शिमला।मनी लांड्रिंग मामले में मोदी सरकार के प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में फंसे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मोदी सरकार के वित मंत्री अरुण जेटली और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पर तीखा हमला बोला है।उन्होंने कहा कि मेरे सब्र की भी सीमा है,धूमल की संपतियों की जांच चल रही है।अगर मेरे खिलाफ साजिश चलती रही तो वो भी पीछे नहीं रहेंगे। उन पर पब्लिक का दबाव है कि धूमल के खिलाफ इतने सारे तथ्य है,फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।वो चाहते है कि धूमल परिवार की जो संपति प्रदेश है ,उसकी जांच प्रदेश की एजेंसी करे और जो प्रदेश के बाहर जैसे जालंधर ,दिल्ली व बाकी स्थानों पर उसकी जांच सीबीआई करती। लेकिन सीबीआई अब राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित करने का इंस्ट्रूमेंट बन गई है।ऐसे में उन्हें भरोसा नहीं है।वीरभद्र सिंह ने कहा कि वो शांति चाहने वाले व्यक्ति है।वो नहीं चाहत कि ये डर्टी खेल खेला जाए।
ईडी की ओर से गिरफतारी किए जाने के क्यासों के बीच उन्होंने मोदी सरकार के वित मंत्री पर शंका जाहिर की कि इस मामले से उनसे उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी से वो उम्मीद दकरते है कि वो अपनी सरकार की अथारिटी का मिसयूज नहीं होने देंगे व उन्हें इंसाफ मिलेगा। इस तरह वीरभद्र सिंह ने जेटली व मोदी के व्यक्तित्व का विश्लेशषण कर दांव चला है।उन्होंने कहा कि उनसे तो अभी पूछताछ भी नहीं हुई है,गिरफतारी कहां से होगी।
प्रर्वतन निदेशालय की ओर से मनी लांड्रिंग केस में अटैच की उनकी प्रापर्टी को लेकर उन्होंने कहा कि असल में ये इनकम टैक्स का मामला है। केंद्र सरकार ने अपनी सारी एजेंसियों से जांच करा ली है अब ईडी बची है, इससे भी जांच करा लें।उन्होंने आरोप लगाया कि पहले भाजपा के लोग अखबारों में खबरें प्लांट कराते है व उसके बाद उस पर राजनीति करते है। आय छिपाने के लिए जाली दस्तावेज तैयार करने के आरोपों को उन्होंने पूरी तरह से नकार दिया।
भाजपा नेता धूमल के इस बयान पर कि बजट सत्र में सरकार गिर सकती है पर वीरभद्र सिंह ने उन्हें चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो वो ऐसा करके बताए। भाजपा नेता उतराखंड कांड से उत्साहित है,वो सोच रहे है कि वो यहां भी ऐसा कर सकते है। लेकिन यहां पूरी पार्टी एक है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल में भाजपा वीरभद्र सिंह के नाम से डरती है।इसलिए वो उनका कत्ल करना चाहती।ये पूछे जाने पर कि वो राजनीतिक के कत्ल की बात कर रहे है। इस पर उन्होंने कहा कि भाजपा उनका राजनीतिक कत्ल करना चाहती है अगर उनका बस चलें तो वो उनकी जान भी ले लें। लेकिन उनका जितना उत्पीड़न किया जाएगा, उनका राजनीतिक ग्राफ उतना ही बढ़ेेगा।
आज विधानसभा में भाजपा द्वारा किए गए वाकआउट पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह सारी सोची समझी साजिश है और समाचार पत्रों में खबरें प्लांट की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र एजेंसियों द्वारा उनसे अभी तक कोई पूछताछ नहीं हुई और ये मात्र शगूफे के लिए भाजपा द्वारा हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे कतई भी डर नहीं है और मैंने कोई गलत काम नहीं किया है। कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब उन्हें प्रताडि़त किया गया,तब-तब उनका राजनीतिक ग्राफ बढ़ा है।ये पूछे जाने कि भाजपा नेता धूमल उनसे इस्तीफा मांग रहे। उन्होंने उलटा सवाल किया ,उन्हें इस्तीफा क्यों देना चाहिए। ये कुछ कहेंगे और वैसा ही हो जाएगा।वीरभद्र सिंह ने कहा के उनकी सरकार संकट में नहीं है,संकट में धूमल है।वीरभद्र सिंहभाजपाइयों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वो चूहे हें और वो खुद शेर हैं ऐसे में वो उनका शिकार क्या करेंगे।
उन्होंने धर्मशाला नगर निगम में भाजपा के साफ हुए सुपड़े की याद दिलाते हुए धूमल पर हमला बोला और कहा कि अगर धूमल वहां प्रचार नहीं करते तो हो सकता है कि बीजेपी की दो तीन और सीटें आ जाती। धूमल के अलावा धर्मशाला में भाजपा के प्रदेश प्रभारी, शांता कुमार समेत कई बड़े दिग्गज प्रचार में बैठे रहे। लेकिन वहां भाजपा की बुरी तरह से हार हुई।उन्होंने भाजपा व धूमल को चुनलौती दी है कि वो उन्हें चुनाव में हराएं,साजिशें काम नहीं आएंगी।
फोटो-फाइल फोटो
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