शिमला। सरकार ने कुल्लू से भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद महेश्वर सिंह के श्री रघुनाथ मंदर को पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार के ट्रस्ट के अधीन लाने के फैसले को बदल दिया हैं। वीरभद्र सिंह सरकार ने इस मंदिर को सरकार के अधीन कर लिया था। जिसके खिलाफ महेश्वर सिंह अदालत भी गए। जयराम ठाकुर केबिनेट ने ये फैसला बदल कर यह मंदिर उन्हें वापस लौटा दिया। इसके अलावा
जयराम ठाकुर सरकार मंत्रिमंडल ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की परियोजनाओं के बकायों के करीब चार हजार करोड़ रुपए के बदले पंजाब व हरियाणा से बिजली लेने की इन राज्यों की पेशकश पर समझौता वार्ता आगे बढ़ाने को मंजूरी दे दी हैं।
पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के बाद भाखड़ा,पौंग और डेहर बिजली परियोजनाओं में हिमाचल का 9.17 फीसद का हिस्सा था। लेकिन पंजाब व हरियाणा इस हिस्से की अदायगी नहीं कर रहा था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर 2011 को आदेश दिया था हिमाचल के बकाया हिस्से की अदायगी की जाए। इस आदेश के बाद पंजाब व हरियाणा ने हिमाचल के हिस्से का भुगतान करना शुरू कर दिया था। लेकिन पिछल्ला एरियर जो चार हजार करोड़ के आसपास बनता था ,उसे देने से यह कह कर इंकार कर दिया था कि उनके पास पैसा नहीं हैं।
इस पर उन्होंने हिमाचल को हर साल एक अक्तूबर से लेकर 31 मार्च तक बिजली मुहैया कराने की पेशकश की हैं।
चूंकि प्रदेश में सर्दी की वजह से नदियां जम जाती हैं और ऊर्जा उत्पादन नहीं होता हैं ऐसे में प्रदेश को आहरी राज्यों से बिजली खरीदनी पड़ती हैं। विशेष सचिव अजय शर्मा ऊर्जा अजय शर्मा ने कहा कि मंत्रिमंडल से इस पेशकश पर वार्ता आगे बढ़ाने की मंजूरी ली गई हैं।
यह बिजली 13066 मिलियन यूनिट के करीब बनती हैं। औसतन 2.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से 3266 करोड़ रुपये की बिजली लेगा।
बिजली की ये खरीद इस पैसे की एवज में आगमी 10 से 12 की अवधि तक की जाएगी।
इसके अलावा मंत्रिमण्डल ने भारत सरकार द्वारा अपने शपथ पत्र में की गई गणना के अनुरूप ऊर्जा की वापसी की अवधि के दौरान समान वार्षिक किश्तों में 111.53 करोड़ रुपये की देनदारी की अदायगी के लिए समझौता वार्ता पर सहमति जताई। यदि पंजाब और हरियाणा राज्य ब्याज सहित भुगतान की बात करते हैं तो हिमाचल प्रदेश 6 प्रतिशत प्रीमियम के साथ ऊर्जा की वापसी की बात करेगा और 13066 मिलियन यूनिट ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त देनदारी नहीं होगी।
मंत्रिमण्डल ने पहली अक्तूबर से 31 मार्च के दौरान धान की फसल के दौरान पंजाब तथा हरियाणा में बिजली की कम आवश्यकता तथा सार्वजनिक हित में सर्दियों के महीनों के दौरान हिमाचल प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं के चलते पंजाब तथा हरियाणा से ऊर्जा वापसी के प्रस्तावों को मंजूरी दी।
मंत्रिमण्डल ने धर्मशाला में 9 जनवरी, से आरम्भ होने वाले 13वीं हि.प्र. विधानसभा के प्रथम सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण को अपनी स्वीकृति प्रदान की।
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने एक बड़ा फैसला लेते हुए भाजपा के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह के जिला कुल्लू के श्री रघुनाथ जी मंदिर को ट्रस्ट के अधीन लाने के पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार के फैसले को पलट दिया और इसे हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान एवं धर्मार्थ सावधि अधिनियम, 1984 की अनुसूचि-1 से बाहर रखने को मंजूरी प्रदान की।ये मामला अदालत में चल रहा था।
मंत्रिमण्डल ने डिमोबिलाईजड सशस्त्र बल (हिमाचल राज्य में गैर तकनीकी सेवा में रिक्तियों का आरक्षण) नियम, 1972 के नियम -5 (1) और पूर्व सेनिक (हिमाचल राज्य में तकनीकी सेवा में रिक्तियों का आरक्षण) नियम 1985 के नियम-5(1) को हटाने के सम्बन्ध में 5 अगस्त, 2017 को आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में लिए गए निर्णय की समीक्षा की तथा पूर्व सैनिकों को सिविल रोजगार में वेतन निर्धारण के लाभ को बहाल करने का निर्णय लिया। यह निर्णय उन्हें वित्तीय लाभों के लिए हकदार बनाएगा।
बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा पेड़ो के कटान पर लगाए गए प्रतिबन्ध में छूट देते हुए भारतीय राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण द्वारा कण्डाघाट से कैथलीघाट तक राष्ट्रीय उच्च मार्ग-22 पर फोरलेन के निर्माण के लिए हस्तांतरित व अधिग्रहण की गई निजी भूमि से कुछपेड़ों व पौधों को काटने की अनुमति प्रदान की गई।
शिमला हवाई अड्डे के नजदीक जाठिया देवी में आवासीय परियोजना के लिए हुड़कों से लिये गए ऋण के लिये सरकारी गारंटी को 28 फरवरी, 2021 तक बढ़ाने को भी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में अनुबन्ध आधार पर नियुक्त किए गए सेवानिवृत पटवारियों तथा कानूनगो की सेवाओं को नए पटवारियों का प्रशिक्षण पूरा होने तथा उनकी नियुक्ति होने तक जारी रखने का निर्णय लिया गया, ताकि आम लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मंत्रिमण्डल ने खड़ापत्थर-रोहडू सड़क को चौडा करने के अलावा 29.310 करोड़ रुपये की लागत से ठियोग-कोटखाई-खड्डापत्थर सड़क को चौड़ा करने तथा इसके विस्तार के शेष कार्य को पूरा करने का निर्णय लिया।
बैठक में वित्त सचिव द्वारा राज्य के वित्तीय संसाधनों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। बैठक में पूर्व सरकार द्वारा अंधाधुधे खोले गए सरकारी संस्थानों के कारण देनदारियां के बढ़नेो पर भी चर्चा की गई। खर्चों में कमी करने के लिए सुझाव मांगने के अतिरिक्त मंत्रिमण्डल ने कार्यों व सेवाओं में गुणवत्ता लाने तथा समय पर परियोजनाओं का कार्य पूर्ण करने के भी निर्देश दिए, ताकि परियोजना लागत में वृद्धि न हो।
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की 1 अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2016 तक की 45वीं वार्षिक रिपोर्ट को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत करने को मंजूरी प्रदान की।
बैठक में हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवाओं (श्रेणी-1) राजपत्रित के दो पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से नियमित आधार पर भरने को मंजूरी प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा का बिलासपुर में एम्स स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान करने के लिये आभार व्यक्त किया।
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