शिमला। प्रदेश सरकार का कर्ज 40 हजार करोड़ के पार पहुंचने के बावजूद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चुनावी साल का बजट पेश करते हुए तोहफो की झड़ी लगा दी। चौकी दारों से लेकर विधायकों तक को कुछ न कुछ तोहफा जरूर दिया । लेकिन मजदूरों की दिहाड़ी में जरा सी बढ़ोतरी की हैं जबकि इनकी दिहाड़ी बढ़ाने की जरूरत थी।
बजट में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सबसे बड़ी घोषणा बेरोजगारी भते को लेकर हैं। मुख्यमंत्री ने बारहवीं पास बेरोजगारों को एक हजार रुपया महीना बेरोजगारी भता देने का एलान किया हैं।विकलांगों के लिए ये 15 सौ रुपए हैं। ये भता दो तीन महीनों के भीतर अदा करना शुरू कर दिया जाएगा। ये कौशल विकास भते के अलावा होगा।
इसके लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपए का प्रावधान किया हैं। इसके अलावा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने व कांट्रेक्ट पर रखे कर्मचारियों को ग्रेड पे का 75फीसद अदा करने का एलान किया हैं। अभी तक काट्रेंक्ट कर्मियों को गेड पे का 50 फीसद मिलता था।
करीब साढ़े चार घंटे के अपने बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की आय के संसाधन कैसे बढ़ेंगे इस बारे कोई प्रारूप नहीं रखा ।कोई भी नया कर नहीं लगाया गया हैं।
कर्मचारियों को ये दिए तोहफे
बहरहाल बजट को लोकलुभावना रखने में कोई कोर कसर नहीं रखी गई हैं। मजदूरों की दिहाड़ी को दो सौ रुपए से बढ़ा कर दो सौ दस रुपए किया गया। ये मामूली सी बढ़ोतरी की।
पंचायत चौकीदारों का मानदेय 2050 से बढ़ाकर 2550 से ,पंचायत सिलाई टीचरों का मानदेय 2300 से 2800 रुपए कर दिया गया है। आशा वर्कर्स के मानदेय में सीधी 800 रुपए की बढ़ोतरी की हैं। आशा वर्कर्स को अब 1800 रुपए अदा किए जाएंगे। पहले एक हजार रुपए मिलते थे । अब आठ सौ रुपए राज्य सरकार अपने खजाने से अदा करेगी।
वीरभद्र सिंह ने कंप्यूटर टीचरों व आउट सोर्स पर रखे कर्मचारियों के लिए एक महीने के भीतर नीति बनाने का एलान किया।
नियमित कर्मचारियों व पेंशनरों को 1 जुलाई 2016 से तीन फीसद अतिरिक्त मंहगाई भता व 4फीसद मूल वेतन/मूल पेंशन पर 1 अगस्त 2017 से अंतरिम सहायता देने का एलान किया हैं।
विधायक क्षेत्रीय विकास निधि योजना के तहत हरेक विधायक की निधि एक करोड़ से एक करोड़ ,दस लाख रुपए कर दिया हैं।
बजट स्पीच में दावा किया गया हैं कि 2015-60 में प्रति व्यक्ति आय 135621 रुपए हो गई हैं व 2016-17 में इसके 147277 रुपए होने का अंदाजा लगाया गया हैं।
लेनि यहां महत्वपूर्ण ये हैं कि प्रदेश में 62 से 68 फीसद तक आबादी छोटे व सीमांत किसानों की हैं। इनके पास 12 बीघा से कम जमीन हें और सिंचाई का भी कोई साधन नहीं हैं। इनकी प्रतिव्यक्ति आय भी क्या इतनी ही हैं। ये बड़ा सवाल हैं।
इसके अलावा भी कई एलान किए हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पूरी बजट स्पीच पढ़ने के लिए निम्न यूआरएल पर क्लिक करे-:
http://reporterseye.com/cm-vurbhadra-singh-presented-budget-in-himachal-vidhansabha/
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सदन में कहा कि सरकार पद 31 मार्च 2016 तक 38568 करोड़ रुपए का कर्ज था । बजट भाषण के बाद मीडिया से रूबरू हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक प्रदेश सरकार 3400 करोड़ रुपए ही कर्ज ले सकती हैं। अगर सरकार ने 31 मार्च 2016 से लेकर अब ये 3400 करोड़ रुपए का कर्ज भी ले लिया हैं तो अब तक कुल कर्ज का आंकड़ा 42 हजार करोड़ के करीब पहुंच गया हैं।
2017 -18 के लिए वितीय घाटा 4946 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है जबकि राजस्व घाटा 1041 करोड़ आंका गया हैं।
बजट में आय बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं किया गया हैं व घाटे को कम करने के लिए कोई नया कर भी नही लगाया गया हैं।
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