शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल दिवस के मौके पर कोविड के दौर में कोरोना योद्धाओं की तरह काम करने वाले कर्मचारियों को अनुग्रह अनुदान प्रदान करने का एलान किया है। जिला मण्डी के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत पद्धर में आयोजित राज्यस्तरीय हिमाचल दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने वार्ड सिस्टर्ज, स्टाफ नर्सों, वार्ड व्यॉज, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और आशा कार्यकर्ता आदि ऐसे तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अप्रैल व मई महीने के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से अनुग्रह अनुदान प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ये लोग कोविड-19 के दौरान मरीजों की देखभाल में निरन्तर सेवारत हैं।
कोविड19 रोगियों की संख्या में वृद्धि के दृष्टिगत पर्यटन उद्योग पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए उन्होंने राहत अनुदान योजना में तीन महीने की वृद्धि कर जून 2021 तक बढ़ाने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, सभी होटलों, पर्यटक लॉजिज और पर्यटक इकाइयों के मांग शुल्क को दो महीनों के लिए स्थगित किया जाएगा और उनसे कोई विलम्ब अदायगी शुल्क नहीं वसूला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाद में असान किश्तों पर भुगतान का प्रावधान किया जाएगा। डिमांड शुल्क के स्थगन की सुविधा प्रदेश के निजी स्कूलों को भी उपलब्ध होगी
जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड महामारी का दुष्प्रभाव परिवहन क्षेत्र पर भी पड़ है। उन्होंने घोषणा की कि परिवहन व्यावसायियों के लिए भी उप अनुदान योजना तैयार की जाएगी ताकि उन्हें भी आसान शर्तों पर आर्थिक सहायता प्रदान की जा सके।
उन्होंने यह घोषणा भी की कि राज्य परिवहन में लगने वाले राज्य सड़क कर में अप्रैल से जून महीनों तक 50 फीसदकी छूट दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, कन्ट्रेक्ट कैरिज और टैक्सियों आदि को भी यात्री कर में अप्रैल से जून तक तीन महीने के लिए 50 फीसद की छूट दी जाएगी।
इस मौके पर उन्होंने पुलिस और गृह रक्षा के जवानों की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत मार्चपास्ट की सलामी ली और तिरंगे का अनावरण किया।परेड का नेतृत्व डीएसपी प्रणव चौहान ने किया।
मुख्यमंत्री ने स्वर्णिम हिमाचल दिवस के कार्यक्रम के अवसर पर प्रदेश के सभी पुलिस थानों में स्थापित महिला हैल्प डैस्क के लिए 136 टू-व्हीलर्ज को भी हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सैनानियों और महान धरती पुत्रों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने हिमाचल प्रदेश को एक अलग पहचान दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डा यशवंत सिंह परमार को भी स्मरण किया जिन्होंने हिमाचल प्रदेश को विशेष दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन को बड़ी दिशा दिखाई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने अस्तित्व में आने के उपरान्त शून्य से अपनी विकास यात्रा आरम्भ की। उस समय प्रदेश की शिक्षा दर केवल 4.8फीसद थी, यहां केवल 88 स्वास्थ्य संस्थान, 288 किलोमीटर सड़कें और केवल कुछ गांवों में पेयजल सुविधा उपलब्ध थी। उस समय विद्युत सुविधा भी केवल छह गांवों तक ही सीमित थी और प्रति व्यक्ति आय मात्र 240 रुपये थी। आज हिमाचल प्रदेश को देश के सबसे समृद्ध और प्रगतिशील राज्यों में आंका जाता है। आज यहां 38470 किलोमीटर सड़कों का जाल बिछने से राज्य के 14010 गांवों और 99 फीसद पंचायतों में सड़क सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है जबकि शेष पंचायतों को जल्द ही सड़क सुविधा प्रदान कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल को दिसम्बर 2019 में धुंआरहित राज्य घोषित कर दिया गया और इस लक्ष्य को प्राप्त करने वाला यह देश का पहला राज्य है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पूरी दुनिया कोविड19 से पीड़ित है और हमारा राज्य भी कोई अपवाद नहीं है। उन्होंने राज्य के लोगों से इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार की मदद के लिए आगे आने का आग्रह करते हुए कहा कि लोग सरकार के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि वे दवाई भी,कड़ाई भी के मंत्र के साथ टीकाकरण अभियान में शामिल हों।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान मार्च पास्ट में भाग लेने वाली टुकड़ी के टीम लीडरों को सम्मानित किया। उन्होंने लोगों को कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ने और प्रदेश को प्रगति व खुशहाली के पथ पर आगे ले जाने के लिए सामूहिक प्रयास करने की शपथ भी दिलाई।
इस अवसर पर एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। एकलव्य कला मंच ने इस अवसर पर सड़क सुरक्षा पर एक प्रस्तुति दी।
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