शिमला/कांगड़ा।सबसे पहले धर्मशाला में भारत पाक क्रिकेट मैच की मुखालफत कर फिर चुप बैठ जाने वाले परिवहन मंत्री जी एस बाली एक बार फिर इस मैच के विरोध में आ खड़े हुए है।हालांकि उन्होंने इस विरोध में शहीदों के परिजनों भावनाओं की आड़ जी है। ये मैच कांगड़ा की राजनीति में उबाल खड़ा कर रहा है और भाजपा व कांग्रेस नेताओं के लिए उनके सोशल मीडिया हैडंलर अंशुल कतना के फेसबुक वाल में बाली ने ये लिखा है।पढ़े उनकी वाॅल में क्या लिखा है-:
धर्मशाला में प्रस्तावित भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच का मैं सिरे से विरोध करता हूँ और इसके कारण राजनैतिक नहीं हैं । क्योंकि मैं कभी भी ऐसी राजनीति में नहीं पड़ता और न ही राजनीति करने के लिए मुझे क्रिकेक्ट के सहारे की जरुरत है न कभी पड़ेगी ।
मेरे पास मैच के विरोध के अलग कारण हैं। बाकी मैच भी हो रहे हैं उनका विरोध तो हम नहीं कर रहे इस मैच के विरोध के मेरे कुछ व्यक्तिगत कारण हैं जो मैं सबको बता देना चाहता हूँ
— अभी अभी मैं पठानकोट हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों से मिलकर आया हूँ .. मेरे विरोध को सैनिकों के परिवारों ने और पुख्ता किया है जो इस मैच के कारण आक्रोश में हैं।
—- पालमपुर से डाक्टर कालिया,, विक्रम बत्रा का परिवार शहीद संजीवन का परिवार और अन्य सैनिक बंधू अगर यहाँ मैच नहीं देखना चाहते तो क्या वो राजनीति कर रहे है क्या हम इन लोगों की भावनाओं का सम्मान नहीं कर सकते ?
—– क्या पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच से ही धमर्शाला वैश्विक मानचित्र पर उभरेगा इससे पहले क्या अंग्रेजों के बसाये और दलाईलामा के इस निवास स्थान की कोई पहचान नहीं थी।
—- जो लोग हमें कह रहे हैं सुरक्षा न देकर हम सरकार के रूप में राजनीति कर रहे हैं उन लोगों से मैं पूछना चाहता हूँ की उन्ही का एक सहयोगी दल महाराष्ट्र में पाकिस्तानी आर्टिस्ट गुलाम अली के प्रोग्राम का विरोध करता है और उन्ही की अपनी सरकार सुरक्षा की दृस्टि से उस प्रोग्राम को कैंसल कर देती है। तो हालात क्या उसके बाद सुधर गए हैं।
—- मैच के विरोध की बात आ रही है तो हमारी पार्टी और उनके नेताओं से प्रश्न पूछे जा रहे हैं , मुख्यमंत्री से लेकर अन्य नेताओं के फोटो फेसबुक पर दिखाए जा रहे हैं। ठीक है हमारे विचारों को राजनीति समझ लो। पर क्या डाक्टर कालिया , और अन्य शहीद परिवारों के प्रश्नों का उत्तर है उनके पास ?
—- तर्क दिया जा रहा है की होटल टैक्सी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को घाटा होगा। अरे उन्हें तो सिर्फ दो दिन का घाटा होगा। जिन परिवारों को पाकिस्तान की वजह से घर के आदमियों का घाटा हो गया वो क्या बोल रहे हैं यह भी तो सुन लो।
— कहा जा रहा है हिमाचल का नाम होगा युवा क्रिकेट सीखेगा युवा मैच चाहता है। 500 का टिकट 5000 में बेचा जा रहा है पूर्ण रूप से बिज़नेस चला है। नीलामी हो रही है जो बोली लगाएगा टिकट पायेगा। इस नीलामी से पार पाकर कितने आम हिमाचली स्टेडियम की देहलीज क्रॉस कर पाएंगे इस पर प्रश्नचिन्ह है। हिमाचल और हिमाचली सिर्फ संवेदनाओं की चोट खायेगा
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