के शेष पांच जिलों किन्नौर, सिरमौर, बिलासपुर, कुल्लू और लाहौल स्पिति के राजकीय बहुतकनीकी संस्थानों की कक्षाएं सत्र 2013-14 से अस्थाई परिसर क्रमशः राजकीय बहुतकनीकी रोहडू, अम्बोटा, हमीरपुर, सुन्दरनगर एवं जे.एन. राजकीय अभियान्त्रिकी महाविद्यालय सुन्दरनगर में आरम्भ की गई थीं, जिसमें से राजकीय बहुतकनीकी कुल्लू एवं सिरमौर की कक्षाएं प्रथम अगस्त, 2015 से इनके स्थाई परिसर क्रमशः धौलाकुआं तथा कुल्लू के सेऊबाग में स्थानान्तरित कर दी गई हैं, जबकि राजकीय बहुतकनीकी बिलासपुर के भवन निर्माण का कार्य कलोल में आरम्भ हो गया है।
वर्ष 2013-14 से सात, वर्ष 2014-15 से छः व वर्ष 2015-16 से भी छः नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आरम्भ किए गए हैं। अब प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक राजकीय औद्योगिक संस्थान विद्यमान है। इसके अतिरिक्त, मण्डी जिले के मोहीं, शिमला जिले के मशोबरा तथा नैनीधार, चम्बा के छतराड़ी तथा सिरमौर के माईना में भी नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की अधिसूचनाएं जारी की गई हैं। मण्डी जिला के राजकीय बहुतकनीकी सुन्दरनगर में आॅटोमोबाईल इंजीनियरिंग में कम्यूनिटी कालेज की कक्षाएं पहले ही आरम्भ की जा चुकी हैं।
राजकीय औद्योगिक संस्थान नालागढ़ को भारत सरकार ने माॅडल औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के रूप में स्तरोन्नत करने के लिए स्वीकृति प्रदान की है। सिरमौर जिले में भारतीय प्रबन्धन संस्थान की कक्षाएं पांवटा साहिब में अस्थाई परिसर में 4 सितम्बर, 2015 से शुरू हो गई हैंै। कैम्पस निर्माण हेतु भूमि प्रदेश सरकार द्वारा धौलाकुआं में उपलब्ध करवा दी गई है।
राजकीय अभियान्त्रिकी महाविद्यालय रामपुर की सिविल एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग की कक्षाएं राजकीय अभियान्त्रिकी महाविद्यालय सुन्दरनगर में शुरू कीे गई हैं। सोलन जिला के बद्दी में केन्द्रीय प्लास्टिक अभियान्त्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान की कक्षाएं 3 अगस्त, 2015 से शुरू हो गई हैं। शिमला जिला के जुंडला में क्षेत्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान महिला की कक्षाएं भी 18 अगस्त, 2015 से आरम्भ हो चुकी हैं।
कांगड़ा जिला के थाना लाहड में एडवांस प्रशिक्षण संस्थान तथा बिलासपुर जिला के बदंला में हाईड्रो अभियान्त्रिकी महाविद्यालय स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। जनजातीय, दुर्गम क्षेत्रों एवं पिछड़ी पंचायतों में नए निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा 3 जून, 2015 को जारी अधिसूचना के अनुसार 10वीं कक्षा उतीर्ण करने के पश्चात तकनीकी संस्थानों से निर्धारित दो वर्ष अथवा अधिक समयावधि का प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवारों को दो अतिरिक्त विषयों अंग्रेजी एवं एक अन्य विषय उतीर्ण करने पर जमा दो आर्टस स्ट्रीम के समकक्ष माना जाएगा। राज्य में 10 नई स्टेट-आॅफ-द-आर्ट आई.टी.आई. स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार ने 17 मार्च, 2016 को अधिसूचनाएं जारी की हैं, और ये संस्थान मैंटर संस्थानों में आगामी शैक्षणिक सत्र 2016-17 से आरम्भ किए जा रहे हैं।
कांगड़ा जिले के रैहन क्षेत्र में एक राजकीय बहुतकनीकी महिला संस्थान की स्थापना के सम्बन्ध में सरकार ने 19 मार्च, 2016 को अधिसूचना जारी कर दी है, तथा इस संस्थान पर एशियन विकास बैंक के सहयोग से 26 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी। इसके अतिरिक्त, कांगड़ा जिला में एक राजकीय फाॅर्मेसी महाविद्यालय स्थापित किया जा रहा है जिसकी अधिसूचना भी राज्य सरकार ने 12 अप्रैल, 2016 को जारी कर दी है।
प्रदेश में कौशल विकास योजना के अन्तर्गत राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 6 शहरी कौशल विकास केन्द्रों तथा 25 ग्रामीण कौशल विकास केन्द्रों को एशियन विकास बैंक की सहायता से तीन वर्षों की अवधि में लगभग 125 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 10 केन्द्रों की स्थापना के लिए स्थानों का चयन कर लिया गया है, जिनमें से 8 केन्द्र तकनीकी शिक्षा विभाग के माध्यम से विभागीय भूमि पर चलाए जाने प्रस्तावित हैं।
एशियन विकास बैंक के सहयोग से लगभग 50 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है तथा एन.सी.वी.टी. मानकों के अनुसार इनमें मशीनरी एवं उपकरण क्रय हेतु लगभग 100 करोड़ रुपये व्यय किया जाना प्रस्तावित है।
राज्य के सभी राजकीय बहुतकनीकी संस्थानों में एन.एस.क्यू.एफ. स्तर-5 एवं 6 के कौशल विकास के लिए पाठ्यक्रम शुरू किए जाने प्रस्तावित हैं, जिनमें से वर्तमान वर्ष में 2-3 राजकीय बहुतकनीकी संस्थानों में ये कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए विभाग के अधीनस्थ चलाए जा रहे 104 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एन.सी.वी.टी./डी.जी.टी./एस.सी.वी.टी. से सम्बद्वता प्राप्त है। 80 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को क्यू.सी.आई. द्वारा एन.सी.वी.टी. मानकों के अनुरूप प्रमाणित किया गया है, और शेष राजकीय संस्थानों को चरणवद्ध तरीके से एन.सी.वी.टी. सम्बद्वता प्राप्त की जा रही है। इसके अलावा, राजकीय बहुतकनीकी संस्थानों एवं राजकीय अभियान्त्रिकी महाविद्यालयों को भी नेशनल बोर्ड आॅफ एकेाडिशन से मान्यता प्राप्त करने हेतु पंजीकरण करवाने को लेकर आवेदन पत्र प्रस्तुत किए गए हैं।
तकनीकी शिक्षा विभाग में 1 जनवरी, 2013 से अब तक विभिन्न श्रेणियों के कुल 942 पद सृजित किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए विभाग में 204 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।राज्य में गत तीन वर्षों के दौरान आईआईआईटी व आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों सहित 34 नये संस्थान खोले गए हैं जिनमें राज्य के युवाओं को राज्य के अन्दर ही पंसदीदा पाठ्यक्रम उपलब्ध हुए हैं। पूर्व में युवाओं को उच्च व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिये राज्य से बाहर जाना पड़ता था और भारी भरकम धनराशि खर्च करनी पड़ती थी। यही नहीं, अधिकांश युवा उच्च व्यावसायिक शिक्षा सुविधा के अभाव में इससे वंचित रह जाते थे। लेकिन अब राज्य में तकनीकी प्रशिक्षण संस्थानों के विस्तार से यहां तक कि बाहरी राज्यों से भी बड़ी संख्या में बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं।
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