शिमला। कृषि विभाग ने बड़े पैमाने पर रेगिस्तानी टिड्डों के संभावित आक्रमण के कारण प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा,ऊना,बिलासपुर और सोलन जिले हाई अलर्ट पर जबकि बाकी को अलर्ट पर रखा है।
कृषि निदेशक आर के कौंडल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से इन टिड्डियों की ओर से फसलों को नष्ट करने की जानकारी मिल रही है और प्रदेश में भी इनके आक्रमण की आशंका है जिसके कारण प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने टिड्डियों की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखने व किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फील्ड अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसानों को टिड्डियों की किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट अपने निकटतम कृषि अधिकारियों को तुरन्त देने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि यह रेगिस्तानी टिड्डे आमतौर पर हवा के साथ लगभग 16 से 19 किमी प्रति घंटे की गति से हवा के साथ उड़ते हैं और एक दिन में लगभग 5 से 130 किमी या इससे अधिक की दूरी तय कर सकते हैं।
ऐसे में सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे टिड्डियों के हमले के प्रति किसानों में जागरूकता लाएं और उन्हें कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए प्रेरित करें। इसके बचाव के लिए 30 लीटर पानी में 200 ग्राम मैथेरिजियम और बावरिया जैसे जैव कीटनाशक का घोल बना कर छिडकाव करना लंबे समय तक प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि जैव नियंत्रण प्रयोगशाला, कांगड़ा और मंडी को इन जैव कीटनाशकों को पर्याप्त मात्रा में तैयार करने के निर्देश दिए गए है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य के किसी भी हिस्से से टिड्डियों की गतिविधियों की कोई सूचना नहीं है और टिड्डी नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को टिड्डियों की गतिविधियों पर नजर रखने और खेतों में टिड्डियों की किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट कृषि निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए गए है।
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