शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लाडले आईपीएस अफसर बीएनएस नेगी को सरकार ने 30 नवंबर को डीजीपी के पद पर प्रमोट किया और वो उसी दिन रिटायर भी हो गए। वीरभद्र सिंह सरकार का ये कारनामा बेहद दिलचस्प तो है ही साथ ही कायदे कानूनों पर कड्ी टिप्पणी भी है।
प्रदेश की मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सरकार में पिछले चार सालों में अजीब चलन चला है।
आलोचकों के मुताबिक देखने में आया है कि सरकार में शीर्ष ओहदों पर पहला हक नेगियों का है। उसके बाद लाहुल स्पिति और उसके बाद अपर शिमला के बाबूओं की ताजपोशी को तरजीह दी जा रही हैं। इसके बाद वीरभद्र समर्थक राजनीतिक क्लास का नंबर आता है।
बीएनएस नेगी 1988 बैच के आईपीएस अफसर थे व इन दिनों एडीजीपी सीआईडी के जिम्मा संभाल रहे थे। बीते रोज बुधवार को उनका नौकरी मेंआखिरी दिन था। सरकार ने उसी दिन उन्हें डीजीपी के पद पर पदोन्नत कर दियां उनके साथ ही इन दिनों हाशिए पर फंके गए आईपीएस अफसर पृथ्वी राज को भी डीजीपी के पद पर पदोन्नत कर दिया। हिमाचल कैडर के एक और आईपीएस अफसर जो कि इंटेलीजेंस ब्यूरो में तैनात है,को भी पदोन्नत कर दिया।
बीएनएस नेगी किन्नौर के रहने वाले है और नेगी हैं। आखिरी दिन उन्हें पदोन्नत करने कर फैसला किसी की समझ में नहीं आ रहा है। सचिवालय में एक आला अफसर की टिप्पणी थी कि सरकार के चहेतों के लिए दर्जनों फैसले ऐसे लिए गए हैं जो कि किसी के समझ में नहीं आते।
बीएनएस नेगी को डीजीपी के पद पर पदोन्नत करने की अधिसूचना को उनके दोस्त आईपीएस अफसरों ने आरटीआई कार्यकर्ताओं तक को तुरंत पहुंचा दिया।
जो भी वीरभद्र सिंह सरकार के इस कार्याकाल में अपनों को टाॅफियों की तरह रेवडियां बांटने का चलन खूब देखने में आया हैं। अपनों को इस तरह हर ओहदों पर बिठा देने का ये चलन आगे कया गुल खिलाएगा ये अलग मसला हैं। अगर सरकार बदली ओर कोई ओर सीएम बन गया तो कया वो सारे नेगियों को हाशिए पर धकेल देगा । क्या उनके केरियर तबाह कर दि जाएंगें। इस सरकार ने चीफ सेक्रेटरी के पद पर लाहुल स्पिति से जूनियर अफसर वी सी फारका को तैनात कर दिया। इसके लिए उनसे सीनियर तीन अफसरों दीपक सानन,विनीत चैधरी ओर उनकी बीवी उपमा चैधरी को पीछे धकेल दिया। इन तीनों ने अपने से जूनियर अफसर के नीचे काम करने से इंकार कर दिया और छुटटी पर चले गए। बाद में उपमा चैधरी को मोदी सरकार ने आईएएस अफसरों को ट्रेनिंग देने वाले मंसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अकादमी का निदेशक नियुक्त किया है। बाकी दो अफसर कतार में हैं।
जिला शिमला के शीर्ष ओहदों का आकलन करें तो यहां डीसी रोहन ठाकुर लाहुल स्पिति से है। उनके माता पिता भी आईएएस अफसर थे।एसपी की कुर्सी पर डीब्ल्यू नेगी तैनात है।एएसपी भजन नेगी हैं तो डीएसपी यातायात भी नेगी ही हैं। आलोचकों की माने तो आगे आने वाले समय में जब वीरभद्र सिंह सीएम नहीं रहेंगे तो नेगियों के साथ भेदभाव की ज्यादा गुंजाइश हैं।
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