शिमला। मौजूदा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ,उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने रामपुर में और भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए घोषित प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल व उनके परिवार के सदस्यों ने समीरपुर में वोट डाले। लेकिन दिलचस्प ये हुआ कि वीरभद्र सिंह ने जो वोट डाला वो उनके खाते में नहीं गया इसी तरह विक्रमादित्य के साथ भी हुआ और प्रतिभा सिंह भी न तो अपने पति और न अपने पुत्र के लिए वोट डाल पाई।इन तीनों के वोट रामपुर में हैं। जबकि वीरभद्र सिंह अर्की हलके से चुनाव मैदान में है और विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे हैं।
इसी तरह भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का भी हलका बदल दिया था। उन्हें हमीरपुर के बजाय सुजानपुर से लड़ाया गया। जबकि धूमल का वोट हमीरपुर हलके के समीरपुर में हैं। धूमल को उनके बेटों भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर,छोटे पुत्र अरुण धूमल व बाकी सदस्यों के वोट भी नहीं मिलें। इन सबके वोट सुजानपुर के बजाय समीरपुर में हैं।इस बार के चुनाव में ये दिलचस्प हैं।हालांकि वीरभद्र सिंह व उनके परिवार को वोट हमेशा ही किसी को ओर गया हैं। पहले वो रोहड़ू से चुनाव लड़ते थे। जबकि उनका महल रामपुर में हैं। रोहड़ू के बाद उन्होंने अपना लिए शिमला ग्रामीण् सीट चुनी और इस बार वो अर्की से चुनाव मैदान में हैं।
कांग्रेस से भाजपा में गए दूरसंचार घोटाले के दोषी सुखराम व मंडी से भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा ने मंडी में वोट डाला। इसके अलावा वीरभद्र सरकार के सभी मंत्रियों ने सुबह ही वोट डाल दिया जबकि भाजपा के बड़े नेता सुबह 11 बजे से पहले मतदान केंद्रों पर पहुंच चुके थे।
माकपा प्रत्याशी राकेश सिंघा ने कोटगढ़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने शिमला के केलटी में वोट डाला।
कई जगहों पर इवीएम में खराबी आने के कार देरी से मतदान शुरू हो पाया। फिलहाल कहीं से भी हिंसा की जानकारी नहीं हैं। बहरहाल,12बजे तक प्रदेश में 28.6 फीसद मतदान हो चुका था।
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