धर्मशाला। प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने पर स्थानीय पुलिस ग्राउंड में जुटी भीड़ व राहुल गांंधी के तेवरों को देखकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह समेत कांग्रेसियों के चेहरे खिल गए हैं।हालांकि इस रैली से परिवहन मंत्री जीएस बाली ने खुद को अलग रखकर कांग्रेस पार्टी की भीतरी खींचतान को हवा दे दी।
रैली में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का जलवा अपने पूरे यौवन पर नजर आया। धर्मशला शहर में अधिकतर होर्डिंग्ज व बैनरों में मुख्यमंत्री का ही चेहरा नजर आया । कहीं कहीं शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा की तस्वीरों वाले बैनर भी नजर आएं । बाकी सारे मंत्री व नेता इन बैनरों व होर्डिंग्ज से गायब रहे । कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू का बैनर भी कहीं नजर नहीं आया। विधानसभा चुनावों में कांगड़ा से कांग्रेस के सबसे ज्यादा विधायक जीते थे।लेकिन रैली के तामझाम में इनमें से कोई भी नजर नहीं आया । केवल वीरभद्र,मुकेश अग्निहोत्री व सुधीर शर्मा ही अपना जलवा दिखाते रहे। पर्दे के पीछे से बेशक सब काम रहे होंगे लेकिन युवराज राहुल के सामने जलवा ये लोग नहीं दिखा सके। जबकि युवा कांग्रेस के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री के लाडले पुत्र विक्रमादित्य मंच पर जब राहुल गांधी की आजुबाजू की कुर्सियों खांली थी तो उनके कानों में कुछ मंत्र फूकंते नजर जरूर आएं। उन्होंने चमची मारने को मौका कतई नहीं छोड़ा
रैली में भीड़ को देखकर राहुल के चेहरे में चमक आ गई और मंच से उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पीठ भी थपथपाई व कहा कि वीरभद्र सिंह ने पचास सालों तक प्रदेश व देश के लिए काम किया हैं। मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।
मंच पर आने के बाद राहुल गांधी ने जहां पर लोक संपर्क विभाग के कलाकारों की टोली जो कुल्लू से आईं थी,उनकी ओर से पेश की जा रही प्रस्तुति को ओर आकर्षित हो गए व वो मंच से कलाकारों के बीच आ गए। इससे कांग्रेसियों में जोश आ गया । हालांकि सुरक्षा कर्मियों के पसीना आ गया। राहुल गांधी नेे कलाकारों के साथ डांस भी किया। मंच से कलाकारों की ओर जाते हुए मुख्यमंत्री का एक हाथ राहुल गांधी ने तो दूसरा सीएम के सुरक्षा अधिकारी पदम ने पकड़ा हुआ था। जब राहुल गांधी कलाकारों से नाच रहे थे तो कैमरे वाले उनकी ओर दौड़ पड़े । ऐसे में राहुल की सुरक्षा में लगे कमांडों ने फोटोग्राफरों को नीचे धकेल दिया। इसके बाद राहुल गांधी दोबारा मंच पर आ गए ।
इस मौके पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चमची मारी व कहां उन्होंने इंदिरा गांधी का स्वागत भी प्रदेश में इसी तरह एक बार नहीं कई बार बड़ी बड़ी रैलियां करके किया हैं इसी तरह सोनियां गाधी का भी स्वागत कियाऔर अब राहुल गांधी की ये रैली में शानदार हैं। उन्होंने जनता से कहा कि ऐसी भीड़ हो तो हमें शक्ति मिलती हैं। जब हिमाचल प्रदेश बना तो एक ही पार्टी थी जो विरोध करती थी व वो उस समय की जनसंघ व अबकी भाजपा थी। भाजपा ने प्रदेश के लोगों को उपर व नीचे के नाम पर बांटा। वो दो बार सता में आए व जल्दी जल्दी पर्दे के पीछे चले गए।
उन्होंने कहा कि वो इन दिनों सता में आने का सपना देख रहे हैं। ये पूरा होने वाला हैं। प्रदेश में सातवीं बार कांग्रेस की सरकार बनने वाली हैं। यहां वो चूक कर गए शयद वो यह कहना चाहते थे कि उनकी कमान में सातवीं बार सरकार बनने वाली हैं। प्रदेश में आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों को लेकर कहा कि उनके हित में ये सरकार चुनाव होने से पहले प्रभाशाली कदम उठाएगी।
मंच पत्रकार से राजनेता बने उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने संभाला व कोई चूक नहीं की। राहुल गांधी के पहुंचने पर उनकी जुबान पर कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव आशा कुमारी का नाम ही नहीं आया । आखिर में बड़ी देर बाद उन्होंने आशा कुमारी का नाम लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को लेकर राहुल गांधी के सामने चमची मारी के वीरभद्र सिंह का नाम इसलिए गिनीज बुक में लिखा जाएगा कि उन्होंने जवहर लाल नेहरू के साथ काम किया फिर इंदिरा गांधी के साथ काम किया और उसके बाद राजीव गांधी के साथ काम किया और राहुल गांधी के साथ कांग्रेस का काम कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नोटबंदी से पहले प्रदेश में भाजपा ने शिमला में पांच करोड़ की जमीन खरीदी जबकि शिमला में भाजपा का पांच मंजिला व आरएसएस का चार मंजिला मकान हैं। इसके अलावा बिलासपुर में भी भाजपा ने जमीन खरीदी ।
स्थानीय विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा उनके खिलाफ कई आरोप लगाती रही हैं लेकिन वो काम करते रहेंगे व कामों को कोई कमी नहीं आएंगी। वो सूटबूट में रहे लेकिन कहीं कोई दंभ नहीं झलका ।
सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे तक पुलिस ग्रांउड में थोड़े से ही लोग थे । कम भीड़ को देखते हुए सुधीर शर्मा समेत कांग्रेसियों के चेहरे पर तनाव साफ झलक रहा था लेकिन आगामी सवा घंटे में मैदान में लगाई सभी कुर्सियां भर गई तो कांग्रेसियों के चेहरे खिल गए। रैली के बाद राहुल गांधी नगरोटा बंगवा में इंजीनियरिंग कॉलेज का उदघाटन किया व राजीव गांधी कर प्रतिमा का अनावरण किया। बाली समर्थकों का कहना था कि बाली रैली में इसीलिए नहीं आए क्योंकि उन्होंने अपने यहां का इंतजाम देखना था। जो भी हो बेशक सरकारी खर्चे पर ही सही राहुल की ये रैली सरकार व कांग्रेस पार्टी की लाज बचाने में कामयाब रही ।
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