शिमला। कोटखाई में दसवीं की छात्रा के साथ हुए गैंगरेप व मर्डर कांड में प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार की ओर से जांच के लिए गठित एसआईटी व बाकी की ओर से 6 जुलाई से 23 जुलाई तक क्या जांच की गई , का पूरा लेखा जोखा हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत शपथ पत्र पर मांग कर एसआईटी के सभी सदस्यों को संकट में डाल दिया हैं। इन सभी को ये शपथ पत्र बतौर अपने पद के नाम न देकर अपने नाम से सौंपना होगा। मतलब ये कि आईजी को बतौर आईजी नहीं बल्कि बतौर हजूर जैदी अदालत को ये बताना होगा कि उन्होंने इस मामले की जांच के दौरान क्या -क्या किया। इसी तरह एएसपी ,डीएसपी और कोटखाई चौकी के प्रभारी व जांच अधिकारी एएसआई को भी अपने नाम से ये शपथ पत्र में अदालत को बताना होगा कि उन्होंने अमूक- अमूक जांच की हैं।
एसआईटी ने अपना वकील अलग से किया हैं। एडवोकेट सत्येन वैदय एसआईटी की ओर से अदालत में पेश हुए।समझा जा रहा है कि एसआईटी व कोटखाई पुलिस चौकी के शुरू में जांच करने वालें मुलाजिम कानूनी शिकंजे में आने वाले हैं।
सीबीआई एसआईटी टीम से कई बार पूछताछ कर चुकी हैं व कइयों मोबाइल भी जब्त किए जा चुके हैं। अब फारेसिंक रिपोर्टों का इंतजार हैं।
बीते रोज प्रदेश हाईकोर्ट ने सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद पूरी एसआईटी को आज शुक्रवार के लिए तलब किया था। एसआईटी के प्रमुख हजूर एस जैदी समेत आज टीम में शामिल सभी सदस्य अदालत में हाजिर हुए। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व जस्टिस संदीप शर्मा की खंडपीठ ने एसआईटी से व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल कर छह जुलाई से 23 जुलाई तक इस मामले में क्या –क्या किया गया उसका पूरा लेखा जोखा मांग लिया हैं।
याद रहे, छह जुलाई को गुडिया की लाश नग्नावस्था में मिली थी। शुरू में कोटखाई पुलिस ने जांच शुरू की लेकिन स्थानीय लोगों ने पुलिस की जांच पर कई सवाल उठा दिए तो सरकार ने दा जुलाई को एसआईटी का गठन कर दिया। एसआईटी ने इस मामले में पहला आरोपी 12 जुलाई को गिर फ्तार कर लिया व बाकी के पांच आरोपी 13 जुलाई को पकड़े व पुलिस ने खुलासा किया कि गैंगरेप व मर्डर केस में सभी आरोपी पकड़ लिए हैं।लेकिन स्थानीय लोगों को पुलिस की थ्योरी पर भरोसा नहीं हुआ और शिमला, ठियोग व कोटखाई में आंदोलन शुरू हो गया । आंदोलन के दबाव के कारण सरकार ने सीबीआई जांच के लिए मामले को केंद्र सरकार के लिए रेफर कर दिया। इस बीच 19 जुलाई को हाईकोर्ट में बताया गया कि इस मामले में पकड़े गए एक आरोपी सूरज का अन्य आरोपी राजू ने पुलिस लॉकअप में कत्ल कर दिया हैं।
अदालत ने 19 जुलाई को ही इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया व सीबीआई ने 23 जुलाई को मामले की जांच शुरू कर दी। 23 जुलाई तक एसआईटी बहुत कुछ करती रही। हाईकोर्ट ने एसआईटी की ओर से जो कुछ भी 23 तारीख तक किया गया ,वही सब लेखा जोखा मांगा हैं।अदालत ने एक सप्ताह के भीतर ये सब कुछ अदालत को सौंपने का आदेश दिया हैं।
इस मामले में सीबीआई दो स्टेटस रिपोर्ट पहले ही अदालत में जमा करा चुकी हैं व इन रिपोर्टों को अदालत ने देख भी लिया ।लेकिन सीबीआई की रिपोर्ट में क्या हैं ये एसआईटी की टीम को मालूम नहीं हैं। ऐसे में एसआईटी शपथपत्र में क्या लिख कर देगी वो अगर सीबीआई रिपोर्ट से मेल नहीं खाती तो एसआईटी की टीम संकट में आ जाएगी।
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