शिमला। जयराम ठाकुर सरकार ने पिछली वीरभद्र सरकार की सरकार में हुए घोटालों की जांच का सिलसिला शुरू कर दिया है। इसके अलावा शराब के कारोबारियों के भी जयराम सरकार ने मजे लगा दिया है।
जयराम केबिनेट ने आज वीरभद्र सरकार में दो गोल्ड रिफाइनरियों को सवा चौदह करोड़ के एंट्री टैक्स को वापस करने के
मामले की विजीलेंस जांच कराने का फैसला लिया है। इससे पूर्व आबकारी मंत्री प्रकाश चौधरी और कई अधिकार संकट में आ सकते है। इसके अलावा बीमार उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू की गई रियायत योजना और जिला सोलन के चंबाघाट में सर्किट हाउस और अस्पताल भवन के निर्माण की भी जांच के फैसला लिया है। इन भवनों का
निर्माण पिछल्ली वीरभद्र सरकार में बिना मंत्रिमंडल की मंजूरी के शुरू कर दिया गया था।
याद रहे पिछल्ली वीरभद्र सिंह सरकार के कार्याकाल में जिला हमीपुर के नादौन स्थित नवतेड़ा टपपा कोहला गांव के मानपुर चौक पर
एंट्री कर के रूप में एजी गोल्ड और सिल्वर रिफाइनरी नामक दो फर्मों से 14 करोड़ के करीब टैक्स वसूला जाना था। इस बावत इन
दोनों फर्मो को वसूली के लिए नांटिस भी दिए गए। इस बीच दोनों फर्मों ने वीरभद्र सिंह सरकार को एक ज्ञापन दिया और उतराखंडसरकार के फैसले का हवाला देकर कहा कि वहां पर स्टॉक में सोने की छड़ों पर एंट्री टैक्स नहीं लगता है। इस टैक्स को जमा नकराने का आग्रह किया। एजी गोल्ड को 2013-14 और 24 -15 के 8 करोड़ 45 लाख 76 हजार 466 रुपए व सिल्वर रिफाइनरी को 2010 से लेकर 2016 तक पांच करोड़ 65 लाख 21 हजार रुपए का कर देना था। लेकिन वीरभद्र सिंह सरकार ने यह सारा कर मंत्रिमंडल की बैठक में माफ कर दिया।
जयराम मंत्रिमंडल ने आज के अपने फैसले में दो गोल्ड रिफाइनरीज के लिए कर की वापसी की योजना रद्द कर दी जाए और देय राशि के लिए अपराधिक षड़यंत्र रचने की जांच विजिलेंस विभाग से कराने का फैसला ले लिया। द्वारा की जाएगी और अपराधी की पहचानकर कानून के अनुसार दण्डित किया जाएगा।
इन दोनों गोल्ड रिफाईनरी इकाइयों को कर के रूप में 14,10,98,423 रुपये की बकाया राशि जमा करनी होगी।
ह भी निर्णय लिया गया कि राज्य में बीमार औद्योगिक इकाईयों के पुनरूद्धार के लिए प्रोत्साहन योजना की भी इसी प्रकार जांच करने का फैसला लिया।
विजीलेंस जांच शुरू करने के इन फैसलों के अलावा मंत्रिमण्डल ने आबकारी नीति, 2018-19 को भी स्वीकृति प्रदान की ।
आबकारी नीति से राज्य के राजस्व में वर्ष 2018-19 में लगभग 1552.88 करोड़ रुपए अर्जित करने में सहायता मिलेगी, जो वर्ष 2017-18 में अर्जित राजस्व से 271.33 करोड़ अधिक है अर्थात इसमें 21.17 प्रतिशत की समुचित वृद्धि होगी।
र्ईज आॅफ डुइंग बिजनेस अर्थात व्यापार में सुगमता की नीति के अनुरूप सोर्स लाइसेंस प्राप्त करने की शर्तों को आसान किया गया है तथा आबकारी करों की संख्या में भी कटौती की गई है।
जहां तक परचून विक्रेताओं का सम्बन्ध है, उन्हें अनलिफटिड मिनिमम ग्रांटेड कोटा की शर्तां में राहत प्रदान करते हुए बड़ी छूट दी गई है। आबंटन के समय परचून विक्रेताओं के लिए तय की गई सिक्योरिटी राशि को 18 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत किया गया है। यह निर्णय परचून विक्रेता व्यापार में निवेश के लिए पर्याप्त वर्किंग कैपिटल की उपलब्धता सुनिश्चित बनाएगा ।
