नई दिल्ली/शिमला। साढ़े तीन साल पहले भ्रष्टाचारियोंं का खत्मा करने का हल्ला मचाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे वीरभद्र सिंह से बृहस्पिवार को भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपित एकत्रित करने केे मामले में मोदी सरकार की सीबीआई ने करीब सात घंंटे पूछताछ की।सीबीआई 81 साल के बुजुर्ग हिमाचल के मुख्यमंत्री को आज शुक्रवार को भी पूछताछ के लिए बुलाया है।पूछताछ सीबीआई के मुख्यालय में हुई है जो आज भी जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बृहस्पिवार को सीबीआई के समक्ष पेश हुए इसके बाद सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे से सीबीआई ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी जो लगातार सात घंटे तक चलती रही। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वीरभद्र सिंह को आज अरेस्ट करने काकोई प्रोग्राम नहीं था।वो सीबीआई मुख्यालय से शाम को बाहर आए।
इससे पहले सीबीआई ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को इस मामले में 31मई को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा था लेकिन वो पेश नहीं हुए थे। इस पर सीबीआई ने अदालत में अर्जी डालने वाली थी कि वीरभद्र सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहे है। बताते है कि मुख्यमंत्री ने सीबीआई को कोई मेडिकल सर्टिफिेकेट दिखा दिया तो सीबीआई ने बृहस्पिवार को पेश होने के लिए कहा था।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक उनसे पूछताछ के बाद बाकी लोगों से भी क्रॉस पूछताछ की जाएगी। पूछताछ के दौरान सीबीआई ने मुख्यमंत्री के वकीलों को साथ रहने की इजाजत नहीं दी।सीबीआई मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 6.03 करोड़ रुपए का हिसाब किताब लेना चाहती है।वीरभद्र सिंह ने अपने एजेंट के जरिए पांच करोड़ की एलआईसी कराई थी ये पांच करोड़ आनंद चौहान के अपने खाते से गए थे! हालांकि बाद में वीरभद्रसिंह ने इस आय को अपनी कृषि (सेब)आ बताया था व इंकम रिटर्न भी रिवाइज की थी।आरोप ये है कि वीरभद्र सिंह बतौौर स्टील मंत्री करोड़ोंों में रिश्वत ली थी व उसका पैसा सफेद किया जा रहा है।
उधर, सूत्रों के मुताबिक इस मामले में मुख्यमंत्री के सेब के बगीचे को संभालने वाले व एलआइसी एजेंट आनंद चौहान की तलाश कर रही है। कहा जा रहा है कि सीबीआई पिछले तीन दिनों से कुफरी व उनके बाकी के ठिकानों पर दबिश दे रही है लेकिन सीबीआई को वो मिल नहीं रहे है।
गौरतलब हो कि सीबीआई ने वीरभद्र सिंह के केंद्र में बतौर स्टील मंत्री रहतेे हुए 2009 से 2012 के बीच एकत्रित की बेहताशा संपति को लेकर मामला दर्ज किया था। उनके शिमला में हॉलीलॉज समेत कई ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी भी की थी। सीबीआई ने तब दावा किया था कि छापेमारी में एजेंसी को बहुत से महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं।सीबीआई की छापेमारी के बाद वीरभद्र सिंह ने हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिए थे कि वो वीरभद्र सिंह को अरेस्ट करने व पूछताछ करने से पहले अदालत को अवगत कराए।
सीबीआई ने हिमाचल हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट मेंचुनौती दे दी और सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हिमाचल हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट शिफ्ट कर दिया था।
दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की याचिका पर पहले ही सुनवाई चल रही है। अब ये मामला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। बड़ा सवााल है कि क्या सीबीआई वीरभद्र सिंह को अरेेस्ट कर पाएगी। सीबीआई उतराखंड के सीमए हरीश रावत से भी एक स्टिंग आपरेशन के मामले पर पूूछताछ कर रही है।
सीबीआई की इस सारी कार्रवाई को वीरभद्र सिंह प्रेम कुमार धूमल, उनके पुत्र व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और मोदी सरकार व वित मंत्री अरुण जेटली की करामात मान रहे है।
याद रहे कि वीरभद्र सिंह व प्रधानमंत्री मोदी की आपस में दोस्ती है व सीबीआई मोदी के अधीन है। इसी मामले में इडी ने मामला दर्ज कर रखा है व वीरभद्र सिंह , उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, उनके पुत्र विक्रमादित्य और पुत्री अपराजिता सिंह की कई संपितयां अटैच कर रखी है।इडी जेटली के अधीन है व जेटली धूमल व उनके पुत्र अनुराग ठाकुर के बेहद करीबी है। बताते है कि अनुराग ठाकुर जेटली के कारण ही बीसीसीआई के अध्यक्ष बने है।
उधर, वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में धूमल व उनके दोनों बेटों अनुराग ठाकुर व अरुण ठाकुर के खिलाफ मामले चला रखे है। धूमल की संपतियोंं की जांच भी विजीलेंस से करवाई जा रही है। जिसे वीरभद्र सिंह के लाडले पुलिस अफसर व शिमला के एसपी डी डब्ल्यू नेगी डरते- डरते कर रहे है।
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