शिमला।प्रदेश हाईकोर्ट शिमला नगर निगम चुनावों के लिए किए पुनार्सींमाकंन के तहत नाभा व समरहिल वार्ड के किए सीमांकन के जिला उपायुक्त शिमला व मंडलायुक्त शिमला के आदेशों को निरस्त कर दिया है। अदालत ने जिला उपायुक्तं को इन दोनों वार्डों के सीमांकन का मामला दोबारा जिला उपायुक्त को भेज दिया है व साथ ही निर्देश दिए है कि वह कानून के मुताबिक इन दोनों वार्डों का सीमांकन करें व इस बावत दर्ज की गई आपतियों पर दोबारा से गौर करें।
हाईकोर्ट की कार्यकारी मुख्ये न्या।याधीश न्यायमूर्ति सबीना और न्या यमूर्ति सत्यें द्र वैदय की खंडपीठ ने यह आदेश नाभा से कांगेस पार्षद सिमी नंदा और समरहिल से राजीव ठाकुर की याचिका का निपटारा करते हुए दिए।
खंडपीठ ने पाया कि जिला उपायुक्त याचिकाकर्ताओं की ओर से जुटाए गए तथ्या त्माक पहलुओं पर विचार करने पर नाकाम रहे जबकि जिला उपायुक्त को चाहिए था कि सीमांकन करते हुए यह ध्यान रखते कि वह सर्भी वार्डों की आबादी को लगभग बराबर रहने दे और वार्डो की भौगोलिक सघनता बरकरार रहे । खंडपीठ ने टिप्पणी की कि जिला उपायुक्त इस तथ्यम से प्रभावित रहे कि चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित कोई भी मतदाता केंद्र इधर-उधर न हो जाए। मंडलायुक्त भी अपीलों का निपटारा करते हुए इन पहलुओं पर विचार करने में नाकाम रहे।
खंडपीठ ने पाया कि 2011 की जनगणना के मुताबिक नाभा वार्ड की आबादी 4387 है जबकि टूटीकंडी और फागली वार्ड की आबादी क्रमश:5639 व 4518 है।ऐसे में नाभा वार्ड की आबादी घटाने को कोई औचित्य नहीं है। इस वार्ड की आबादी पहले ही इन तीनों वार्डों में सबसे कम हैं।याद रहे जिला उपायुक्त ने नाभा वार्ड के कई इलाकों वार्ड से अलग कर दिया था।
इसी तरह 2011 की जनगणना के मुताबिक समरहिल वार्ड की आबादी 5391 हें जबकि बालूगंज वार्ड की आबादी 3955 है। ऐसे में बालूगंज वार्ड की आबादी पहले ही समरहिल वार्ड की आबादी से बहुत कम है।ऐसे में सीमाकंन करते समय जिला उपायुक्ती को दोनों वार्डों की आबादी बराबर करने की कोशिया करनी चाहिए थी। लेकिन बालूगंज वार्ड से बालूगंज बाजार को निकाल कर समरहिल में मिला दिया।
यहां यह उल्लेमखनीय है समरहिल वार्ड से वामपंथी पार्षद है जबकि नाभा से कांग्रेस पार्षद है। इनके वार्डों से कांटछांट की गई थी।
कांग्रेस विक्रमादित्य ने तो आज पुनसीर्मांकन को लेकर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारदवाज पर संगीन इल्जा म लगा दिए व कहा कि यह सब उन्हीं का करा धरा है। पुनर्सीमांकन के दौरान शहर में जबरदस्ती धांधली की गई है। कांग्रेस पार्टी बाकी वार्डों को लेकर भी अदालत का दरवाजा खटखटवाएगी। हालांकि आदालत ने वार्डो में आरक्षण रोस्टर को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया । समरहिल के याचिकाकार्ता ने समरहिल को महिलाओं को इस बार भी आरक्षित रखने पर आपति जताई थी।
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