मंत्रिमण्डल ने सत्त वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस वर्ष से पारदर्शी लॉटरी प्रणाली के माध्यम से रिटेल वैंड के आबंटन को स्वीकृति प्रदान की । मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वतंत्र रूप से होटलों तथा रेस्तराओं में बीयर उत्पादन के लिए माइक्रोब्रिवरी की स्थापना की नीति को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की।
मुख्य कच्ची सामग्री व बीयर पर आयात शुल्क कम करके तथा शराब की बिक्री (सीएल-कन्ट्री लिक्वर तथा आईएमएफएल-इण्डियन मेड फोरेन लिक्वर) पर अधिकतम बिक्री मूल्य प्रणाली लागू करके यह सुनिश्चित बनाया गया है। इससे लाईसेंस धारकों के बीच स्वच्छ तथा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा आएगी। दरों को सभी परचून दुकानों पर प्रदर्शित किया जाएगा। राज्य के लोगों के कल्याण के दृष्टिगत सीएल की प्रति बोतल पर एक रुपया तथा आईएमएफएल की प्रत्येक बोतल की बिक्री पर 2 रुपये एकत्र किए जाएंगे, जिसे क्रमश: एम्बुलेंस सेवाएं निधि तथा स्थानीय निकायों के कल्याण के लिए आवंटित किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में वाइन उत्पादकों को उनके उत्पाद सीधे तौर पर परचून क्रेताओं तथा बार में विक्री की अनुमति का निर्णय लेकर उन्हें बड़ी राहत प्रदान की गई है। वाईन उद्योग तथा बागवानी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक आबकारी करों को कम कियागया है तथा परिवहन शर्तों में भी छूट दी गई है, और साथ ही राज्य के बाहर तैयार की गई वाईन पर आयात शुल्क में बढ़ौतरी की गई है।
अन्य फैसलें
बैठक में आयुर्वेद विभाग में अनुबन्ध आधार पर आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों के 200 पदों को भरने की मंजूरी प्रदान की गई।
आयुर्वेदिक चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए 100 पद बैचवाईज तथा 100 पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे। यह
निर्णय राज्य के लोगों को उनके घरद्धार के समीप आयुर्वेद चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में मददगार होगा।
बैठक में किसानों को ऋण सुविधा के लिए हि.प्र. राज्य सहकारी कृषि तथा ग्रामीण विकास बैंक सीमित के पक्ष में राज्य सरकार की 325
करोड़ रुपये के गारंटी समर्थन 31 मार्च, 2019 तक जारी रखने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने कांगड़ा जिले के सलाह जन्द्राह स्थित राजकीय आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र का नाम शहीद जगदीश सिंह राणा के नाम पर
रखने का निर्णय लिया, जो शहीद के लिये श्रद्वांजलि होगी।
नौकरियां:
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती से सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के 12 पद भरने को
कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल पपरोला में पांच पद लैब तकनीशियन, एक पद अधीक्षक श्रेणी-2, एक पद
वरिष्ठ सहायक तथा एक पद कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आई.टी) के भरने के लिये स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में दो पद बागवानी प्रभारी और आयुर्वेदिक विभाग में एक पद सहायक वनस्पतिज्ञ के भरने का निर्णय लिया गया।
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